पद्यांश आधारित अति महत्वपूर्ण प्रश्न
(IV) पाठ्य-पुस्तक के पद्यांश पर आधारित पाँच प्रश्न पूछे जाएँगे। तीन प्रश्नों के उत्तर पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखने के लिए होंगे। अन्य दो प्रश्न कठिन शब्दों के अर्थ / पद्द्यांश के केन्द्रीय भाव/मूल भाव से सम्बन्धित दिए जाएँगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। 5×5=5
पाठ-1 (हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती)
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींव चैन से त्यागो तुम,
संघर्ष करो मैदान छोड़ो मत भागो तुम,
प्रश्न 1. असफलता क्या है?
उत्तरः- असफलता एक चुनौती है।
प्रश्न 2. हिम्मत करने वालों की कभी क्या नहीं होती ?
उत्तरः- हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।
प्रश्न 3. जीवन में मनुष्य को हमेशा क्या करना चाहिए?
उत्तरः- जीवन में मनुष्य को हमेशा संघर्ष करना चाहिए।
प्रश्न 4. ‘चुनौती’ शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तरः- ललकार।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- कवि ने जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।
डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है,
जा-जा कर खाली हाथ लौट आता है,
मिलते न सहज ही मोती पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में,
प्रश्न 1. सिन्धु में डुबकियाँ कौन लगाता है?
उत्तरः- सिन्धु में डुबकियाँ गोताखोर लगाता है।
प्रश्न 2. गोताखोर सागर में क्या ढूँढ़ने जाता है?
उत्तरः- गोताखोर सागर में मोती ढूँढ़ने जाता है।
प्रश्न 3. गोताखोर सागर से मोती निकालने के लिए क्या करता है?
उत्तर- गोताखोर सागर से मोती निकालने के लिए डुबकियाँ लगाता है।
प्रश्न 4. ‘सहज’ शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर:- आसान।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- हिम्मत एवं उत्साह से कार्य करने वालों की कभी हार नहीं हो सकती।
पाठ-4 (राखी की चुनौती)
मैं हूँ बहिन किन्तु भाई नहीं है,
है राखी सजी पर कलाई नहीं है।
है भादों, घटा किन्तु छाई नहीं है
नहीं है खुशी पर रूलाई नहीं है,
प्रश्न 1. राखी बाँधने के लिए बहन के पास कौन नहीं है?
उत्तरः- राखी बाँधने के लिए बहन के पास भाई नहीं है।
प्रश्न 2. राखी का त्योहार किस महीने में मनाया जाता है ?
उत्तर:- राखी का त्योहार सावन महीने में मनाया जाता है।
प्रश्न 3. राखी का त्योहार है लेकिन आकाश में क्या नहीं दिखाई दे रहे हैं ?
उत्तर:- राखी का त्योहार है लेकिन आकाश में बादल नहीं दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 4. ‘रूलाई’ शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर- रोना।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- देश को स्वतन्त्र कराने के लिए जेल में बन्द भाइयों पर बहनों को गर्व है।
पाठ-7 (नवयुवकों के प्रति)
दो पथ, असंयम और संयम हैं तुम्हें अब सब कहीं।।
पहला अशुभ है, दूसरा शुभ है इसे भूलो नहीं।।
पर मन प्रथम की ओर ही तुमको झुकावेगा अभी,
यदि तुम न सम्भलोगे अभी तो फिर न संभलोगे कभी ।।
प्रश्न 1. कवि ने नवयुवकों को कैसे कर्म करने की प्रेरणा दी है?
उत्तरः- कवि ने नवयुवकों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा दी है।
प्रश्न 2. जीवन में कौन-से दो रास्ते हैं?
उत्तरः- जीवन में असंयम और संयम दो रास्ते हैं ।
प्रश्न 3. पहला रास्ता कौन-सा है?
उत्तरः- पहला रास्ता अशुभ है।
प्रश्न 4. पथ शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तरः- रास्ता ।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- इस पद्द्यांश में नवयुवकों को शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है।
पाठ-10 (रब्बा मींह दे-पानी दे)
पानी से हरियाली होती-खेतों में खुशहाली होती।
क्या मवेशी क्या वन या बूटे-पानी बिन जीवन से छूटे।
आओ, पानी नष्ट करें न, प्रदूषित या व्यर्थ करें न।
मेरे देश के जन-जन को, यह सीख सुहानी दे।। (3)
प्रश्न 1. पानी से खेतों में क्या आती है?
