भाग (क) विषय-बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए।
(i) सुख का स्वाद किन लोगों को अधिक प्राप्त है?
उत्तर- सुख का स्वाद उन लोगों को अधिक प्राप्त है जो सुख प्राप्त करने के लिए पहले कड़ी मेहनत करते हैं।
(ii) लेखक के अनुसार किन लोगों के लिए आराम ही मौत है?
उत्तर- लेखक के अनुसार जिन लोगों को आराम आसानी से मिलता है उनके लिए आराम हराम होता है।
(iii) ‘त्यक्तेन भुंजीथा:’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- ‘त्यक्तेन भुंजीथा:’ का अर्थ है – जीवन का भोग त्याग के साथ करो।
(iv) अकबर ने कितने वर्ष की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को हराया था?
उत्तर- अकबर ने 13 वर्ष की आयु में अपने पिता के दुश्मन को हराया था।
(v) महाभारत का युद्ध किन-किन के मध्य हुआ था?
उत्तर- महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के मध्य हुआ था।
(vi) महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत का क्या कारण था?
उत्तर- महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत का यह कारण था कि उन्होंने लाक्षागृह की मुसीबत झेली थी और वनवास के जोखिम को पार किया था।
(vii) साहसी व्यक्ति की पहली पहचान क्या है?
उत्तर-साहसी व्यक्ति की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं।
(viii) लेखक के अनुसार साधारण जीव कौन-से हैं?
उत्तर- लेखक के अनुसार जो लोग अपने आस-पड़ोस के लोगों को देख अपना जीवन जीते हैं, वे साधारण जीव हैं।
(ix) लेखक ने किन्हें क्राँन्ति करने वाले लोग कहा है?
उत्तर-जो लोग अपने उद्देश्य की तुलना पड़ोसी के उद्देश्य से नहीं करते।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए।
1.लेखक के अनुसार नींद तथा भोजन का वास्तविक आनंद किन्हें मिलता है?
उत्तर- लेखक के अनुसार भोजन का वास्तविक आनंद उसे मिलता है जो कई दिनों से भूखा हो और नींद का असली आनंद उसे मिलता है जिसने सारा दिन कड़ी मेहनत की हो । जो व्यक्ति संयम से नहीं खाता हो उसे भोजन का असली स्वाद नहीं पता चल सकता और जो व्यक्ति बिना कुछ काम किए सारा दिन पंखों के नीचे खिड़कियाँ बंद कर सो जाते हैं, उन्हें नींद का आनंद नहीं मिल सकता।
2. जीवन में असफलता मिलने पर भी साहसी मनुष्य क्या करता है?
उत्तर- जीवन में असफलताएं मिलने पर भी साहसी मनुष्य घबराता नहीं। वह कभी भी हार नहीं मानता। वह हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए हिम्मत जुटाता है। अपने सपने दोबारा सजाता है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत करता रहता है।
3. महान निश्चय व बड़े मौके पर कायरता दिखाने वाले व्यक्ति का जीवन कैसा होता है?
उत्तर- महान निश्चय व बड़े मौके पर कायरता दिखाने वाले व्यक्ति का जीवन सारे सुखों से वंचित रहता है। कायर व्यक्ति को मृत्यु के समय उसकी आत्मा कोसती है, धिक्कारती है कि उसने हिम्मत नहीं की और वह जिंदगी से हार मान कर भाग खड़ा हुआ।
4. जिंदगी में जोखि़म से बचने के कारण क्या हानि होती है?
