पाठ -4 इन्द्रधनुष
1.नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਰੰਗ = रग ਪ੍ਰਭੂ = प्रभु
ਕਿਰਨਾ = किरणें ਖੁਸ਼ੀ = खुशी
2.नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं, इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखिए:-
ਬੱਦਲ मेघ ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ इन्द्रधनुष
ਅਕਾਸ਼ नभ ਧਰਤੀ धरा
ਛੇਕ छेद ਵਿਹੜਾ आँगन
ਵਰਖਾ, ਮੀਂਹ वर्षा ਕੁਦਰਤ प्रकृति
ਅਚਾਨਕ सहसा ਝੂਲਾ झूला
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो वाक्यों में लिखें:-
प्रश्न (क) कविता में बादलों का रंग कैसा बताया गया है?
उत्तर: कविता में बादलों का रंग काला बताया गया है।
प्रश्न (ख) वर्षा के बाद प्रकृति कैसी दिखाई देती है?
उत्तर:-वर्षा के बाद प्रकृति हरी-भरी दिखाई देती है।
प्रश्न (ग) वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर क्या दिखाई देता है?
उत्तरः- वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर इन्द्रधनुष दिखाई देता है।
प्रश्न (घ) इंद्रधनुष का आकार कैसा होता है?
उत्तर:-इन्द्रधनुष का आकार आधे गोले का और झूले जैसा होता है।
प्रश्न (ङ) कवि ने इन्द्रधनुष के लिए अन्य कौन सा शब्द प्रयोग किया है?
उत्तर: कवि ने इन्द्रधनुष के लिए सतरंगा (प्रभु का झूला) शब्द का प्रयोग किया है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:-
प्रश्न (क) सावन के महीने में प्रकृति हरी-भरी क्यों दिखाई देती है?
उत्तर:-सावन के महीने में काले-काले बादल उमड़-घुमड़ कर आते हैं और बहुत अधिक वर्षा करते हैं। जिससे सारी प्रकृति हरी-भरी दिखाई देती है।
प्रश्न (ख) इस माह की अन्य क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:-इस माह में आकाश में घने बादलों को देखकर बच्चे, बूढ़े एवं युवा सभी खुशी से झूम उठते हैं। लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। मोर नाचते हैं। सारी वन संपदा हरी-भरी हो जाती है और आकाश में इंद्रधनुष दिखाई देता है।
प्रश्न (ग) वर्षा ऋतु से हमें मुस्कराते रहने का क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: जिस प्रकार वर्षा ऋतु खुशी से मुस्कुराती हुई सतरंगी बन जाती है उसी प्रकार हमें भी मुस्कुराकर चारों ओर खुशियों के रंग बिखेर देने चाहिए।
5. इन्द्रधनुष के चित्र को देखो और नीचे दिए गये शब्दों के पर्याय ढूँढकर लिखें:-
1) प्रभु = परमात्मा, ईश्वर
2) मेघ = जलद, बादल
3) नभ = आकाश, गगन
4) किरण = कर, मयूख
6. कविता की पंक्तियाँ पूरी करें:-
(क) वर्षा थमी धरा महकी.
प्रकृति दिखती हरी-भरी।
(ख) नभ पर रंगों का मेला
अर्ध-वृत्त जैसा फैला।
(ग) हृदय हार नभ रानी का.
मोहित मन हर प्राणी का।
7. पढ़ो. समझो और दो- दो नए शब्द बनाओ:-
र् + य = र्य = सूर्य, कार्य
र् + म = में = कर्म, धर्म
र् + च = र्च = चर्च, खर्च
र् + ष = र्षा = वर्षा, हर्षा
प् + र = प्र = प्रकृति, प्राप्त
क्र + र = क्र = क्रान्ति, क्रम
द् + र = द्र = द्रव्य, दरिद्र
ब + र = ब्र = ब्राज़िल, कब्र
8. सोचिए और लिखिए:-
(i) इन्द्रधनुष का चित्र बनायें और उसमें अध्यापक की मदद से स्वयं रंग भरें ।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
(ii) इंद्रधनुष में कौन-कौन से रंग होते हैं?
उत्तर: बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।
(iii) सावन के महीने का आनन्द लें। इस महीने की रोचक बातें अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखें।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
(iv) यदि वर्षा न हो तो क्या होगा?
उत्तर: यदि वर्षा ना हो तो सूखा पड़ जाएगा। फसलों को पूरा पानी न मिलने की वजह से अकाल की स्थिति हो जाएगी।
(v) यदि वर्षा अधिक होगी तो क्या होगा?
उत्तर: यदि वर्षा अधिक होगी तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और पानी ज़्यादा मिलने के कारण फसलें खराब हो जाएंगी।
9. चित्र देखकर अपनी कल्पना से पाँच वाक्य लिखें।
(i) बच्चे वर्षा में नाच रहे हैं।
(ii) लड़कियाँ झूला झूल रही हैं।
(iii)वर्षा के कारण जल-थल हो गया है।
(iv) रिमझिम वर्षा हो रही है।
(v) पक्षी वर्षा से बचने के लिए घोंसलों की ओर जा रहे हैं।
तैयार कर्ता :- दीपक कुमार, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल कुदनी, संगरूर
पाठ 1 प्रार्थना (कविता)
पाठ 2. सबसे बड़ा धन
पाठ 3 जय जवान ! जय किसान
पाठ 4. इन्द्रधनुष
पाठ 5 ईमानदार शंकर
पाठ 6. मैं और मेरी सवारी