यह भाग 38 अंकों का है …
कक्षा दसवीं हिंदी
छह- सात पंक्तियों वाले प्रश्न
प्रश्न: 1 ‘माँ का कमरा‘ लघु कथा का क्या उद्देश्य है?
प्रश्न: 2 ‘अहसास‘ लघुकथा का क्या उद्देश्य है?
प्रश्न: 3 ‘दो कलाकार‘ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘दो कलाकार‘ मन्नू भंडारी द्वारा रचित एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। इस कहानी में लेखिका ने बताया है कि कला के साथ-साथ मनुष्य में मानवीय गुणों का होना भी आवश्यक है। जो व्यक्ति दया,रहम आदि गुणों को नहीं अपनाता, उसकी कला का महत्व कम पड़ जाता है। कहानी में चित्रा भिखमंगी व उसके रोते हुए बच्चों का चित्र बनाकर देश विदेश में प्रसिद्धि पाती है। लेकिन अरुणा उस चित्र वाले गरीब व अनाथ बच्चों का पालन पोषण करती है। अतः वह चित्रा से भी बड़ी कलाकार है। इस प्रकार लेखिका ने कला से मानवीय गुणों को बढ़कर माना है।
प्रश्न: 4 ‘दो कलाकार‘ कहानी के आधार पर अरुणा का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: अरुणा ‘दो कलाकार‘ कहानी की मुख्य पात्र है। वह एक सच्ची समाज सेविका है। वह दीन – दुखियों की सेवा को बहुत महत्व देती है। फुलिया दाई के बीमार बच्चे की सेवा करती है। दुखियों व बीमारों की सेवा में लीन होकर वह अपना खाना-पीना तक भूल जाती है। वह बहुत भावुक भी है। चित्रा जिन गरीब बच्चों का चित्र बनाकर प्रसिद्धि पाती है, अरुणा उन गरीब व अनाथ बच्चों का पालन पोषण कर के अपनी महानता का परिचय देती है। इस प्रकार वह एक आदर्शवादी युवती है।
प्रश्न: 5 नर्स कहानी का उद्देश्य लिखिए।
उत्तर: ‘नर्स‘ कहानी में लेखिका ने अस्पतालों में नर्स के कार्य के महत्व पर प्रकाश डाला है। एक नर्स का काम केवल रोगियों की देखभाल व इलाज करना ही नहीं बल्कि अपने अच्छे व्यवहार द्वारा उनके दुख को दूर करना भी होता है। सिस्टर सूसान अपनी ममता, स्नेह और दुलार से प्यार भरी बातें करके बच्चों का दिल जीत लेती है। उन्हें माँ की कमी महसूस नहीं होने देती। इसके साथ-साथ एक बच्चे के मनोभावों तथा मां के हृदय की पीड़ा को भी लेखिका ने इस कहानी में प्रस्तुत किया है।
प्रश्न: 6 सिस्टर सूसान का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर: सिस्टर सूसान ‘नर्स‘ कहानी की मुख्य पात्रा है। वह एक नर्स है। वह अपना कार्य बहुत ही मेहनत व ईमानदारी से करती है। वह एक सरल हृदय वाली लड़की है। वह अस्पताल में बच्चों को केवल दवाई ही नहीं देती बल्कि उन्हें एक माँ के समान प्यार करती है। वह महेश को रोता देख कर उसकी पीड़ा को समझती है। उसे माँ की कमी महसूस नहीं होने देती। वह निस्वार्थ भाव से सेवा करती है और बहुत ईमानदार है ।
प्रश्न: 7 पुलिस और सैनिकों के घरवालों को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है?
प्रश्न :8 जयदेव ने तस्करों को कैसे पकड़ा ?
प्रश्न 9 सच्चे मित्र के कौन से गुण लेखक ने बताए हैं ?
