पाठ 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो (सोहनलाल द्विवेदी)
अभ्यास सहित उत्तर
सप्रसंग व्याख्या
1• न हाथ____ बढ़े चलो।
प्रसंग: प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक में संकलित ‘बढ़े चलो,बढ़े चलो ‘कविता से लिया गया है। इसके रचयिता “सोहनलाल द्विवेदी” जी हैं। इस कविता में कवि ने स्वतंत्रता सेनानियों को आज़ादी के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ने को कहा है।
व्याख्या: कवि स्वतंत्रता सेनानियों को संबोधित करते हुए कहता है कि यदि तुम्हारे हाथ में कोई अस्त्र-शस्त्र ने हो। तुम्हारे पास न भोजन, न कपड़ा, न पानी हो। फिर भी तुम अपने मार्ग से हटना मत। वहीं पर डटे रहो और आगे ही आगे बढ़ते जाओ।
2• रहे समक्ष ____बढ़े चलो।
व्याख्या: कवि वीरों को संबोधित करते हुए कहता है कि चाहे तुम्हारे सामने हिमालय पर्वत ही क्यों ना आ जाए अर्थात् कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों ना आ जाए। फिर भी तुम घबराना नहीं, बल्कि तुम्हारा निश्चय और चमक उठे। चाहे तुम्हारा शरीर टुकड़े-टुकड़े हो जाए ।फिर भी तुम रुकना नहीं। किसी के सामने झुकना नहीं। तुम आगे ही आगे बढ़ते चले जाना।
3• घटा घिरी_____ बढ़े चलो।
व्याख्या: कवि वीरों से कहता है कि चाहे तुम्हारे मार्ग में अनेक घटाएँ लगातार घिर आएँ अर्थात् दुःख छा जाए। तुम्हारे होठों पर विष लगा हो, परंतु तुम उसे अमृत का घूँट समझ कर पी लेना। तुम जीते और मरते हुए आगे ही आगे बढ़ते चले जाना।
4• गगन उगलता ___बढ़े चलो।
व्याख्या: कभी वीरों को कहता है कि चाहे आकाश से आग बरस रही हो या मृत्यु का गीत शुरू हो गया हो। चाहे खून की होली हो। परंतु फिर भी तुम वही अड़े रहना और अपना बलिदान दे देना। तुम आगे ही आगे बढ़ते चले जाना।
5• चलो,नहीं मिसाल ___बढ़े चलो।
व्याख्या: कभी वीरों को कहता है कि तुम एक नई उदाहरण बनो। एक मशाल की तरह जलकर लोगों को नया रास्ता दिखाओ। तुम अपने रास्ते पर आगे बढ़ कर एक नया चमत्कार कर दो। तुम किसी के सामने झुकना या रुकना मत। तुम आगे ही आगे बढ़ते जाना।
6• अशेष रक्त ___बढ़े चलो।
व्याख्या :कभी वीरों को कहता है कि तुम अपना सारा रक्त आज़ादी के लिए दे दो। तुम सदियों की गुलामी की जंज़ीरों को खोल दो। तुम डरना नहीं, चाहे वही मरना पड़ जाए। बस आगे ही आगे बढ़ते जाना।
प्रश्न 1: नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
ਸ਼ਸਤਰ शस्त्र ਅਤੁੱਟ अटूट
ਅਸਤਰ अस्त्र ਮਿਸਾਲ, मिसाल,
ਉਦਾਹਰਨ उदाहरण
प्रश्न 2: नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:
ਬਰਫ਼ਾਨੀ ਚੋਟੀ हिमशिखर ਜ਼ਹਿਰ कालकूट
ਹੋਂਠ,ਬੁਲ੍ਹ अधर ਹੋਲੀ फाग, होली
ਅਮ੍ਰਿਤ सुधा ਆਜ਼ਾਦੀ स्वतंत्रता
प्रश्न 3 इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
प्रश्न (क) कवि किन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है कोष्ठक दिए संकेतों पर निशान लगाइए (बालकों को,युवाओं को, देशवासियों को,स्वतंत्रता सेनानियों को)
उत्तर: कवि स्वतंत्रता सेनानियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
प्रश्न (ख) कवि अस्त्र-शस्त्र के बिना लड़ने का सुझाव क्यों देता है?
उत्तर: क्योंकि कवि अहिंसावादी विचारों का है।
प्रश्न (ग) यह कविता देश के आज़ाद होने से पहले लिखी गई थी अथवा बाद में?
उत्तर: यह कविता देश के आज़ाद होने से पहले लिखी गई थी।
प्रश्न 4 इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
प्रश्न (क) कवि अपने पाठकों को मशाल बनकर जलने की प्रेरणा क्यों देता है?
उत्तर: कवि अपने पाठकों को मशाल बनकर जलने की प्रेरणा इसलिए देता है तांकि जीवन के अंधकार को दूर किया जा सके तथा वह लोगों को मशाल की तरह जलकर रास्ता दिखा सकें।
प्रश्न (ख) जियो चलो,मेरे चलो- कवि जीवन और मृत्यु को साथ लेकर चलता है क्यों?
उत्तर: क्योंकि आज़ादी की लड़ाई में जीवन और मृत्यु साथ साथ चलते हैं। आज़ादी की लड़ाई में वीर जीवन मृत्यु की परवाह न करके उनके साथ चलता है। अगर जीत गए तो जीवन है। अगर कुर्बान हो गए तो मरण है।
प्रश्न (ग) कविता का सार लिखें।
उत्तर: बढ़े चलो,बढ़े चलो कविता “श्री सोहनलाल द्विवेदी जी “की आज़ादी से पहले की रचना है। इसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा है कि चाहे कुछ हो जाए, तुम आज़ादी के रास्ते पर बढ़ते ही चले जाना। चाहे अंत में तुम्हें मरना ही क्यों न पड़ जाए, परंतु फिर भी तुम अपना रक्त बहाकर आज़ादी को प्राप्त करना और गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर एक नया उदाहरण बन जाना।
प्रश्न 5 इन शब्दों के अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग करें :
समक्ष (सामने) मेरे घर के समक्ष एक बाग़ है ।
कालकूट (तेज़ ज़हर) मीरा ने हँसते-हँसते कालकूट पी लिया था।
सुधा (अमृत) राधा की आवाज़ में सुधा जैसा रस है।
फाग (होली) युद्ध में वीर रक्त से फाग खेलते हैं ।
अशेष (सम्पूर्ण) देश रक्षा के लिए हमें अपना अशेष रक्त बहा देना चाहिए।
प्रश्न 6: विपरीतार्थक शब्द लिखें:
स्वतंत्रता परतंत्रता
मरण जन्म
कालकूट सुधा
प्रश्न 7 :संज्ञा शब्द बनाएं:
रुकना रुकावट
झुकना झुकाव
जलना जलन
निखरना निखार
बिखरना बिखराव
प्रश्न 8: इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:
वस्त्र कपड़ा, चीर
शिखर चोटी, शैल
अटूट मज़बूत, शक्तिशाली
राग प्रेम, सुर
मशाल लौ, दीपदंड
मिसाल उदाहरण, नमूना
नीर जल, पानी
लेखन: रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स (क).स.स. स्कूल, रामां बठिंडा