क्रियाविशेषण
कलिंग के फाटक आज बंद हैं।
महाराज! आप यहाँ बैठिए।
सैनिक ने अपनी तलवार झटपट संभाल ली।
अधिक मत बोलो।
उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘आज’ शब्द क्रिया के काल, दूसरे वाक्य में ‘यहाँ’ शब्द क्रिया के स्थान, तीसरे वाक्य में ‘झटपट’ शब्द क्रिया की रीति तथा चौथे वाक्य में ‘अधिक’ शब्द क्रिया की मात्रा संबंधी विशेषता बता रहे हैं। अतः ये क्रिया विशेषण हैं।
अतएव क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।
1. मैं युद्ध कल करूँगा।
इस वाक्य में “कल’ शब्द से क्रिया के काल (समय) का पता लग रहा है। अत: यह कालवाचक क्रियाविशेषण है।
अतएव जो शब्द क्रिया के काल (समय) संबंधी विशेषता बताये, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
अन्य कालवाचक शब्द:- रोज़, प्रातः, परसों, अभी, सुबह, शाम, रात, कभी, अब, तब, आजकल आदि।
2. सब आश्चर्य से उधर देखने लगते हैं ।
इस वाक्य में ‘उधर’ शब्द से क्रिया के स्थान का पता चल रहा है। अत: यह स्थानवाचक क्रियाविशेषण है।
अतएव जो शब्द क्रिया की स्थान संबंधी विशेषता बताये, उसे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
अन्य स्थानवाचक क्रियाविशेषण : यहाँ, वहाँ, इधर, ऊपर, नीचे, भीतर, बाहर, दूर, आगे, पीछे, चारों तरफ आदि।
3. वह बहुत बोलता है।
इस वाक्य में ‘बहुत’ शब्द से क्रिया की मात्रा या परिमाण का पता चल रहा है, अत: यह परिमाणवाचक क्रिया विशेषण है।
अतएव जो शब्द क्रिया की परिमाण संबंधी विशेषता बताये, उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
अन्य परिमाणवाचक शब्द: थोड़ा, ज्यादा, कम, पर्याप्त, तनिक, इतना, उतना, न्यून, लगभग, काफी आदि।
4. संवाददाता महाराज से धीरे-से बोला।
इस वाक्य में ‘धीरे-से’ शब्द से क्रिया की रीति (ढंग) का पता चल रहा है अत: यह रीतिवाचक क्रियाविशेषण है।
अतएव जो शब्द क्रिया की रीति संबंधी विशेषता बताये, उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
अन्य रीतिवाचक क्रियाविशेषण: ऐसे, कैसे, जैसे, तैसे, वैसे, जल्दी-जल्दी, अकस्मात्, अचानक, सहसा, सामान्यतः, साधारणत: आदि।
इस प्रकार क्रियाविशेषण के चार भेद हैं :-
1. कालवाचक क्रियाविशेषण है।
2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण है।
3. परिमाणवाचक क्रिया
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण है।