प्रश्न: 10 मित्र का चुनाव करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रश्न: 11 बाल्यावस्था और युवावस्था की मित्रता के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: बाल्यावस्था की मित्रता में बहुत आनंद होता है। इसमें बहुत अधिक मधुरता, प्रेम और विश्वास होता है। ईर्ष्या की भावना भी होती है। जल्दी रूठना और मनाना भी होता है। युवावस्था की मित्रता बाल्यावस्था की मित्रता से अधिक शांत और गंभीर होती है। यह मित्रता लंबे समय तक कायम रहती है। युवावस्था का मित्र सच्चे पथ प्रदर्शक के समान होता है।
प्रश्न: 12 लाला लाजपत राय जी ने देश के लिए कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए ?
प्रश्न :13 विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार खत्म करने के क्या-क्या उपाय बताए?
प्रश्न :14 ‘सदाचार का तावीज़‘ पाठ में छिपे व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘सदाचार का तावीज़‘ एक व्यंग्यात्मक निबंध है। इसमें लेखक ने बताया है कि भाषण करने तथा पुलिस की कार्यवाही से भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए व्यक्ति का नैतिक स्तर दृढ़ करना होगा। देश के सभी कर्मचारियों को जब उनकी आवश्यकता के अनुसार वेतन मिलता रहेगा तो वह गलत तरीके से धन कमाने के तरीके नहीं अपनाएंगे। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना किसी एक व्यक्ति का काम नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है जिसे पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए ।
प्रश्न : 15 जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ उस समय भारतीय समाज की क्या स्थिति थी ?
प्रश्न : 16 गुरु नानक देव जी की वाणी की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर : गुरु नानक देव जी की वाणी के 974 पद श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित हैं। आपकी वाणी में अनेक विषयों की चर्चा है। आपने सृष्टि ,जीव और ब्रह्म के संबंध में लिखा है। आपने अकाल पुरख के स्वरूप और निवास का भी वर्णन किया है। आपने माया से दूर रहने तथा शुद्ध मन से प्रभु का नाम सिमरन करने की प्रेरणा दी है। आपकी वाणी ‘जपुजी साहिब‘ के नाम से जानी जाती है। आपकी वाणी की शैली अद्भुत और अनूठी है।
प्रश्न : 17 राजेंद्र बाबू की शारीरिक बनावट , वेशभूषा और स्वभाव का वर्णन करें ।
उत्तर : राजेंद्र बाबू के हाथ- पैर लंबे थे उनके काले, घने, छोटे कटे हुए बाल‘ चौड़ा माथा, घनी भौंहें, बड़ी बड़ी आंखें, कुछ भारी नाक, गेहुआ रंग और बड़ी -बड़ी मूछें थी। वे खादी की धोती, कुर्ता ,काला बंद गले का कोट, गांधी टोपी, साधारण मौज़े और जूते पहनते थे। उनका स्वभाव अत्यंत शांत था। वे सादगी पसंद करते थे उनका खानपान अत्यंत साधारण था।
प्रश्न: 1 अरुणा के समाज सेवा के कार्यों के बारे में लिखें।
उत्तर: अरुणा अपने विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेवा के कार्यों में जुटी हुई थी। वह बेसहारा लोगों को सहारा देने का काम करती थी । वह दाइयों, चपरासियों आदि के गरीब बच्चों को पढ़ाती थी। रोगियों की सेवा करती थी। भिखारिन के मरने के बाद उसके दोनों बच्चों का पालन पोषण भी अरुणा ने किया।
प्रश्न: 2 चित्रा की हॉस्टल से विदाई के समय अरुणा क्यों नहीं पहुँच पाई ?
प्रश्न: 3 सरस्वती की परेशानी का क्या कारण था ?
प्रश्न: 4 सिस्टर सूसान ने महेश को अपने बेटे के बारे में क्या बताया?
प्रश्न: 5 दूसरे दिन महेश ने माँ को घर जाने की इजाजत खुशी खुशी कैसे दे दी?
प्रश्न: 6 बेटे ने पत्र में अपनी माँ बसंती को क्या लिखा ?