उत्तरः- पानी से खेतों में हरियाली आती है।
प्रश्न 2. कौन पानी के बिना नष्ट हो जाएँगे।
उत्तरः- पानी के बिना मवेशी, वन, पेड़-पौधे नष्ट हो जाएँगे।
प्रश्न 3. हमें क्या व्यर्थ नहीं करना चाहिए?
उत्तरः- हमें पानी व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 4. मवेशी शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तरः- पशु।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- पानी को बचाने की प्रेरणा दी गई है।
चाहे इसका रंग नहीं है- अपनी कोई उमंग नहीं है।
फिर भी यह जिसमें मिल जाता-उसके रंग में ही खिल जाता।
गम में आँखों में आ जाता और खुशी में यही रूलाता,
पर दुः ख को अपना समझे-हर आँख को पानी दे।
प्रश्न 1. किसका कोई रंग नहीं है?
उत्तरः- पानी का कोई रंग नहीं है।
प्रश्न 2. पानी का स्वभाव कैसा है?
उत्तरः- पान का स्वभाव मिलनसार है।
प्रश्न 3. पानी किसको अपना समझता है?
उत्तरः- पानी दुःख को अपना समझता है।
प्रश्न 4. उमंग शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तरः- उत्साह ।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझने की प्रेरणा दी है।
पाठ-13 (माँ)
ईश्वर का वरदान है माँ
सब रिश्तों में महान् है माँ।
जब जीवन का पाठ पढ़ाती माँ
तब किताब बन जाती माँ।
कथनी में उसकी शिष्टाचार है।
करनी में उसकी संस्कार है।
प्रश्न 1. माँ किसका वरदान है?
उत्तरः- माँ ईश्वर का वरदान है ।
प्रश्न 2. सब रिश्तों में से कौन-सा रिश्ता सर्वोतम है?
उत्तर- सब रिश्तों में से माँ का रिश्ता सर्वोतम है।
प्रश्न 3. माँ किताब कब बन जाती है ?
उत्तरः- जब जीवन का पाठ पढ़ाती है ।
प्रश्न 4. कथनी शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर- कही गई बात।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- इस पद्यांश में माँ की महिमा का गुणगान किया है।
पाठ-16 (गिरिधर की कुंडलियाँ)
बिना विचारे जो करे; सो पाछे पछताय।
काम बिगारौ आपनो; जग में होत हँसाय ।।
जग में होत हँसाय; चित्त में चैन न पावे।
खान पान सम्मान; राग रंग मनहि न भावे ।।
कह गिरधर कविराय; दुः ख कछु टरत न टारे।
खटकत है जिय माहिं; कियो जो बिना बिचारे ।।
प्रश्न 1. बिना सोचे समझे काम शुरू करने वाले व्यक्ति को अंत में क्या करना पड़ता है?
उत्तरः- अंत में पछताना पड़ता है।
प्रश्न 2. काम बिगड़ जाने पर दुनिया वाले क्या उड़ाते हैं?
उत्तर:- काम बिगड़ जाने पर दुनिया वाले हँसी उड़ाते हैं।
प्रश्न 3. बिना सोचे समझे काम शुरू करने वाले व्यक्ति के मन में क्या बना रहता है?
उत्तर:- व्यक्ति के मन में अशांति और भय बना रहता है।
प्रश्न 4. बिगारे शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर:- बिगाड़े।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- मानव को कभी भी बिना सोच विचार काम नहीं करना चाहिए।
पाठ-19 (होंगे कामयाब)
होंगी शान्ति चारों ओर-एक दिन हो हो मन में है विश्वास,
पूरा है विश्वास होंगी शान्ति चारों ओर एक दिन।
हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ,
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
प्रश्न 1. एक दिन चारों तरफ क्या होगी?
उत्तर- एक दिन चारों तरफ शान्ति होगी।
प्रश्न 2. मन में चारों तरफ शान्ति होने का कारण क्या है?
उत्तरः- मन में चारों तरफ शान्ति होने का कारण विश्वास है।
प्रश्न 3. हम कैसे चलेंगे?
उत्तरः- हम आपस में सहयोग करते हुए मिलजुल कर चलेंगे।
प्रश्न 4. शान्ति शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर:- अमन ।
प्रश्न 5. पद्यांश का केन्द्रीय भाव/मूल भाव लिखें।
उत्तरः- हमें मिलजुल कर रहना चाहिए।