दहेज प्रथा : एक सामाजिक कलंक (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
दहेज प्रथा : एक सामाजिक कलंक दहेज का अर्थ है ऐसी सम्पत्ति जो कि विवाह के अवसर पर वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को दी जाती…
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत दुःख-सुख सब कहूँ परत है, पौरुष तजहु न मीत। मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। अर्थात् दुःख और सुख तो सभी…
परीक्षा से एक दिन पूर्व (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
परीक्षा से एक दिन पूर्व परीक्षा का नाम सुनते ही भला किस विद्यार्थी के हाथ पाँव नहीं फूल जाते ? मेरा भी कुछ ऐसा ही अनुभव रहा है।…
मैंने गर्मियों की छुट्टियाँ कैसे बितायीं (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
मैंने गर्मियों की छुट्टियाँ कैसे बितायीं हमें हर साल अक्सर जून के महीने में गर्मियों की छुट्टियाँ होती हैं। छुट्टियों से एक दिन पहले हर कोई कहता है, 'स्कूल बंद,…
जब मैं मॉल में शॉपिंग करने गयी (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
जब मैं मॉल में शॉपिंग करने गयी कुछ दिन पहले मुझे अपनी सखी से शहर में नये खुले शॉपिंग मॉल के बारे में पता चला। मेरी वहाँ जाने की उत्सुकता देखकर मेरे…
मैंने गर्मियों की छुट्टियाँ कैसे बितायीं (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
मैंने गर्मियों की छुट्टियाँ कैसे बितायीं (How I Spent My Summer Vacation Essay in Hindi) हमें हर साल अक्सर जून के महीने में गर्मियों की छुट्टियाँ होती हैं। छुट्टियों से…
जब मेरी माँ बीमार पड़ गयीं (अनुच्छेद – कक्षा नौवीं)
जब मेरी माँ बीमार पड़ गयीं जब भी मैं प्रात:काल सोकर उठता तो हमेशा माँ को रसोई घर में काम करते हुए देखता। एक दिन प्रातः मुझे पिता जी ने उठाया और माँ…
हिंदी भाषा की उपयोगिता – अनुच्छेद (कक्षा नौवीं)
हिंदी भाषा की उपयोगिता आज जन साधारण की यह मानसिकता बन चुकी है कि केवल अंग्रेज़ी सीखकर ही हम उन्नति कर सकते हैं। जबकि सच यह है कि हिंदी भाषा के बल पर भी…
मधुर वाणी-अनुच्छेद (कक्षा नौवीं)
मधुर वाणी कबीरदास जी ने कहा है- ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय। औरन को सीतल करे, आपहुँ सीतल होय।। कबीर आगे लिखते हैं- कागा काको धन हरै, कोयल काको देत। मीठा शब्द…
रामलीला देखने का अनुभव (कक्षा नौवीं)
रामलीला देखने का अनुभव मैंने पहले कभी रामलीला नहीं देखी थी। इस बार मैंने अपने मित्रों के साथ रामलीला देखने का कार्यक्रम मनाया। हमारे घर से…