प्रश्न: 7 पड़ोसन ने बसंती को क्या समझाया?
प्रश्न: 10 बसंती क्या सोचकर अपने बेटे के साथ आ गई ?
प्रश्न: 8 बसंती के कमरे में कौन कौन सा सामान था?
प्रश्न: 9 बसंती की आँखों में आँसू क्यों आ गए ?
उत्तर: बसंती अपने बेटे के पास शहर जाते समय ड़र रही थी कि उसका बेटा उसके साथ अच्छा व्यवहार नही करेगा। लेकिन इसके विपरीत उसके बेटे ने जब उसे इतना सम्मान दिया तो बसंती की आँखों में खुशी के आँसू आ गये।
प्रश्न: 11 साँप को देखकर दिवाकर क्यों नहीं डरा ?
प्रश्न: 12 दिवाकर ने अचानक साँप को सामने देखकर क्या किया ?
प्रश्न: 13 दिवाकर को क्यों पुरस्कृत किया गया?
प्रश्न: 14 लाला लाजपत राय के किस अनुभव ने लेखक की पूर्णता को अपूर्णता में बदल दिया ?
प्रश्न: 15 लेखक के अनुसार कोई भी कार्य महान कैसे बन जाता है ?
उत्तर: लेखक के अनुसार अच्छी भावना से किया गया छोटे से छोटा कार्य भी महान बन जाता है। कार्य की महानता उस कार्य को करने की भावना में होती है।
प्रश्न: 16 शक्ति बोध और सौंदर्य बोध से क्या तात्पर्य है ?
प्रश्न: 17 हम अपने देश के शक्ति बोध और सौंदर्य बोध को किस प्रकार चोट पहुँचाते हैं?
प्रश्न: 18 राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईश्वर से क्यों की?
उत्तर: विशेषज्ञों ने जांच पड़ताल में पाया कि भ्रष्टाचार अति सूक्ष्म है, अगोचर है तथा सर्वव्यापी है। ये सभी गुण और विशेषताएँ तो ईश्वर में ही होती हैं। इन्हीं गुणों के कारण राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईश्वर से की।
प्रश्न: 19 गुरु नानक देव जी ने कौन-कौन से महत्वपूर्ण शहरों की यात्रा की ?
प्रश्न: 20 गुरु नानक देव जी ने भारतीय जनता को किन बुराइयों से स्वतंत्र किया?
प्रश्न: 21 गुरु नानक देव जी की रचनाओं के नाम लिखें।
उत्तर: गुरु नानक देव जी की रचनाएं जपुजी साहिब , आसा दी वार, सिद्ध गोष्ठी, पट्टी ,दखनी ओंकार , पहरे- तिथि, बारह माह तथा आरती आदि हैं। इन रचनाओं के अतिरिक्त वाणी श्लोक पर अष्टपदियाँ, सोहले, छंद आदि के रूप में विद्यमान है ।
प्रश्न: 22 जयदेव को गुप्तचरो से क्या समाचार मिला?
प्रश्न: 23 जयदेव ने अपनी छुट्टी कैंसिल क्यों करा दी थी ?
प्रश्न: 24 जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में क्या घोषणा करवाना चाहता है?
प्रश्न: 25 विश्वासपात्र मित्र को खज़ाना, औषधि और माता जैसा क्यों कहा गया है ?
प्रश्न: 26 लेखक ने युवाओं के लिए कुसंगति और सत्संगति की तुलना किससे की ?
प्रश्न: 27 मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा ने क्या किया?
प्रश्न: 28 प्रदर्शनी में अरुणा के साथ कौन-कौन से बच्चे थे?
प्रश्न: 29 सरस्वती द्वारा सिस्टर सूसान को गुलदस्ता और उसके बबलू के लिए गिफ्ट पेश करते पर सिस्टर सूसान ने क्या कहा?
प्रश्न: 30 दिवाकर की नये स्कूल में किसने मदद की ?
