अभ्यास उत्तर सहित
(क) विषय-बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए:
प्रश्न 1.नशे के चक्रव्यूह में फँसा आदमी क्या कुछ लुटा देता है ?
उत्तर: नशे के चक्रव्यूह में फँसा आदमी अपना तन, मन, धन सब कुछ लुटा देता है ।
प्रश्न 2. व्यसन या ड्रग एडिक्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर: जब आदमी का मन और शरीर दोनों नशे के गुलाम बन जाते हैं और वह नशे के बिना नहीं रह सकता तो उसे व्यसन या ड्रग एडिक्शन कहते हैं।
प्रश्न 3. नशे के अंतहीन चक्रव्यूह में कौन फँस जाता है?
उत्तर: मन का संतुलन खोजता आदमी नशे के अंतहीन चक्रव्यूह में फँस जाता है ।
प्रश्न 4. कोकेन के सेवन से क्या नुकसान होता है ?
उत्तर: कोकेन के सेवन से त्वचा के नीचे असंख्य कीड़े रेंगने का आभास होता है ।
प्रश्न 5. नशा करने से पारिवारिक व सामाजिक जीवन पर क्या असर पड़ता है ?
उत्तर: नशा करने से पारिवारिक व सामाजिक जीवन नष्ट हो जाता है। अपनों का प्यार और साथ खो जाता है। इंसान दुनिया में अकेला रह जाता है।
प्रश्न 6. नशा करने से आर्थिक जीवन पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर: नशा करने से आर्थिक समस्याएँ दिनों-दिन बढ़ती जाती हैं। आर्थिक स्थिति कमज़ोर पड़ जाती है। यहाँ तक की नौकरी तक छूट जाती है ।
प्रश्न 7.कौन-कौन सी संस्थाएँ नशा मुक्ति की सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं?
उत्तर: सरकारी, ग़ैर-सरकारी, अस्पताल, पुलिस तथा स्वयंसेवी संस्थाएँ नशा मुक्ति की सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए :
प्रश्न 1. नशे की भूल-भुलैया में लोग क्यों फँस जाते हैं?
उत्तर: नशे की भूल-भुलैया में लोग इसलिए फँस जाते हैं ताकि वे अपने जीवन की सच्चाइयों से मुँह मोड़ सकें ।वह समझते हैं कि नशा करने से गम भुलाया जा सकता है ।कुछ लोग फैशनेबल दिखने के लिए और कुछ उत्सुकता वश नशे के चंगुल में फँस जाते हैं ।
प्रश्न 2. लेखक के अनुसार किस तरह के लोग नशे के शिकार होते हैं ?
उत्तर: लेखक के अनुसार कोई गम दूर करने, तो कोई शून्य, स्नेहरिक्त, जीवन में रस लाने के लिए, कोई उत्सुकतावश, तो कोई फैशनेबल दिखने के लिए नशे के शिकार होते हैं। आज तो समाज के हर वर्ग के लोग छात्र-छात्राएँ, मज़दूर, बेरोज़गार, युवा कलाकार आदि सभी लोग नशे के शिकार बने हुए हैं।
प्रश्न 3. लोगों में नशे के बारे में किस तरह की ग़लतफहमी है? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर: लोगों में नशे के बारे में ग़लतफहमी है कि नशा कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता बढ़ाता है।
प्रश्न 4. नशा करने वाले व्यक्ति के स्वभाव में क्या परिवर्तन आ जाता है ?
उत्तर: नशा करने वाले व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। उसे झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है। उस पर आलस्य छा जाता है। वह संदेहशील बन जाता है। अनेक बार वह हीन भावना से ग्रसित हो जाता है। नशा करने के पश्चात व्यक्ति अद्भुत कल्पनाएँ करने लगता है। वह बात-बात पर क्रोध करने लगता है।
प्रश्न 5. नशा करने से कौन-कौन सी भयंकर बीमारियाँ होती हैं?
उत्तर: नशा करने से एड्स, हेपेटाइटिस, वातस्फीती, दमा, खाँसी आदि भयंकर बीमारियाँ होती हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ: या सात पंक्तियों में दीजिए :
प्रश्न 1. नशा करने का एक बार का अनुभव आगे चलकर व्यसन में बदल जाता है, कैसे?
उत्तर: नशे की शुरुआत आदमी अपने किसी दोस्त या साथी के कहे में आकर करता है। यह एक अनुभव ही कई बार आगे चलकर व्यसन में बदल जाता है ।वह इसका आदी बन जाता है। उसे नशे के बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता। नशा न मिलने पर वह छटपटाने लगता है। उसका शरीर और मन दोनों नशे के गुलाम बन जाते हैं। नशा करने पर ही यह छटपटाहट कुछ समय के लिए शांत होती है। इस प्रकार नशा करने का एक बार का अनुभव आगे चलकर व्यसन में बदल जाता है।
प्रश्न 2. नशेड़ी व्यक्ति का जीवन अंतत नीरस हो जाता है, कैसे ?
उत्तर: नशेड़ी व्यक्ति के जीवन में कुछ भी शेष नहीं रहता। उसका शरीर ही नहीं बल्कि मन भी रोगों का शिकार बन जाता है। उसका सामाजिक स्तर टूट जाता है। कोई उससे बात करना भी पसंद नहीं करता। न उसके पास धन रहता है और न यौवन ।अनेक बीमारियाँ उसे घेर लेती हैं ।उसके प्यारे मित्र यहाँ तक कि उसके अपने भी उससे किनारा करने लगते हैं ।शरीर भी साथ नहीं देता। ऐसी स्थिति में नशेड़ी व्यक्ति का जीवन नीरस बन जाता है।
प्रश्न 3. नशा मुक्ति के क्या-क्या उपाय किए जाते हैं?