उत्तर- जिंदगी में जोखिम से बचने के कारण यह हानि होती है कि व्यक्ति अपने ही घेरे में कैद हो जाता है और ठीक ढंग से जिंदगी नहीं जी पाता। जोखिम से बचने की कोशिश में वह हिम्मत नहीं करता और जिंदगी में कोई भी सफलता प्राप्त करने का इच्छुक नहीं होता। अतः उसका जीवन नीरस हो जाता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए।
1. साहसी व्यक्ति के कोई पाँच गुण लिखें:-
उत्तर- साहसी व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण उसका साहस होता है। इसी गुण के कारण उसके बाकी गुण पैदा होते हैं। साहसी व्यक्ति ऊंचे सपने देखता है अपने लक्ष्य निर्धारित करता है और उन सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वह अथक प्रयास करता है। यदि वह जिंदगी में कभी और असफल हो भी हो जाए तो वह हिम्मत नहीं हारता और अपनी मंजिल प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है। साहसी व्यक्ति दूसरे लोगों को देखकर अपनी जिंदगी नहीं जीता।वह इस बात की परवाह नहीं करता कि लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं। वह अपने जीवन को सार्थक बनाने का हर संभव यत्न करता है।
2. निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए:-
(क) जो लोग पाँव भीगने के खौफ़ से पानी से बचते रहते हैं, समुंदर में डूब जाने का खतरा उन्हीं के लिए है। लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है,वह मोती लेकर बाहर आएंगे।
उत्तर- ‘हिम्मत और ज़िंदगी’ पाठ के आधार पर लेखक इन पंक्तियों के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि जो लोग हिम्मत हार कर बैठ जाते हैं, वह जिंदगी में कभी भी कुछ प्राप्त नहीं कर सकते। जो लोग पांव भीगने के डर से समुद्र के अंदर नहीं जाते, वे कभी भी समुद्र में गोता लगाकर मोती प्राप्त नहीं कर सकते। जो लोग परिश्रमी होंगे, निडर होंगे, वही समुद्र में गोता लगाएंगे और मोती लेकर वापस आएंगे अर्थात मेहनत करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी के सारे सपने पूरे कर सकता है, आलसी व्यक्ति नहीं।
(ख) अगर रास्ता आगे ही आगे निकल रहा है तो फिर असली मज़ा तो पांव बढ़ाते जाने में है।
उत्तर- लेखक इन पंक्तियों के माध्यम से यह बताना चाहता है कि परिश्रम करना जिंदगी का सबसे बड़ा मूलमंत्र होता है। अतः हमें निरंतर साहस से आगे बढ़ते रहना चाहिए। यदि हम कभी असफल भी हो जाए तो हमें हार न मानकर आगे बढ़ते रहना चाहिए ताकि हम अपने सपनों को पूरा करके जिंदगी के असली अर्थ को समझ सकें और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकें।
(ग) अरे ओ जीवन के साधको !अगर किनारे की मरी हुई सीपियों में ही तुम्हें संतोष हो जाए, तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक कोष को कौन बाहर लाएगा?
उत्तर- इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह स्पष्ट करना चाहता है कि यदि मनुष्य को समुद्र के तट पर अनगिनत सीपियां मिल जाती हैं और मनुष्य उन्हें इकट्ठा करके संतुष्ट हो जाता है तो समुद्र के बीच जाकर मोती प्राप्त करने की उसकी इच्छा मर जाती है अर्थात वह थोड़ी सी चीज प्राप्त करके संतुष्ट हो जाता है। लेकिन अगर उसे खज़ाना पाने की इच्छा है तो हिम्मत और साहस से ही समुद्र के भीतर जाकर मोतियों को प्राप्त किया जा सकता है।
(घ) कामना का आंचल छोटा मत करो। जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो,रस की निर्झरी तुम्हारे बहाए भी बह सकती है।
उत्तर- इन पंक्तियों में लेखक यह बताना चाहता है कि यह संसार इतनी खुशियों से भरा है कि तुम भी उन सब का आनंद उठा सकते हो। हमें अपनी इच्छाओं का आँचल छोटा नहीं रखना चाहिए। हमें बड़े- बड़े लक्ष्य प्राप्ति के सपने देखने चाहिए और जैसे-जैसे हम उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करेंगे तो हमें सब कुछ प्राप्त होता जाएगा।
भाग (ख) भाषा बोध
1. निम्नलिखित तत्सम शब्दों के तद्भव रूप लिखिए-
तत्सम तद्भव तत्सम तद्भव
पुष्प फूल मृत्यु मौत
हस्त हाथ ओष्ठ होंठ
रात्रि रात गृह घर
लाक्षा लाख कर्म काम
2.निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझ कर उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
दाँव पर लगाना (किसी वस्तु की बाज़ी लगाना) नशे के आदी राम लाल ने अपना घर- बार भी दाँव पर लगा दिया।
पाँव बढ़ाना (तेज़-तेज़ चलना, आगे बढ़ना) बस पकड़ने के लिए राघव अपने पाँव बढ़ाने लगा ।
3.निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखें-
अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध
रेगीस्तान रेगिस्तान संतुश्ट सन्तुष्ट
आतमा आत्मा जुरूरत ज़रूरत
अवाज़ आवाज़ सवाद स्वाद
खुशबुदार खुशबूदार संजम संयम
चुनोती चुनौती निरझरी निर्झरी
4.निम्नलिखित वाक्यों में सही विराम चिन्ह लगाइए –
(i) झुंड में चरना यह भैंस और भेड़ का काम है
(ii) यह आवाज उसे बराबर कहती है तुम साहस नहीं दिखा सके तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए
(iii) अरे ओ जीवन के साधको तुम निचली डाल का फल तोड़कर लौटे जा रहे हो तो फिर फुनगी का वह लाल लाल आम किस के वास्ते है
उत्तर (i) झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है।
(ii) यह आवाज़ उसे बराबर कहती है, “तुम साहस नहीं दिखा सके, तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए।”
(iii) अरे ओ जीवन के साधको! तुम निचली डाल का फल तोड़कर लौटे जा रहे हो, तो फिर फुनगी का वह लाल-लाल आम किस के वास्ते है?
गुरविंदर कौर, हिन्दी अध्यापिका, स. स. स. चक्क फतह सिंह वाला, ज़िला बठिंडा