प्रश्न : 31 दिवाकर बेंच पर बैठकर क्या सोच रहा था?
अनुच्छेद लेखन
1 मेरी दिनचर्या
दिनचर्या का अर्थ है नित्य किए जाने वाले काम। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या अलग-अलग हो सकती है। मेरी दिनचर्या कुछ इस प्रकार है। मैं सुबह पाँच बजे उठकर अपने पिताजी के साथ सैर के लिए जाता हूँ। कुछ व्यायाम भी करता हूँ। घर आकर नहा धोकर कुछ देर करता हूँ क्योंकि उस समय दिमाग ताजा होता है। फिर नाश्ता करके आठ बजे स्कूल चला जाता हूँ। स्कूल में अध्यापकों के कहने के अनुसार सभी काम करता हूँ। स्कूल से छुट्टी होने पर घर जाकर कुछ देर आराम करता हूँ ।फिर उठकर स्कूल से दिए गए होमवर्क करता हूँ। शाम को कुछ देर फुटबॉल खेलने जाता हूँ। वहाँ से आकर लगभग एक घंटा टेलीविजन पर अपना मनपसंद कार्यक्रम देखता हूँ। प्रभु को स्मरण कर सो जाता हूँ। इस दिनचर्या से मेरा जीवन नियमित हो गया है।
मेरे जीवन का लक्ष्य
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होता है। मैं अब दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैंने भी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। मैं बड़ा होकर एक अध्यापक बनना चाहता हूँ। अध्यापक का समाज के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। एक अध्यापक पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को और भी बहुत कुछ सिखाता है। उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। वह उनकी प्रतिभा की पहचान करके सही दिशा में लगाता है। नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा देता है। अनुशासन में रहना सिखाता है। समय का महत्व समझाता है। एक अध्यापक ही बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट वैज्ञानिक व अन्य बड़े-बड़े पदों पर पहुँचाता है। मेरे मामा जी भी एक अध्यापक हैं। वह भी मुझे अक्सर प्रेरित करते रहते हैं। उनकी शिक्षा तथा अपनी मेहनत व लग्न से मैं अपने जीवन का लक्ष्य हासिल कर लूँगा।
प्रकृति का वरदान: पेड़ पौधे
प्रकृति ने हमें बहुत से उपहार वरदान में दिए हैं जिनमें से पेड़ पौधे मुख्य हैं । इनका जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। ये कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हमें ऑक्सीजन देते हैं जो कि हमारे जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है। ये हमें सुगंध देते हैं। गर्मी में हमें छाया देते हैं। ये बहुत परोपकारी हैं। हमें कितनी ही तरह के फल और फूल देते हैं। इनसे रबड़ , गोंद ,लकड़ी व कागज़ बनता है । कई प्रकार की दवाइयाँ बनती हैं। पेड़ों से वातावरण शुद्ध बनता है । ऐसे भी कई पेड़ है जिनकी पूजा की जाती है जैसे कि तुलसी,पीपल,केला, बरगद आदि।लोग पेड़ों से टोकरियाँ, बैग, लकड़ी का सामान बना कर बेचते हैं।अतः पेडों के इतने लाभ हैं। हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। ये हमें सदा लाभ ही देंगे। कहा भी गया है – ‘पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ‘।
गाँव का खेल मेला
