पाठ 10 कविता चिड़िया का गीत (कक्षा छठी)

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पाठ 10 चिड़िया का गीत

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਘਰ – घर                            ਅੰਡੇ – अंडे                ਸੰਸਾਰ – संसार

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:-
ਸ਼ਕਲ – आकार                    ਕੋਮਲ, ਨਾਜ਼ੁਕ – सुकुमार
ਟਹਣਿਆਂ – शाखाएँ                ਆਲ੍ਹਣਾ – घोंसला
ਤੀਲੇ – तिनके                       ਖੰਭ – पंख
ਦੂਨੀਆ – संसार                    ਖਿੰਡੇਰ – पसार

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:-
प्रश्न (क) चिड़िया के घर का आकार सबसे पहले कैसा था?
उत्तर- चिड़िया के घर का आकार सबसे पहले अंडे जैसा था।

प्रश्न (ख) चिड़िया का घोंसला किस चीज़ से बना था?
उत्तर- चिड़िया का घोंसला सूखे तिनको से बना था।

प्रश्न (ग) पेड़ की शाखाएँ कैसी थीं?
उत्तर- पेड़ की शाखाएँ हरी भरी और कोमल थीं।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:-
प्रश्न (क) खुले आसमान में उड़ते हुए चिड़िया को क्या समझ में आया?
उत्तर- खुले आसमान में उड़ते हुए चिड़िया को यह समझ में आया कि यह संसार बहुत बड़ा है। दूर-दूर तक फैला हुआ है। यह मेरे घोंसले या पेड़ की शाखाओं तक ही सीमित नहीं बल्कि यह तो बहुत बड़ा है।

प्रश्न (ख) प्रस्तुत कविता में कवि ने अंडा, घोंसला, शाखा और आसमान द्वारा चिड़िया के ज्ञान की निरंतर प्रगति दिखाई है। क्या आपको भी छठी कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते कोई प्रगति अपने आप में दिखाई दे रही है? यदि हाँ, तो अपनी प्रगति अपनी भाषा में लिखें।
उत्तर- हाँ, छठी कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते मेरे ज्ञान में अत्यधिक प्रगति हुई है। आरंभ में जब मैंने कक्षा में प्रवेश किया था, मुझे बिल्कुल भी अक्षर ज्ञान नहीं था। धीरे-धीरे मैंने वर्णमाला सीखी, फिर मैंने शब्द बनाने सीखे और अब मैं वाक्य भी अच्छी तरह बना लेता हूँ। इस तरह मेरे भाषा ज्ञान में काफी प्रगति हुई है।

5. कविता की पंक्तियाँ पूरी करें:-
क.   फिर मेरा घर बना घोंसला
सूखे तिनकों से तैयार।
ख.   आखिर जब मैं आसमान में
उड़ी दूर तक पंख पसार,
तभी समझ में मेरी आया।
बहुत बड़ा है यह संसार।।

6. चिड़िया के घोंसले में से चुनकर पर्यायवाची शब्द लिखें:-

गृह,            आलय,    जग,         जगत     नीड़,           घरौंदा      कोमल,          मृदु     टहनी,         डाली          नभ,          गगन

घर                  –             गृह, आलय
संसार              –             जग, जगत
घोंसला             –            नीड़, घरौंदा
सुकुमार           –             कोमल, मृदु
शाखा              –             टहनी, डाली
आसमान          –             नभ, गगन

7. विपरीत शब्दों का मिलान करें-
सूखे                              बाद में                    गीले
सुकुमार                        सूखी                       कठोर
पहले                            छोटा                       बाद में
दूर                               पास                        पास
हरी-भरी                       गीले                        सूखी
बड़ा                             कठोर                      छोटा

8. ‘सुकुमार’शब्द में ‘कुमार: शब्द के आगे ‘सु’ शब्दांश लगा है। इसी प्रकार ‘सु’ लगाकर नए शब्द बनायें-
सु + पुत्र = सुपुत्र                                        सु + पुत्री = सुपुत्री
सु + गंध = सुगंध                                        सू + कोमल = सुकोमल
सु + कर्म = सुकर्म                                      सु + नयन = सुनयन

9. कविता में ‘मैं’ सर्वनाम के चार रूप आये हैं। इसी प्रकार अन्य सर्वनाम के रूप लिखें-
मैं    –       मेरा, मेरी, मेरे
हम   –     हमारा, हमारी, हमारे
तू    –       तेरा, तेरी, तेरे
तुम –        तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे

10. करिये और जानिये
दिये गये संकेतों की सहायता से ‘यदि मेरे पंख होते’ विषय पर लिखें।
खूले आसमान में दूर-दूर तक उड़ता
शुद्ध वायु में सांस लेता
बिना किसी वाहन से दूर-दूर तक घूमता
प्राकृतिक सौंदर्य को निहारता
बागों में जाकर मीठे फल खाता
दुर्घटना का डर न रहता
बहुत मज़ा आता
उत्तर – यदि मेरे पंख होते तो मैं भी पक्षियों की तरह खुले आसमान में दूर-दूर तक उड़ता और शुद्ध वायु में साँस लेता। फिर मैं बिना वाहन के दूर-दूर तक घूमता। फिर मैं प्राकृतिक सौंदर्य को भी निहारता। बागों में जाकर मीठे फल खाता। मुझे किसी दुर्घटना का भी डर न रहता। काश मेरे भी पंख होते तो मुझे बहुत मज़ा आता।

तैयार कर्ता – सोनिया बंसल, हिंदी अध्यापिका, सरकारी हाई स्कूल, बुर्ज लध्धा सिंह वाला, बठिंडा

पाठ 7 सूरज (कविता)
पाठ 8 प्रायश्चित
पाठ 9 रोमाँचक कबड्डी मुकाबला
पाठ 10 चिड़िया का गीत
पाठ 11 दूध का दूध पानी का पानी
पाठ 12 रेणुका झील
पाठ 13 काश! मैं भी

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