उत्तर: नशा मुक्ति के लिए निम्न उपाय किए जाते हैं :-
1. नशा मुक्ति के लिए मनोरोग विशेषज्ञ से मदद ले सकते हैं ।
2. डॉक्टर नशे की खुराक को घटते हुए देकर धीरे-धीरे बंद कर देते हैं ।
3. ऐसी दवाई दी जाती है जिससे तन-मन मन की छटपटाहट काबू हो जाती है।
4. रोगी को अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं।
5. रोगी के मानसिक एवं सामाजिक पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।
6. अनेक संस्थाओं द्वारा मदद ली जाती है ।
4. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए: –
1 अवसाद, तनाव, विफलता, हताशा आदि मन को कमज़ोर करने वाली स्थितियाँ भी नशे की ओर धकेल सकती हैं। मन का संतुलन खोजता आदमी एक अंतहीन चक्रव्यूह में फँस जाता है ।
उत्तर: लेखक ने इन पंक्तियों में उन स्थितियों का वर्णन किया है जिनके कारण व्यक्ति नशे के गहन चक्रव्यूह में फँसता है। लेखक के अनुसार उदासी, मन का तनाव, जीवन में मिलने वाली असफलताएँ, निराशा और दु:ख आदि मन को कमज़ोर बनाने वाली स्थितियाँ ही व्यक्ति को नशे की ओर धकेलती हैं अर्थात् इन स्थितियों से दूर रहने के लिए या बचने के लिए ही व्यक्ति नशे का सहारा लेता है। मन को दृढ़ बनाए रखने के प्रयास में आदमी एक अंतहीन चक्रव्यूह में घिर जाता है। जिसमें से निकलना बहुत कठिन हो जाता है।
2. किंतु अच्छाई इसी में है कि इस चक्रव्यूह से स्वयं को बिल्कुल आज़ाद ही रखें। कोई कुछ भी कहे, न तो नशों के साथ एक्सपेरिमेंट करना अच्छा है, न ऐसी संगत में रहना ठीक है जहाँ लोग उसके चंगुल में कैद हों।
उत्तर: लेखक नशे से बचने का सुझाव देता है कि व्यक्ति की भलाई इसी में है कि वह नशे के इस भयंकर भंवर से अपने आप को दूर रखें। उससे कोई कुछ भी कहे, उसे कभी भी नशे के साथ किसी भी तरह का कोई भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। आरंभ में किया गया प्रयोग ही आगे चलकर आदत बन जाती है। नशा करने वाले लोगों की संगति में रहना भी ठीक नहीं है क्योंकि संगति का प्रभाव अवश्य ही पड़ता है। केवल दृढ़ संकल्प से व्यक्ति नशे के जंजाल से मुक्ति पा सकता है।
(ख) भाषा-बोध
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए –
शब्द उपसर्ग मूल शब्द
निर्बुद्धि निर बुद्धि
दुष्प्रभाव दुः प्रभाव
बेचैन बे चैन
बेरोज़गार बे रोज़गार
उत्खनन उत् खनन
विवश वि वश
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए –
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
निर्भरता निर्भर ता
पुरातात्विक पुरातत्व इक
मानसिक मानस इक
कल्पनाशीलता कल्पनाशील ता
चिकित्सीय चिकित्सा ईय
विफलता विफल ता
शारीरिक शरीर इक
मनोवैज्ञानिक मनोविज्ञान इक
सृजनात्मकता सृजनात्मक ता
सरकारी सरकार ई
प्रश्न 3. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए :
•मुँह मोड़ना (उपेक्षा करना, ध्यान ना देना) बुरे दिनों में अपने भी मुँह मोड़ लेते हैं।
•रग-रग में फैलना (सब जगह फैलना) साँप का ज़हर किसान की रग-रग में फैल चुका है ।
•घर करना (मन में कोई बात बैठ जाना) कवि को उसके पिता ने ऐसा समझाया कि यह बात उस में घर कर गई है।
• सुध न रहना (याद न रहना) नशे की दशा में व्यक्ति को कोई सुध नहीं रहती।
•ग़म ग़लत करना (दु:ख भूलने के लिए नशा करना) अधिकतर लोग ग़म ग़लत करने के लिए ही नशा करते हैं।
•नाता टूटना (संबंध खत्म हो जाना) नशेड़ी व्यक्ति के सब नाते टूट जाते हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित पंजाबी वाक्यों का हिंदी में अनुवाद कीजिए –
1. ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਖੁਰਾਕ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਵੱਧਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
उत्तर: धीरे-धीरे ख़ुराक की मात्रा भी बढ़ती जाती है ।
2. ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਆਮ ਤੌਰ‘ਤੇ ਕਿਸੇ ਦੋਸਤ ਜਾਂ ਸਾਥੀ ਦੇ ਕਹਿਣ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
उत्तर: नशे की शुरुआत आमतौर पर किसी दोस्त या साथी के कहने में आकर होती है ।
3. ਨਸ਼ੇੜੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕੰਮ ਵਿੱਚ ਮਨ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ ।
उत्तर: नशेड़ी व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता ।
4. ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਲਤ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਪਾਉਣਾ ਅਸਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
उत्तर: नशीले पदार्थों की आदत से मुक्ति पाना आसान नहीं होता ।
5. ਨਸ਼ਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਅਜ਼ਾਦ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
उत्तर: नशे से हमें स्वयं को सदा आज़ाद रखना चाहिए।
लेखन: रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स (क). स. स. स्कूल, रामां, बठिंडा