हमारे गाँव में हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी 14 नवंबर को वार्षिक खेल मेले का आयोजन किया गया। सारे गाँव को बहुत बढ़िया तरीके से सजाया गया । गाँव के सभी बच्चे, बूढ़े , नौजवान पुरुष व स्त्रियाँ मेले को बहुत उत्साह के साथ देखने पहुँचे। मेले का उद्घाटन सरपंच के द्वारा किया गया। यह मेला दो दिन का था । पहले दिन लंबी कूद, ऊँची कूद, सौ मीटर दौड़ करवाई गयीं तथा दूसरे दिन कुश्ती कबड्डी व साइकिल दौड़ का आयोजन किया गया। कबड्डी के खेल ने सभी ग्रामवासियों का मनोरंजन किया। भंगड़े की टीम ने भी सभी का मन मोह लिया। अंत में मुख्य अतिथि जी ने जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को इनाम बाँटे तथा खेलों का महत्त्व बताया। सचमुच हमारे गाँव का खेल मेला बहुत रोमांचकारी होता है।
विद्यार्थी और अनुशासन
‘अनुशासन‘ शब्द अनु + शासन दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘अनु‘ का अर्थ है ‘पीछे‘ तथा ‘शासन‘ का अर्थ है नियम अथवा नियंत्रण आदि। अतः अनुशासन का अर्थ हुआ नियमों के अनुसार चलना। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। आज के विद्यार्थी कल के नेता हैं। विद्यार्थी को अनुशासन में रहना बहुत जरूरी है। उन्हें अनुशासन को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण व आवश्यक अंग मानना चाहिए। कक्षा में शांतिपूर्वक बैठकर अध्यापकों को सुनना, विद्यालय के नियमों का पालन करना, समय का सदुपयोग करना, पुस्तकालय में चुपचाप बैठकर पढ़ना और खेल के मैदान आदि में भी नियमों में रहना यह सब बातें अनुशासन के अन्तर्गत आती हैं। विद्यार्थी को कभी भी अनुशासनहीनता का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहकर पढ़ाई और सभी कार्य करेंगे तो अवश्य ही अपने जीवन में सफल होंगे। ऐसे विद्यार्थी ही एक अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं तथा देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।
पत्र लेखन
1. आपका नाम मोहन है। आप सरकारी हाई स्कूल लुधियाना में दसवीं कक्षा के छात्र हो। अपनी गलती के लिए क्षमा याचना करते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य को पत्र लिखें।
सेवा में
प्रधानाचार्य
सरकारी हाई स्कूल,
दिनांक ….
विषय: क्षमा याचना के लिए प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल की दसवीं बी कक्षा का छात्र हूँ। कल मैने पुस्तकालय में से एक पुस्तक के दो पन्ने फाड़ लिए । मेरी इस चोरी को मेरे अध्यापक ने देख लिया। मैं अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदा हूँ। यह मेरी पहली गलती है। कृपा करके मेरी गलती को क्षमा कर दीजिए। मैं अब कभी ऐसी गलती नहीं करूँगा।
धन्यवाद सहित
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
2. विषय बदलने के लिए प्रार्थना पत्र सेवा में।
मुख्याध्यापक
…………स्कूल
…………..शहर।
दिनांक………….
विषय: विषय बदलने के लिए प्रार्थना पत्र।
महोदय,
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
4. कक्षा की समस्याओं को हल करवाने के संबंध में प्रार्थना पत्र।
सेवा में
मुख्याध्यापक
शहर।
दिनांक ……………
विषय: कक्षा की समस्याओं को हल करवाने संबंधी।
महोदय,
आपका आज्ञाकारी शिष्य ,
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम
शहर।
दिनांक…………
विषय: पटेल नगर की सफाई संबंधी
महोदय,
अतः आपसे निवेदन है कि आप हमारे मुहल्ले में सफाई अभियान चलाकर मुहल्ले की गंदगी को दूर करवाएँ। आशा करता हूँ कि आप शीघ्र ही कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद सहित
भवदीय ,
पटेल नगर,
6. ‘रोजाना भारत, पंजाब‘ समाचार पत्र के मुख्य संपादक के नाम ‘बाल श्रम:एक अपराध‘ विषय पर एक पत्र लिखिए।
सेवा में
मुख्य संपादक
रोजाना भारत
पंजाब।
दिनांक….
