पाठ 16 कोई नहीं बेगाना (कक्षा 7)
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दोंको लिखने का अभ्यास करें :-
ਘਮਸਾਣ = घमासान ਤੋਪਾਂ = तोपों
ਗੁਰੂ = गुरु ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ= सत् श्री अकाल
ਸਿੱਖ = सिक्ख ਸੇਵਾਦਾਰ = सेवादार
ਮਸ਼ਕ = मश्क ਗੁਰੂਬਾਣੀ = गुरुवाणी
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखें :-
ਬਹਾਦਰ ਜਵਾਨ = वीर-बाँकुरे ਰਿਸ਼ਤਾ = नाता
ਸਭ ਨੂੰ ਬਰਾਬਰ ਸਮਝਣ ਵਾਲਾ = समदृष्टि ਸੇਵਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ = सेवारत
3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
प्रश्न (क) भाई कन्हैया कौन था?
उत्तर: भाई कन्हैया गुरु गोबिंद सिंह जी का सच्चा सिक्ख था।
प्रश्न (ख) वह घायलों की सेवा किस प्रकार करता था ?
उत्तर: वह घायलों को पानी पिला कर उनकी सेवा करता था।
प्रश्न (ग) वह अपने और बेगाने का भेदभाव क्यों नहीं करता था?
उत्तर: वह सभी में प्रभु को देखता था। इसलिए वह अपने और बेगाने में भेदभाव नहीं मानता था।
प्रश्न (घ) विरोधियों ने दशमेश पिता से उसकी क्या शिकायत की?
उत्तर: विरोधियों ने शिकायत की कि भाई कन्हैया दुश्मनों को पानी पिला कर जीवन दान देता है।
प्रश्न (ङ) भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का क्या उत्तर दिया?
उत्तर: भाई कन्हैया ने गुरुजी को कहा कि वह प्रत्येक व्यक्ति में गुरु जी को ही देखते हैं।
प्रश्न (च)गुरुजी ने भाई कन्हैया को मरहम क्यों दी ?
उत्तर: गुरु जी ने घायलों का उपचार करने के लिए भाई कन्हैया को मरहम दी।
4. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :
अव्वल अल्ला नूर वही है
कुदरत के सब बन्दे,
सब जग फैला नूर उसी का
कौन भले कौन मंदे।
उत्तर- प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाट्य-पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें-7 (द्वितीय भाषा)’ में संकलित, ‘डॉ. योगेन्द्र बख्शी’ द्वारा रचित कविता कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इस पद्यांश में भाई कन्हैया गुरु साहिब को बताता है कि उसके लिए तो कोई भी अपना या वेगाना नहीं है। सभी एक जैसे ही हैं।
व्याख्या : कवि कहता है कि भाई कन्हैया गुरु जी से कहता है कि सर्वप्रथम ज्योति भगवान् (अल्ला) ही है। सभी व्यक्ति प्रकृति की उपज हैं। सारे संसार में उसी परमात्मा की ज्योति फैली हुई है। सब समान हैं-कोई अच्छा या बुरा नहीं।
5. अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :-
(क) घमसान (भयंकर) भारत और पाकिस्तान के बीच घमसान युद्ध हुआ।
(ख) उपहार (भेंट) मेरे जन्म दिन पर चाचा जी ने उपहार में घड़ी दी।
(ग) समदृष्टि (समान दृष्टि से देखना) भाई कन्हैया सभी के साथ समदृष्टि से व्यवहार करते थे।
(घ) उपकार (भला) भाई कन्हैया ने घायलों को पानी पिलाकर उन पर उपकार किया।
(ङ) उपचार (इलाज) भाई कन्हैया घायलों का उपचार भी करने लगे।
(च) दुःख हरना (कष्ट दूर करना) परमात्मा सबके दुःख हरता है।
(ज) जीवनदान देना (जान बचाना) भाई कन्हैया ने घायलों को पानी पिलाकर उन्हें जीवनदान देते थे।
(झ) जान बचाना (प्राणों की रक्षा करना) भाई कन्हैया ने युद्ध में घायलों को पानी पिलाकर उनकी जान बचा ली।
6. ‘उप’ और ‘बे’ शब्दाँश लगाकर नये शब्द बनायें:
उप + हार = उपहार बे + रहम = बेरहम
उप + वास = उपवास बे + कायदा = बेकायदा
उप + नयन = उपनयन बे + कसूर = बेकसूर
उप + हास = उपहास बे + मेल = बेमेल
उप + कार = उपकार बे + रोक = बेरोक
उप + चार = उपचार बे + मिसाल = बेमिसाल
7. ‘गुरु’ लगाकर नये शब्द बनायें जैसे:- गुरुवाणी
उत्तर- (क) गुरुसेवक। (ख) गुरुद्वारा (ग) गुरुकृपा (घ) गुरुकुल (ङ) गुरुसेवा
8. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:
शत्रु = दुश्मन, वैरी
युद्ध = लड़ाई, जंग
धरती = पृथ्वी , धरा
पानी = जल,नीर
गर्मी = उष्णता, ताप
उपहार = तोहफा, भेंट
गुरु = अध्यापक, आचार्य
दुःख = कष्ट, पीड़ा
बेगाना = पराया, अनजान
कृपा = मेहर, दया
हाथ = हस्त, कर
9. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें:
शिकायत = प्रशंसा
धरती = गगन, आकाश
दुःख = सुख
शत्रु = मित्र
गुरु = शिष्य
प्यास = तृप्ति
मुश्किल = आसान
लेखन: रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स (क).स.स. स्कूल, रामां, बठिंडा
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी अघ्यापक, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडा
संशोधन: राजन, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल लोहारका कलां, अमृतसर