पाठ- 6 समरूपी भिन्नार्थक शब्द (कक्षा दसवीं)
(i) ओर (तरफ) गोपाल उस ओर चला गया।
(ii) और (तथा) गोपाल और शंकर दोनों खेल रहे हैं ।
उपर्युक्त उदाहरणों में ‘ओर’ तथा ‘और’ का उच्चारण लगभग एक जैसा है किंतु दोनों के अर्थ अलग-अलग हैं, जो कि भिन्न-भिन्न प्रसंगों में प्रयोग होने से स्पष्ट होते हैं ।
अतः जिन शब्दों का उच्चारण लगभग समान हो परंतु अर्थ भिन्न-भिन्न हों, उन्हें समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं ।
1. अचल (पर्वत)
अचला (पृथ्वी)
2. अनल (अग्नि)
अनिल (वायु)
3. अनु (पीछे)
अणु (कण)
4. अन्न (अनाज)
अन्य (दूसरा)
5. अपेक्षा (चाह, आशा, तुलना में)
उपेक्षा (लापरवाही)
6. अवश्य (ज़रूरी)
अवश (बेबस)
7 अवधि (समय)
अवधी (अवध प्रान्त की भाषा)
8. अवलम्ब (सहारा)
अविलम्ब (शीघ्र)
9. असमान (जो बराबर न हो)
आसमान (आकाश)
10. आदि (आरंभ, मूल)
आदी (अभ्यस्त, आदत वाला)
11. उपयुक्त (उचित)
उपर्युक्त (जिसका वर्णन ऊपर किया गया हो)
12. उधार (कर्ज़)
उद्धार (उबारना)
13. कल्पना (मन की उपज)
कलपना (दु:खी होना)
14. कुल (वंश)
कूल (किनारा)
15. गिरि (पर्वत)
गिरी (‘गिरना’ का भूतकाल)
16. गुर (उपाय)
गुरु (शिक्षक, बड़ा, भारी)
17. दशा (हालत)
दिशा (तरफ)
18. धरा (धरती)
धारा (पानी का प्रवाह)
19 निश्चल (अटल)
निश्छल (छल रहित)
20 परिमाण (माप)
परिणाम (नाप)
21. प्रणाम (नतीजा) कल परीक्षा का परिणाम आने वाला है।
प्रमाण (सबूत नत होना, झुकना) मेरी बेगुनाही के सभी प्रमाण मैंने दिखा दिए हैं।
22. कर्म (काम) हमेशा कर्म करो फल की इच्छा मत करो।
क्रम (सिलसिला) सभी प्रश्न क्रम अनुसार ही हल करने हैं।
23. खाद (उर्वरक) अच्छी फसल के लिए खेतों में किसान खाद डालते हैं।
खाद्य (खाने योग्य) हमें पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।
24 गृह (घर) बच्चों ने अध्यापिका द्वारा दिया गया गृह कार्य कर लिया है।
ग्रह (नक्षत्र) आजकल उसके ग्रह ठीक नहीं है।
25.चर्म (चमड़ा) यह चर्म की जूती बहुत सुंदर है।
चरम (अन्तिम) राजा के अत्याचार अब चरम सीमा पर पहुँच गए हैं।
26. दिन (दिवस) हफ्ते में 7 दिन होते हैं।
दीन (गरीब) हमें दीन दुखियों की हमेशा सहायता करनी चाहिए।
27. नम्र (विनीत) राधा का स्वभाव बहुत नम्र है।
नर्म (कोमल) फूल की पंखुड़ियां बहुत नरम होती हैं।
28. नीयत (इरादा, इच्छा) उसकी नियत कुछ अच्छी नहीं लगती।
नियत (निश्चित) नियत समय में अपना कार्य पूरा करें।
29. पानी (जल) पानी एक अनमोल कुदरती धन है।
पाणि (हाथ) अपने पाणि से अपना काम खुद करें।
30. प्रसाद (अनुग्रह, देवता को चढ़ाई गई वस्तु) मंदिर में प्रार्थना के बाद पंडित जी ने हमें प्रसाद दिया।
प्रासाद (महल) राजा ने अपने बल पर कई प्रासाद खड़े किए।
31. प्रहार (चोट) दुश्मन ने राजा पर पीछे से प्रहार किए।
परिहार (त्याग) हमें कुछ पाने के लिए आलस्य का परिहार करना चाहिए।
32. बलि (बलिदान) देशभक्तों ने हिंदुस्तान को आजाद करवाने के लिए अपनी बलि दी।
बली (बलवान) वह एक बली राजा था।
33. बात (कथन, वचन) छोटे बच्चों से हमें प्यार से बात करनी चाहिए।
वात (हवा) आज भुत गर्म वाट चल रही है।
34. माँस (जीव के शरीर का माँस) शेर जंगल के जानवरों का मांस खाकर अपना पेट भरता है।