विषय : बाल श्रम एक अपराध महोदय
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से ‘बाल श्रम: एक अपराध‘ विषय पर अपने विचार रखना चाहता हूँ। “बाल श्रम को सरकार द्वारा एक अपराध घोषित कर दिया गया है। फिर भी बहुत से घरों, दुकानों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि पर बहुत से बच्चे मज़दूरी करते हुए दिखाई देते हैं। इन बच्चों की आयु अभी पढ़ने की होती है। इन बच्चों से बहुत काम लिया जाता है और उन्हें पूरी मजदूरी भी नहीं दी जाती। सरकार द्वारा बाल मजदूरी को रोकने के लिए जो कानून बनाए गए हैं, उनका कठोरता से पालन करना बहुत जरूरी है। कानून को तोड़ने वालों को कठोर से कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। अगर जनता भी सरकार को सहयोग देगी तो इस अपराध को रोकने में हमें सफलता मिलेगी।”
मैं आशा करता हूँ कि आप मेरे इस लेख को अपने समाचार पत्र में स्थान देंगे।
धन्यवाद सहित,
पता………………….
मोबाइल नंबर………………….।
1. किराए के लिए खाली।
2 बैडरूम ड्राइंग रूम डायनिंग रूम मकान वाला मकान किराए के लिए खाली है संपर्क करें:-
नाम:
पता: 156, गुरु की नगरी, बठिंडा
मोबाइल नंबर: 987653210
2 कोठी बिकाऊ है।
नोएडा के सेक्टर 17 में एक 10 मरले की बिल्कुल नई बनी हुई कोठी बिकाऊ है। खरीदने की इच्छुक संपर्क करें:
नाम: मोहित
पता : 156, गुरु की नगरी, बठिंडा
मोबाइल नंबर : 9876543210
3 गाड़ी बिकाऊ है
मारुति 800 ,मॉडल 2009 ,कीमत 70000 ,बढ़िया चलती हालत में कार बिकाऊ है।
संपर्क करें :
नाम: मोहित
मोबाइल नंबर: 9876543210
4 सेल्समैन की आवश्यकता
नाम: मोहित
पता: 156, गुरु की नगरी, बठिंडा
मोबाइल नंबर: 9876543210
5 नाम परिवर्तन
दिनांक
स्कूल की सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि सेक्शन बदलने की अंतिम तिथि 7 अप्रैल 2021 है। जो विद्यार्थी अपना सेक्शन बदलना चाहते हैं, इससे पहले अपना नाम नोट करवा दें।
मुख्याध्यापक
सरकारी हाई स्कूल
चंडीगढ़
2. रक्तदान शिविर संबंधी सूचना।
स्कूल के सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि स्कूल में सिविल अस्पताल की तरफ से 15 अप्रैल 2021 को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जो भी विद्यार्थी रक्तदान करना चाहें, अपने नाम अपने कक्षा अध्यापक को 15 अप्रैल तक लिखवा दें।
नाम
सचिव
एन. एस. एस. यूनिट
सरकारी हाई स्कूल
पटियाला।
3. गणतंत्र दिवस मनाने संबंधी सूचना।
स्कूल के सभी अध्यापकों व छात्रों को सूचित किया जाता है कि हर साल की तरह इस बार भी 26 जनवरी 2022 को सुबह 8:00 बजे स्कूल में गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जा रहा है। सभी अध्यापकों और छात्रों का समय पर आना जरूरी है।
प्रिंसिपल
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल
लुधियाना।
4 वर्दी न पहन कर आने वाले विद्यार्थियों के लिए सूचना।
दिनांक:
स्कूल के विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि स्कूल में प्रतिदिन वर्दी पहनकर आएं। जो विद्यार्थी बिना वर्दी के स्कूल आएंगे उन पर कार्यवाही की जाएगी। वर्दी सिलवाने के लिए दो दिन का समय दिया जाता है।
प्रिंसिपल
सरकारी हाई स्कूल
बठिंडा
पंजाबी गद्यांशों का हिंदी अनुवाद
1.ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰੀ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਇਕ ਚਿੰਤਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਹੈ।ਇਸ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਿਨੋ–ਦਿਨ ਵੱਧਦੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਹਰੇਕ ਨੌਜਵਾਨ ਚੰਗੀ ਨੌਕਰੀ ਵੱਲ ਨੂੰ ਭੱਜਦਾ ਹੈ।
