सेवा में
मुख्य संपादक
रोजाना भारत
पंजाब।
दिनांक….
विषय : बाल श्रम एक अपराध
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से ‘बाल श्रम: एक अपराध’ विषय पर अपने विचार रखना चाहता हूँ। “बाल श्रम को सरकार द्वारा एक अपराध घोषित कर दिया गया है। फिर भी बहुत से घरों, दुकानों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि पर बहुत से बच्चे मज़दूरी करते हुए दिखाई देते हैं। इन बच्चों की आयु अभी पढ़ने की होती है। इन बच्चों से बहुत काम लिया जाता है और उन्हें पूरी मजदूरी भी नहीं दी जाती। सरकार द्वारा बाल मजदूरी को रोकने के लिए जो कानून बनाए गए हैं,उनका कठोरता से पालन करना बहुत जरूरी है। कानून को तोड़ने वालों को कठोर से कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। अगर जनता भी सरकार को सहयोग देगी तो इस अपराध को रोकने में हमें सफलता मिलेगी।”
मैं आशा करता हूँ कि आप मेरे इस लेख को अपने समाचार पत्र में स्थान देंगे।
धन्यवाद सहित,
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तैयारकर्ता: डॉ० सुमन सचदेवा, हिंदी मिस्ट्रेस, सरकारी हाई स्कूल, मंडी हरजी राम (लड़के) मलोट, ज़िला श्रीमुक्तसर साहिब