(क) विषय – बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए —
(i) बचेंद्री पाल ने बचपन में क्या दृढ़ निश्चय कर लिया था?
उत्तर- बचेंद्री पाल ने बचपन में ही निश्चय कर लिया था कि वह परिवार में किसी से पीछे नहीं रहेगी और न ही केवल वह करेगी जो लड़के करते हैं अपितु उनसे भी अच्छा करेगी।
(ii) बचेंद्री पाल के माता-पिता किस बात से दु:खी थे?
उत्तर- बचेंद्री पाल के माता-पिता इस बात से दु:खी थे कि उनके बच्चे ऐसे सपनों की दुनिया में रहते थे जो कभी साकार नहीं हो सकते थे।
(iii) बचेंद्री पाल ने किन मैदानी खेलों में कप जीते?
उत्तर- बचेंद्री पाल ने गोला फेंक, डिस्क फेक व लंबी दौड़ आदि मैदानी खेलों में भी अनेक कप जीते।
(iv) बचेंद्री पाल ने कब अपने आप को पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्पित किया?
उत्तर- जब बचेंद्री पाल ने एम. ए., बी. एड. की परीक्षा पास कर ली, तब उसने अपने आप को पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया।
(v) रैपलिंग का क्या अर्थ है?
उत्तर- रैपलिंग का अर्थ है- ऊँची चट्टान अथवा हिमखंड से एक नाइलॉन की रस्सी के सहारे कुछ ही क्षणों में नीचे आना।
(vi) बचेंद्री पाल और अंग दोरजी ने बर्फ काटने के लिए किस चीज़ का इस्तेमाल किया?
उत्तर- उन्होंने शीशे की चादरों की भाँति जमी हुई बर्फ को काटने के लिए फावड़े का इस्तेमाल किया था।
(vii) एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन है?
उत्तर- एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला बचेंद्री पाल हैं।
(viii) एवरेस्ट पर आनंद के क्षणों में बचेंद्री पाल को किन का ध्यान आया?
उत्तर- एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने के बाद आनंद के क्षणों में बचेंद्री पाल को सबसे पहले अपने माता-पिता का ध्यान आया।
(ix) बचेंद्री पाल को कौन-कौन से पुरस्कार दिए गए?
उत्तर – बचेंद्री पाल को स्वर्ण पदक, पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार दिए गए।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए-
(i) दस साल की आयु में ही बचेंद्री पाल निडर और स्वतंत्र कैसे बन गई थी?
उत्तर- दस साल की आयु में ही वह जंगलों और पहाड़ियों पर प्राय अकेली ही घूमा करती थी प्रकृति के साथ उसके खिलाफ लो उसे निडर और स्वतंत्र बना दिया था पर बसंत के दिनों में प्रवासी पक्षियों के झुंडों को देखने अकेले ही चुपचाप घर से निकल पड़ती थी जो सर्दियों में मैदानों में रहते थे इस प्रकार वे निडर और स्वतंत्र प्रकृति वाली बालिका बन गई थी
(ii) बचेंद्री पाल प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले ही कौन-कौन सी दौड़ का अभ्यास करना शुरू कर देती थी?
उत्तर- वस्तुतः बचेंद्री पाल हर प्रकार की बाहरी खेलों में विशिष्टता प्राप्त करना चाहती थी विशेष रूप से लड़कों के साथ होने वाली प्रतियोगिताओं में से तीन लंगड़ी,सुई-धागे वाली दौड़, बोरा दौड़ और सिर पर पानी भरा मटका रखकर होने वाली दौड़ आदि का अभ्यास प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले पूरी मेहनत से करने लगती थी।
(iii) बचेंद्री पाल ने अपनी शिक्षा कैसे प्राप्त की?
उत्तर- बचेंद्री पाल ने आठवीं कक्षा की परीक्षा अच्छे अंको से पास की थी किंतु उनके पिता ने कहा कि वह उस को स्कूल भेजने का खर्च नहीं उठा सकते किंतु बचेंद्री पाल उच्च शिक्षा प्राप्त करने का निश्चय कर लिया था मैं घर के काम करती और वह अपना अपने हिस्से के काम की अपेक्षा उससे भी कहीं अधिक काम करती और अपने मित्रों से पुस्तकें उधार लेकर देर रात तक पढ़ती रहती इसके बाद उसने सिलाई का काम करके अपनी शिक्षा का खर्च निकाल लिया और अपनी मां और बहन की सहायता से किसने अमित संस्कृत में बी. एड. की उपाधि प्राप्त की।
(iv) बचेंद्री पाल ने नेहरू संस्थान के पर्वतारोही कोर्स में क्या क्या सीखा?
