विषय बोध
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए ।
प्रश्न 1 बूढ़े मनोहर सिंह का नीम का पेड़ किस के पास गिरवी था ?
उत्तर: बूढ़े मनोहर सिंह का नीम का पेड़ ठाकुर शिवपाल सिंह के पास गिरवी था ।
प्रश्न 2 ठाकुर शिवपाल सिंह रुपए न पाए जाने पर किस बात की धमकी देता है ?
उत्तर: शिवपाल सिंह रुपए न लौटाए जाने पर नीम का पेड़ काटने की धमकी देता है ।
प्रश्न 3 मनोहर सिंह ने रुपए लौटाने की मोहलत कब तक की माँगी थी?
उत्तर: मनोहर सिंह ने रुपए लौटाने की मोहलत एक सप्ताह तक की माँगी थी ।
प्रश्न 4 नीम का वृक्ष किसका लगाया हुआ था ?
उत्तर: नीम का वृक्ष बूढ़े मनोहर सिंह के पिता के हाथ का लगाया हुआ था ।
प्रश्न 5 तेजा सिंह कौन था?
उत्तर: तेजा सिंह गाँव के एक प्रतिष्ठित किसान का 15 – 16 साल का बेटा था।
प्रश्न 6 ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज अदा हो जाने के बाद मनोहर सिंह ने अपने नीम के पेड़ के विषय में क्या निर्णय लिया ?
उत्तर: ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज अदा हो जाने के बाद मनोहर सिंह ने अपना नीम का पेड़ तेजा सिंह को देने का निर्णय लिया।
भाग-2निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1 मनोहर सिंह ने नीम के पेड़ को गिरवी क्यों रखा?
उत्तर: मनोहर सिंह ने एक बार कुछ भूमि ठाकुर शिवपाल सिंह से लगान पर लेकर खेती करवाई। वर्षा न होने के कारण सब चौपट हो गया। फसल न होने के कारण वह ठाकुर शिवपाल सिंह को लगान न पहुँचा पाया। लगान न मिलने के कारण ठाकुर शिवपाल सिंह ने मनोहर सिंह का नीम का पेड़ गिरवी रखने को कहा। इस तरह मजबूर होकर मनोहर सिंह को अपना नीम का पेड़ गिरवी रखना पड़ा ।
प्रश्न 2 ठाकुर शिवपाल सिंह नीम के पेड़ पर अपना अधिकार क्यों जताते हैं?
उत्तर: मनोहर सिंह ने ठाकुर शिवपाल सिंह से खेती करने के लिए कुछ रकम उधार ली थी। फसल न होने की वजह से मनोहर सिंह उसका ऋण चुका नहीं पाया। शिवपाल सिंह ने कहा कि अगर तुम पैसे नहीं लौटाओगे तो तुम्हारा यह नीम का पेड़ तब तक मेरा हो जाएगा। इस तरह ठाकुर शिवपाल सिंह नीम के पेड़ पर अपना अधिकार जमा रहा था।
प्रश्न 3 मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल सिंह से अपने नीम के वृक्ष के लिए क्या आश्वासन चाहता था?
उत्तर : मनोहर सिंह जब ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज न चुका पाया तो उसने अपना नीम का पेड़ ठाकुर के पास गिरवी रख दिया और कहा कि जब तक वह कर्ज नही चुका पाता, तब तक पेड़ ठाकुर का रहेगा लेकिन वह यह आश्वासन चाहता था कि वह उस पेड़ को कटवाएँगे नहीं ।
प्रश्न 4 नीम के वृक्ष के साथ मनोहर सिंह का इतना लगाव क्यों था ?
उत्तर: मनोहर सिंह का नीम के वृक्ष के साथ बहुत लगाव ता। इसका मुख्य कारण यह था कि यह पेड़ उनके पिता जी के हाथ का लगाया हुआ था। इसके साथ उसका बचपन बीता था ।इस पेड़ के उसके परिवार पर बहुत उपकार थे। वह इस पेड़ को अपने पिता की यादगार मानता था ।
इसलिए उसका वृक्ष के साथ लगाव होना स्वाभाविक था।
प्रश्न 5 मनोहर सिंह ने अपना पेड़ बचाने के लिए क्या उपाय किया ?
