प्रातः काल की सैर

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  प्रातः काल का समय शांत, निर्मल व सुहावना होता है। ऐसे समय में सैर करने से फेफड़ों को शुद्ध हवा मिलती है, जिस से वे स्वस्थ रहते हैं। शरीर में ताजगी आती है। सुबह के समय पेड़ ऑक्सीजन अधिक मात्रा में छोड़ते हैं। उस समय उनके पास अधिक समय रहना स्वस्थ बनाता है। पक्षी अपने घोंसलों से बाहर निकल आते हैं। उनका मधुर स्वर मन को खुशी देता है। धीरे-धीरे बहती खुशबु मन को ताजगी प्रदान करती है। घास पर पड़ी ओस की बूँदें मोती की तरह लगती हैं। उगते सूरज की लाली व किरणों में अंधकार के साथ कई कीटाणुओं को खत्म करने की क्षमता होती है। प्रातः काल की सैर खुले मन से करनी चाहिए| प्रकृति का आनंद लेना चाहिए। हरी घास पर नंगे पाँव चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। उम्र लंबी व शरीर स्वस्थ होता है। मैं भी रोज अपने मित्र के साथ प्रातः काल की सैर को जाता हूं। हम नजदीक ही एक पार्क में सैर करते हैं। वहाँ पक्षी चहचाने की आवाज़ मन को खुश कर देती है। हम जानते है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए हम सब को प्रातः कल की सैर करनी चाहिए।

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