मास (महीना) एक साल में बारह मास होते हैं।
35. राज (राज्य, शासन) राजा बड़ी चतुरता से राज करता था।
राज़ (रहस्य) इस बात को राज़ ही रखना, किसी से ना कहना।
36. शोक (दुःख) उसके माता जी की मृत्यु का शोक समाचार मुझे आज सुबह ही मिला।
शौक (लालसा, रुचि) मुझे पर्वतीय स्थानों पर घूमने का शौक है।
37. संकर (तंग) यह रास्ता संकरी गुफा से होकर जाता है।
शंकर (भगवान शिव) वह शंकर का भक्त है।
38.समान (बराबर) आज के जमाने में लड़का और लड़की समान हैं।
सम्मान (मान) बड़ों का सम्मान करना हमारा परम धर्म है।
सामान (वस्तु) बिखरे हुए सामान को इकठ्ठा करके रख दो।
39. सुत (पुत्र) राजा दशरथ के चार सुत थे।
सूत (सारथि, कता हुआ धागा) अर्जुन के रथ के सुत श्री कृष्ण जी थे ।
40. बदन (शरीर) युद्ध में राजा के वदन पर गंभीर चोट लगी
वदन (मुख) युद्ध में राजा के वदन पर गंभीर चोट लगी ।
41. बहु (बहुत) यह बहु वैकल्पिक प्रश्न है।
बहू (वधू) उसकी बहु उसकी बड़ी सेवा करती है।
42. बालू (रेत) राजस्थान में मैंने बड़े-बड़े बालू के ढेर देखे।
भालू (रीछ) भालू जंगल का एक जीव है।
43. मातृ (माता) उसने अपनी मातृ की बड़ी सेवा की।
मात्र (केवल) आपको मात्र दो ही काम करने हैं ।
44. विषमय (ज़हरीला) कल वातावरण विषमय में होता जा रहा है।
विस्मय (अचंभा, हैरानी) 3डी फिल्म देखकर उसे बड़ा विस्मय हुआ।
45. शर (तीर) उसने ने शर चलाने की विद्या सीख ली थी।
सर (तालाब) हमने सर में स्नान किया।
46. सपुत्र (पुत्र सहित) आपको सपुत्र इस कार्यक्रम में आना है।
सुपुत्र (अच्छा बेटा) अच्छे व्यवहार से उसने सुपुत्र होने का प्रमाण दिया।
47. सुगंध (खुशबू) इस पुष्प की सुगंध ने मेरा मन मोह लिया।
सौगंध (शपथ) उसने आगे से कभी चोरी ना करने की सौगंध खाई।
48. हस्ति (हाथी) रजा हस्ति और बैठा था।
हस्ती (सामर्थ्य, शक्ति) उसने अपनी हस्ती पर यह युद्ध विजय किया।
अभ्यास
निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्द-युग्म का प्रयोग वाक्य में करके अर्थ स्पष्ट कीजिए:क्रम शब्द वाक्य
1.अन्न अन्न को व्यर्थ न छोड़ें।
अन्य राम के अतिरिक्त अन्य कोई स्कूल नहीं आया।
2. गिरगिरिराज हिमालय भारत देश की उत्तर दिशा में है।
गिरी वह छत से गिरी थी।
3. गुर उसने हस्तकला का यह गुर कहाँ से पाया?
गुरु गुरु जी नगर में परसों पधारेंगे।
4.नियत वे नियत समय पर कभी नहीं आते।
नीय उनकी नीयत तो खराब प्रतीत होती है।
5.प्रहार गुंडे ने चाकू से प्रहार किए थे।
परिहार गुरुजी अन्न का परिहार कर चुके हैं।
6 बालू राजस्थान में बालू के ढेर दूर से ही दिखाई देते हैं।
भालू मैंने जंगल में भालू देखा था।
7 शोक लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु से देश में शोक छा गया।
शौक पढ़ना मेरा शौक है।
8. विषमय सुकरात ने विषमय प्याला पी लिया था।
विस्मय इतनी छोटी बच्ची को सुन्दर काम करते देख सभी विस्मय में डूब गए थे।
9. सपुत्र हमारे सुपुत्र आगमन पर सभी प्रसन्न थे।
सुपुत्र पूनम का सुपुत्र तो उच्च पद पर आसीन है।
10. हस्ति राजा हस्ति-सेना लेकर युद्ध के मैदान में आ डटे थे।
हस्ती नेता जी से टकराने की उनकी कोई हस्ती नहीं है।