उत्तर : मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज न उतार पाया तो ठाकुर ने पेड़ कटवाने की जिद की । मनोहर सिंह ने अपना पेड़ बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी हर कोशिश विफल रही । अंत में उसने निश्चय किया कि वह अपने जीते जी पेड़ को काटने नहीं देगा । जब ठाकुर शिवपाल सिंह के मजदूर पेड़ को काटने के लिए आए तो मनोहर सिंह ने तलवार निकाल ली और उन्हें डरा धमका कर वापस लौटा दिया। इस तरह से उसने अपना पेड़ बचाने की कोशिश की ।
प्रश्न 6 मनोहर सिंह की किस बात से तेजासिंह प्रभावित हुआ?
उत्तर : मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल सिंह के कर्ज में दबा हुआ था। उसका नीम के पेड़ से बहुत लगाव था क्योंकि वह उसके पिता के हाथ का लगाया हुआ था। वह किसी भी हालत में उसे कटने नहीं देना चाहता था। वह पेड़ की रक्षा के लिए मर मिटने को तैयार था। जब मनोहर सिंह ने अपनी यह बातें तेजासिंह को सुनाई तो उसकी इन बातों से तेजा सिंह बहुत प्रभावित हुआ ।
प्रश्न 7तेजासिंह ने मनोहर सिंह की सहायता किस प्रकार की?
उत्तर: तेजा सिंह मनोहर सिंह की सहायता करने के लिए पहले पच्चीस रुपये लेकर आया । जब उसके पिता को पता चला तो उसने वे रुपए वापस ले लिए । उसके बाद तेजा सिंह ने अपनी नानी की दी हुई सोने की अंगूठी मनोहर सिंह को दी जिस पर उसके पिता का कोई हक नहीं था। इस प्रकार तेजा सिंह ने मनोहर सिंह की सहायता करने की कोशिश की।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6 या 7 पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1 मनोहर सिंह का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: मनोहर सिंह ‘अशिक्षित का ह्रदय‘ कहानी का मुख्य पात्र है। उसकी आयु 55 वर्ष के लगभग है। पहले वह फौज में नौकरी करता था। अब वह अकेला रहता है। उसका कोई सगा-संबंधी नहीं है। वह एक मेहनती व स्वाभिमानी व्यक्ति है। वह ठाकुर शिवपाल सिंह से कर्ज लेकर फसल उगाना चाहता था। लेकिन वर्षा न होने के कारण पैदावार नहीं हुई तथा वह ठाकुर का कर्ज नही चुका सका और अपना नीम का पेड गिरवी रख दिया। वह अत्यंत विनम्र हृदय वाला भावुक व्यक्ति है। उसको अपने पेड़ से बहुत लगाव है क्योंकि वह उसके पिता के हाथ का लगाया हुआ है। इसलिए जब ठाकुर पेड़ को कटवाना चाहता है तो उसे बहुत दु:ख होता है। वह किसी भी हालत में पेड़ को काटने देना नहीं चाहता तथा ठाकुर के जिद करने पर वह पेड़ के लिए मर मिटने को तैयार हो जाता है। तेजा सिंह पेड़ को बचाने में उसकी सहायता करता है तो वह उसे पेड़ का मालिक बनाने की घोषणा करता है। इस प्रकार वह एक सरल हृदय वाला अशिक्षित ग्रामीण व्यक्ति होते हुए भी अपनी महानता का परिचय देता है।
प्रश्न 2 तेजा सिंह का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: तेजा सिंह ‘अशिक्षित का ह्रदय‘ कहानी का एक पात्र है। वह 15 –16 वर्ष का एक बालक है। उसके पिता गाँव के एक प्रतिष्ठित किसान हैं। वह प्रकृति से प्रेम करने वाला एक भावुक बालक है। जब उसे पता चलता है कि मनोहर सिंह के पेड़ को कटवाया जा रहा है तो वह अपनी अँगूठी दे कर उसके ऋण को चुकाने में उसकी सहायता करता है। उसके प्रकृति प्रेम तथा साहसी स्वभाव को देखकर मनोहर सिंह अंत में अपना पेड़ उसके नाम करने की घोषणा करता है। अतः तेजासिंह के चरित्र में अत्यंत मानवीय गुण मौजूद हैं।
