पाठ 4 विशेषण-निर्माण
‘क’ भाग ‘ख’ भाग
(i) इस कविता में कल्पना की प्रधानता है । यह कविता काल्पनिक है।
(ii) आप बहुत अच्छे हो । आप जैसा अच्छा व्यक्ति कहाँ मिलेगा।
(iii) सुधाकर मुझसे लड़ता रहता है । लड़ाकू को कोई पसंद नहीं करता।
(iv) वह घर के बाहर है । बाहरी व्यक्ति आसानी से पहचाना गया ।
अब हम देखते हैं कि विशेषण शब्दों का निर्माण कैसे होता है :
उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘कल्पना’ संज्ञा शब्द के अंतिम स्वर ‘आ’ के स्थान पर ‘इक’ प्रत्यय लगाने से तथा आदि स्वर ‘अ’ को ‘आ’ करने से विशेषण शब्द बना – काल्पनिक । अर्थात
कल्पना काल्पनिक
आप आप जैसा
लड़ना लड़ाकू
बाहर बाहरी
(क) संज्ञा शब्दों से विशेषण-निर्माण
(1) ‘अक’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
उपदेश उपदेशक
उपकार उपकारक
नाम नामक
लेख लेखक
पालन पालक
पोषण पोषक
शासन शासक
गणना गणक
निन्दा निन्दक
अवश्य आवश्यक
(2) ‘इक’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
अंग आंगिक
अर्थ आर्थिक
कल्पना काल्पनिक
चरित्र चारित्रिक
परिवार पारिवारिक
वर्ष वार्षिक
दर्शन दार्शनिक
धर्म धार्मिक
प्रकृति प्राकृतिक
संसार सांसारिक
समाज सामाजिक
संस्कृत सांस्कृतिक
इच्छा ऐच्छिक
नीति नैतिक
इतिहास ऐतिहासिक
सिद्धांत सैद्धांतिक
दिन दैनिक
विज्ञान वैज्ञानिक
विवाह वैवाहिक
देह दैहिक
उपचार औपचारिक
उदयोग औद्योगिक
पुष्टि पौष्टिक
भूगोल भौगोलिक
मुख मौखिक
योग यौगिक
वर्ण वर्णिक
क्रम क्रमिक
श्रम श्रमिक
प्रशासन प्रशासनिक
आत्मा आत्मिक
व्यापार व्यापारिक
राजनीति राजनीतिक
साहित्य साहित्यिक
(3) ‘इत’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
अंक अंकित
अंकुर अंकुरित
अपमान अपमानित
अपेक्षा अपेक्षित
उपेक्षा उपेक्षित
घृणा घृणित
चित्र चित्रित
प्रस्ताव प्रस्तावित
मोह मोहित
चिन्ता चिन्तित
पीड़ा पीड़ित
मूर्च्छा मूच्छित
पराजय पराजित
विजय विजित
संचय संचित
(4) ‘ईय’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
क्षेत्र क्षेत्रीय
दर्शन दर्शनीय
नाटक नाटकीय
पर्वत पर्वतीय
पुस्तक पुस्तकीय
भारत भारतीय
मानव मानवीय
स्थान स्थानीय
(5) ‘य’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
क्षमा क्षम्य
पाठ पाठ्य
पूजा पूज्य
मान मान्य
वन वन्य
सभा सभ्य
(6) ‘ई’ प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
अज्ञान अज्ञानी
अनुभव अनुभवी
उपयोग उपयोगी
क्रोध क्रोधी
जंगल जंगली
अन्याय अन्यायी
प्रेम प्रेमी
पश्चिम पश्चिमी
दुःख दुःखी
शहर शहरी
(7) ‘ईला’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
खर्च खर्चीला
चमक चमकीला
ज़हर ज़हरीला
जोश जोशीला
बर्फ बर्फीला
रंग रंगीला
(8) ‘मान’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
बुद्धि बुद्धिमान
शक्ति शक्तिमान
श्री श्रीमान
प्रकाश प्रकाशमान
(9) ‘वान’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
गुण गुणवान
धन धनवान
नाश नाशवान
रूप रूपवान
(10) ‘वी’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
ओजस ओजस्वी
तपस् तपस्वी
तेजस् तेजस्वी
मनस् मनस्वी
(11) ‘शाली’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
गौरव गौरवशाली
प्रतिभा प्रतिभाशाली
बल बलशाली
भाग्य भाग्यशाली
(12) ‘आलु’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
ईर्ष्या ईर्ष्यालु
कृपा कृपालु
दया दयालु
श्रद्धा श्रद्धालु
(13) ‘वती’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
गुण गुणवती
पुत्र पुत्रवती
रूप रूपवती
बल बलवती
(14) ‘निष्ठ’ प्रत्यय से बनने वाले विशेषण
कर्म कर्मनिष्ठ
कर्त्तव्य कर्त्तव्यनिष्ठ
धर्म धर्मनिष्ठ
सत्य सत्यनिष्ठ
(ख) सर्वनाम शब्दों से विशेषण निर्माण
आप आप जैसा
जो जैसा
मैं मुझसा, मेरा
तो तैसा (उस जैसा)
यह ऐसा
तुम तुम सा
वह वैसा
कौन कैसा
(ग) क्रिया शब्दों से विशेषण-निर्माण
पढ़ना पढ़ाकू
बनाना बनावटी
बिकना बिकाऊ
देखना दिखावटी
उड़ना उड़ाऊ
भूलना भुलक्कड़
(घ) अव्यय शब्दों से विशेषण- निर्माण
आगे अगला
भीतर भीतरी
पीछे पिछला
नीचे निचला
ऊपर ऊपरी
बाहर बाहरी
(ii) कुछ शब्दों के एक से अधिक भी विशेषण बनते हैं। जैसे
रंग – रंगीन, रंगीला, रंगदार आदि ।
धन – धनी, धनवान, धनवंत, धनाढ्य आदि ।
भाग्य – भाग्यशाली, भाग्यवादी, भाग्यवान, भाग्यहीन आदि ।
बल – बलशाली, बलवान, बलवती, बलहीन, बलवर्धक, बलदार आदि ।
निम्नलिखित शब्दों के विशेषण बनाइए :-
- सप्ताह साप्ताहिक
- पंजाब पंजाबी
- साहित्य साहित्यिक
- टिकना टिकाऊ
- निंदा निंदनीय
- सुख सुखी
- पत्थर पत्थरीला
- रोग रोगी
- प्रमाण प्रामाणिक
- पुस्तक पुस्तकीय
- बुद्धि बुद्धिमान
- ज्ञान ज्ञानी
- आधार आधारिक
- विधान वैधानिक
- खाना खानाबदोश
- बिकना बिकाऊ
- प्रदेश प्रदेशिक
- काँटा कँटीला
- राष्ट्र राष्ट्रीय
- सेना सेनापरिच्छद
- पराक्रम पराक्रमी
- अध्यात्म आध्यात्मिक
- लालच लालची
- रंग रंगीला
- सम्मान सम्माननीय
- शरीर शारीरक
- प्यास प्यासा
- कुदरत कुदरती
- आदर आदरणीय
- तैरना तैराक