भारत में बेरोजगारी की समस्या एक चिंता का विषय है । इस देश में बेरोजगारों की गिनती दिन –प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। प्रत्येक नौजवान अच्छी नौकरी की ओर भागता है।
2. ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਜੀਵਨ ਦਾ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਲਾਜ਼ਮੀ ਅੰਗ ਹਨ। ਇਹ ਸ਼ਰੀਰ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ।
खेलों का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है। ये जीवन का एक बहुत ही आवश्यक अंग हैं। ये शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं ।
3. ਮੋਬਾਇਲ ਅੱਜ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਅਹਿਮ ਹਿੱਸਾ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ। ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਇਸਦਾ ਬੜੀ ਹੀ ਸਮਝਦਾਰੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਕੇਵਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋਣ ਤੇ ਹੀ ਮੋਬਾਇਲ ਫੋਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
मोबाइल आज हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। फिर भी हमें इसका बहुत ही समझदारी के साथ प्रयोग करना चाहिए। केवल बहुत आवश्यक होने पर ही मोबाइल फोन का प्रयोग करना चाहिए।
4. ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਮਿਹਨਤ ਦਾ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਮਿਹਨਤੀ ਵਿਅਕਤੀ ਜੇਕਰ ਦ੍ਰਿੜ ਸੰਕਲਪ ਵੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਕੰਮ ਵੀ ਕਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਆਮ ਇਨਸਾਨ ਨੂੰ ਅਸੰਭਵ ਲੱਗਦੇ ਹਨ।
जीवन में मेहनत का बहुत महत्व है । मेहनती व्यक्ति अगर दृढ़ संकल्प भी हो तो वह कई बार ऐसे काम भी कर जाता है जो एक साधारण इन्सान को असंभव लगते हैं ।
5. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤਨ ਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਕਸਰਤ ਨਾਲ ਕੇਵਲ ਤਨ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਸਾਡਾ ਮਨ ਵੀ ਚੰਗਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਤਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੋਵੇਂ ਤੰਦਰੁਸਤ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿੱਚ ਚੰਗੇ ਵਿਚਾਰ ਆਉਣਗੇ ।
हमें अपने तन को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करने की आदत डालनी चाहिए। व्यायाम से केवल तन ही नहीं बल्कि हमारा मन भी अच्छा बनता है। जब तन और मन दोनों स्वस्थ हो जाएंगे तो हमारे मन में अच्छे विचार आएंगे।
भाग च प्रपत्र पूर्ति
1) प्रश्न दिए गए प्रश्नों में से कोई एक प्रश्न करो। (5 अंक)
क) मान लीजिए आपका नाम मोहन है। आपको दीपक कुमार को दिनांक 02.02.2021 को 40,000/- रु. का स्वहस्ताक्षरित रेखांकित किया हुआ चेक लिखकर देना है। अपका बैंक खाता संख्या 541260867531 है। इस अनुसार निम्नलिखित चेक के प्रपत्र को भरें।
सुविधा बैंक, चण्डीगढ़ |
|||
दिनांक……………………………..
……………………………………………………………………………………………………….अदा करें रुपए
………………………………………… हस्ताक्षर |
अथवा
भारतीय मुद्रा बैंक, मलोट शाखा बैंक में पैसे जमा करवाने के लिए प्रपत्र बचत खाता संख्य ……………………………………………………………………………………………………… खाता धारक का नाम ………………………………………………………………………………………………………………………. रुपए ……………………………………………………………… (शब्दों में) ……………………………………………… (अंको में) की राशि खाते में जमा करें। ……………………………… जमाकर्ता के हस्ताक्षर
|