प्रश्न: ‘अशिक्षित का ह्रदय‘ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: ‘अशिक्षित का हृदय‘ कहानी एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। इस कहानी में लेखक ने एक अशिक्षित ग्रामीण व्यक्ति मनोहर के सरल ह्रदय का परिचय दिया है। मनोहर सिंह को अपने नीम के पेड़ से बहुत लगाव है क्योंकि वह उसके पिता के हाथ का लगाया हुआ है। कर्ज न उतार पाने के कारण उसे पेड़ ठाकुर के पास गिरवी रखना पडता है। जब ठाकुर पेड़ को काटने की बात करता है तो उसके सरल हृदय को बहुत ठेस पहुँचती है। वह पेड़ की रक्षा के लिए मर मिटने को भी तैयार हो जाता है। इस तरह हमें इस कहानी से प्रकृति की रक्षा का संदेश मिलता है।
भाषा बोध:
निम्नलिखित शब्दों के दो- दो पर्यायवाची शब्द लिखिए ।
घर : सदन भवन निकेतन
गंगा : देवनदी, सुरनदी, भागीरथी
वृक्ष : पेड़, तरु, पादप
बेटा : सुत, पुत्र ,
प्रश्न : निम्नलिखित शब्दों से विशेषण शब्द बनाएं:-
सप्ताह – साप्ताहिक समय – सामयिक
निश्चय – निश्चित प्रतिष्ठा – प्रतिष्ठित
स्मरण – स्मरणीय अपराध – आपराधिक
प्रश्न : निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर इनका वाक्य में प्रयोग कीजिए:-
बुढ़ापा बिगड़ना (वृद्धावस्था में मुश्किलें आना) पुत्र के देहांत के बाद करमचंद का बुढ़ापा ही बिगड़ गया।
सीधे मुंह बात न करना (ठीक से न बुलाना) जब से अमर सिंह की नौकरी लगी है वह किसी से सीधे मुँह बात नहीं करता।
जान एक कर देना (बहुत मेहनत करना) परीक्षा में अच्छे अंक लेने के लिए विद्यार्थी जान एक कर देते हैं।
क्रोध के मारे लाल होना (बहुत गुस्सा आना) राम ने जब शाम को गाली दी तो वह क्रोध के मारे लाल हो गया।
तीन तेरह करना (बेकार की बातें करना) रवि कभी काम की बात तो करता नही। हर समय बस तीन तेरा ही करता रहता है।
नाक कटवाना (बदनाम करवाना) मोहन ने चोरी करके अपने खानदान की नाक कटवा दी।
चेहरे का रंग उड़ना (घबरा जाना) साँप को सामने देखकर मोहन के चेहरे का रंग उड़ गया।
प्रश्न: पंजाबी से हिंदी अनुवाद कीजिए :-
ਠਾਕੁਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਨੋਹਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਤੇਜਾ ਨੂੰ ਬੁਲਾ ਕੇ ਛਾਤੀ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਤੇ ਕਿਹਾ , ਪੁੱਤਰ ਇਸ ਦਰੱਖਤ ਨੂੰ ਤੂੰ ਹੀ ਬਚਾਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਮੇਰੇ ਪਿੱਛੋਂ ਤੂੰ ਇਸ ਦਰੱਖਤ ਦੀ ਪੂਰੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇਂਗਾ।
ठाकुर साहब के चले जाने के बाद मनोहर सिंह ने तेजा को बुलाकर छाती से लगाया और कहा,” पुत्र इस पेड़ को तुम ने ही बचाया है इसलिए आप मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे बाद तुम इस पेड़ की पूरी रक्षा कर सकोगे।
ਸ਼ਿਵਪਾਲ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਆਦਮੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ,” ਵੇਖਦੇ ਕੀ ਹੋ ? ਇਸ ਬੁੱਢੇ ਨੂੰ ਫੜ ਲਓ ਅਤੇ ਦਰੱਖਤ ਕੱਟਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿਓ ।
शिवपाल सिंह ने अपने आदमियों को कहा,” देखते क्या हो इस बूढ़े को पकड़ लो और पेड़ काटना शुरू कर दो।”
लेखन: डॉ.सुमन सचदेवा, हिंदी अध्यापिका, स.ह. स्कूल (लड़के),मंडी हरजीराम, मलोट