स्वास्थ्य और व्यायाम
बुज़ुर्गों ने ठीक ही कहा है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है। कई लोग ज़मीन- जायदाद, रुपये और पैसे को ही संपत्ति मानते हैं। ऐसे लोग इन्हें कमाने में ही सारा जीवन भागदौड़ करते रहते हैं । यह सत्य है कि धन के बिना जिंदगी में कोई भी कार्य संभव नहीं किंतु अपने शरीर को दाँव पर लगाकर धन कमाने का कोई औचित्य नज़र नहीं आता । सेहत का भी तो ख्याल रखना चाहिए । जवानी में तो शरीर साथ दे देता है किंतु उम्र ढलने पर कई बीमारियाँ घेर लेती हैं, तब हम स्वास्थ्य की चिंता करते हैं। योग गुरुओं के पास जाकर व्यायाम के आसन सीखते हैं। किंतु यह बात जीवन में शुरू से ही याद रखनी चाहिए कि स्वस्थ शरीर के लिए सबसे ज़रूरी है – व्यायाम। व्यायाम करने से हमारा शरीर सुंदर और मज़बूत बनता है। शरीर में आलस्य नहीं आता अपितु चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है। व्यायाम का सबसे सरल व सशक्त साधन है – रोज़ाना सुबह-शाम की सैर व दो या तीन किलोमीटर दौड़ना। इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाएँ और स्वस्थ शरीर पाएँ ।
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