उत्तर – बचेंद्री पाल ने नेहरू संस्थान के पर्वतारोही कोर्स में पर्वत पर चढ़ने संबंधी अनेक नियम व्यावहारिक रूप से सीखे वहां उसने रेलिंग के रोमांच का अनुभव किया है इसके साथ ही चट्टान बर्फ तथा हिम पर चढ़ने की उच्च तकनीक ऐसी कि उन्होंने अभियान को आयोजित करने का भी प्रशिक्षण लिया
(v) तेनजिंग ने बचेंद्री पाल की तारीफ में क्या कहा?
उत्तर – एक बार महान पर्वतारोही तेनजिंग ने हँसते हुए कहा था कि तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।
(vi) एवरेस्ट पर पहुंचकर बचेंद्री पाल ने घुटनों के बल बैठ कर क्या किया?
उत्तर- बचेंद्री पाल ने शिखर पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठकर बर्फ पर अपने माथे को लगाकर सागर माथे के ताज का चुंबन किया। बिना उठे ही उसने अपने थैले से दुर्गा मां का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला।उन्हें लाल कपड़े में लपेटा। छोटी-सी पूजा अर्चना की और बर्फ में दबा दिया उस समय बहुत अधिक आनंद मग्न होकर अपने माता-पिता को भी स्मरण किया और अपने संगीसाथी अंग दोरजी का आदर सम्मान किया।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ: या सात पंक्तियों में दीजिए-
(i) बचेंद्री पाल का चरित्र- चित्रण कीजिए।
उत्तर- बचेंद्री पाल के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं —
स्वप्नदृष्टा – बचेंद्री पाल बचपन से ही ऊँचे स्वप्न देखने वाली थी। वह ऐसा कुछ कर दिखाना या बनना चाहती थी जो पुरुष भी नहीं कर सकते।
मेधावी छात्रा- बचेंद्री पाल मेधावी छात्रा भी रही है। उसने एम. ए.संस्कृत व बी.एड. की परीक्षाएँ पास की। पर्वतारोहण संस्थान में भी ‘ए‘ ग्रेड में सफल रही।
सफल खिलाड़ी- बचेंद्री पाल एक सफल खिलाड़ी भी थी। उसने खेल प्रतियोगिताओं में अनेक पुरस्कार प्राप्त किए। गोला फेंक,डिस्क फेंक, लंबी दौड़ आदि मैदानी खेलों में भी उसने अनेक कप जीते।
भारत की प्रथम पर्वतरोही महिला- बचेंद्री पाल ने चट्टानों पर चढ़ने की नई-नई तकनीकें सीखी। उसकी हिम्मत और योग्यता को देखते हुए उसे 1984 के आई.एम.एफ. के एवरेस्ट अभियान के लिए चुना गया। 23 मई, 1984 को उसने उच्चतम शिखर पर विजय प्राप्त की है। भारत की प्रथम और विश्व की पाँचवीं महिला बन गई जिसने एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने में विजय प्राप्त की। वह एक सफल पर्वतारोही होने के साथ-साथ अच्छी लेखिका भी है।
(ii) बचेंद्री पाल के एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने का वर्णन कीजिए।
उत्तर- 1984 में शुरू होने वाले एवरेस्ट अभियान में चुने जाने के बाद बचेंद्री पाल ने पूरी लगन से तैयारी शुरू कर दी थी। उसने स्वयं ही ऊँची-ऊँची पहाड़ियों में ढलान ऊपर चढ़कर अपना संतुलन बना लिया था। 8 मई, 1984 का एवरेस्ट अभियान आरंभ हुआ। अंत में 23 मई, 1984 को ने कठिनाइयों को साहस पूर्वक पार करती हुई दोपहर एक बजकर सात मिनट पर एवरेस्ट की चोटी पर पहुंच गई थी वहाँ पहुंच कर वह बहुत खुश थी और उसने अपनी सफलता के लिए भगवान का धन्यवाद किया। एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला और विश्व की पाँचवीं महिला बन गई।
(ख) भाषा -बोध
(i) निम्नलिखित एकवचन शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए-
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
किताब किताबें कमीज़ कमीज़
तकनीक तकनीकें चट्टान चट्टानें
चादर चादरें साँस साँसें
लड़की लड़कियाँ मटका मटके
धागा धागे परीक्षा परीक्षाएँ
इच्छा इच्छाएँ श्रेणी श्रेणियाँ
(ii) निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए—
शब्द उपसर्ग मूल शब्द
प्रवासी प्र वासी
प्रशिक्षण प्र शिक्षण
प्रशिक्षक प्र शिक्षक
परिवार परि वार
अभियान अभि यान
(iii) निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए –
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
पढ़ाई पढ़ आई
ऊँचाई ऊँचा आई
चढ़ाई चढ़ आई
न्यूनतम न्यून तम
बचपन बच पन
सफलता सफल ता
कठिनाई कठिन आई
सुरक्षित सुरक्षा इत
लेखन:- रजनी बजाज, हिंदी अध्यापिका, स. स. स. स. बहिमन दीवाना, बठिंडा