भाग (क) विषय बोध
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1. छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के क्या नाम थे ?
उत्तर: छात्रावास में रहने वाले दो सहेलियों के नाम अरुणा और चित्रा थे ।
प्रश्न 2. चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणा को क्यों जगाती है ?
उत्तर: चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणा को अपने द्वारा बनाया हुआ चित्र दिखाने के लिए जगाती है।
प्रश्न 3. अरुणा चित्रा के चित्रों के बारे में क्या कहती है?
उत्तर: अरुणा चित्रा के चित्र देखकर कहती है, “कागज पर इन बेजान चित्रों को बनाने की बजाय किसी की जिंदगी क्यों नहीं बना देती!”
प्रश्न 4. अरुणा छात्रावास में रात को देर से लौटती है तो शीला उसके बारे में क्या कहती है ?
उत्तर: शीला अरुणा के बारे में कहती है कि वह बहुत गुणी है। वह दूसरों के बारे में सोचने वाली समाजसेविका है।
प्रश्न 5 चित्रा के पिताजी ने पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर: चित्रा के पिताजी ने पत्र में लिखा था कि जैसे ही उसकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी वह विदेश जा सकती है।
प्रश्न 6. अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता करके स्वयंसेवकों के दल के साथ कितने दिनों बाद लौटी?
उत्तर: अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता करके स्वयंसेवकों के दल के साथ पन्द्रह दिनों बाद लौटी।
प्रश्न 7 विदेश में चित्रा के किस चित्र ने धूम मचाई थी ?
उत्तर: विदेश में चित्रा के भिखमंगी और दो अनाथ बच्चों के चित्र ने खूब धूम मचाई थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में लिखिए :-
प्रश्न 1. अरुणा के समाज सेवा के कार्यों के बारे में लिखें ।
उत्तर : अरुणा एक सच्ची समाज सेविका है। वह छात्रावास में रहते हुए सदा समाज सेवा के कार्यों में जुटी रहती है। वह वहाँ रहकर चपरासियों, दाइयों आदि के बच्चों को मुफ्त पढ़ाती है। बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए बहुत दिन छात्रावास से बाहर रहती है। फुलिया के बीमार बच्चे की सेवा में दिन रात एक कर देती है। भिखारिन के मरने के बाद वह उसके दोनों बच्चों का पालन पोषण करती है। इस तरह वह सदा समाज सेवा के कार्यों में लगी रहती है।
प्रश्न 2. मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके सूखे शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा ने क्या किया?
उत्तर: चित्रा जब वापस लौट रही थी तो उसने देखा कि भिखारिन मर चुकी है और उसके दोनो बच्चे उसके सूखे शरीर से लिपट कर रो रहे हैं। चित्रा के संवेदनशील मन से रहा नहीं गया। उसके अंदर का कलाकार जाग उठा। वह वहीं रुक गई और उस दृश्य को उसने कागज पर उतार कर एक चित्र का रूप दे दिया ।
प्रश्न 3. चित्रा की हॉस्टल से विदाई के समय अरुणा क्यों नहीं पहुँच सकी?
उत्तर: जब चित्रा ने आकर अरुणा को मरी हुई भिखारिन और उसके रोते हुए बच्चों के बारे में बताया तो अरुणा यह सुनकर स्वयं को रोक नहीं पाई और वह उसी समय उस भिखारिन के बच्चों के पास पहुँच गयी। उन बच्चों को संभालने में व्यस्त होने के कारण ही वह चित्रा की विदाई के समय वहाँ पर पहुँच नहीं पाई।
प्रश्न 4 प्रदर्शनी में अरुणा के साथ कौन से बच्चे थे ?
उत्तर: प्रदर्शनी में अरुणा के साथ जो दो बच्चे थे, वे उस मरी हुई भिखारिन के वही बच्चे थे जो अपनी माँ के मरने के बाद बेसहारा रह गये थे। जिन बच्चों का चित्र बनाकर चित्रा ने प्रसिद्धि प्राप्त की थी उन्हीं बच्चों को अरुणा ने माँ की तरह पाल पोस कर बड़ा किया था। प्रदर्शनी में अरुणा के साथ वही दोनो बच्चे थे।
प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1 ‘दो कलाकार‘ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ‘दो कलाकार‘ मन्नू भंडारी द्वारा लिखित एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। इस कहानी में लेखक ने मानवीय गुणों को कला से बढ़कर माना है। कहानी में अरुणा और चित्रा दो सहेलियाँ हैं। चित्रा एक प्रसिद्ध चित्रकार है। वह अपने चित्रों से देश-विदेश में प्रसिद्धि पाती है। मरी हुई भिखारिन व उसके साथ चिपक कर रोते हुए बच्चों का चित्र बनाकर वह बहुत नाम कमाती है, लेकिन अरुणा उन्हीं बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करती है और उन्हें माँ का प्यार देती है। इस कारण वह चित्रा से भी बड़ी कलाकार कहलाती है। अतः इस कहानी में लेखक का उद्देश्य यह बताना है कि कलाकार में मानवीय गुणों का होना अति आवश्यक है ।
प्रश्न 2 ‘दो कलाकार‘ के आधार पर अरुणा का चरित्र चित्रण करें ।
उत्तर: अरुणा ‘दो कलाकार‘ कहानी की एक मुख्य पात्रा है। वह एक सच्ची समाज सेविका है। वह मानवीय गुणों से भरपूर है। छात्रावास में रहते हुए गरीबों, चपरासियों आदि के बच्चों को वह निशुल्क पढ़ाती है। किसी के दुख को देखकर द्रवित हो उठती है। फुलिया दाई के बीमार बच्चे की सेवा करती है। बच्चे की मृत्यु के पश्चात बहुत दु:खी होती है। इसी कारण वह अपनी प्रिय सहेली चित्रा की विदाई के समय भी नहीं पहुँच पाती। जिस भिखारिन के चित्र को बनाकर उसकी सहेली चित्रा देश-विदेश में ख्याति पाती है, अरुणा उन्ही बच्चों का माँ बनकर पालन-पोषण करती है। इस तरह वह अपनी महानता का परिचय देती है। इस प्रकार अरुणा अपने मानवीय गुणों के कारण चित्रा से भी बड़ी कलाकार बन जाती है ।
प्रश्न 3 चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है‘, आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर: ‘चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है‘ हम इस कथन से पूर्णतया सहमत है। चित्रा को चित्रकला का बहुत शौक है। वह अपना अधिकतर समय चित्र बनाने में व्यतीत करती है। अत्यंत संवेदनशील होने के कारण वह अपने चित्रों में जान भर देती है। मरी हुई भिखारिन और उसके रोते हुए बच्चों का चित्र बनाकर वह देश- विदेश में प्रसिद्धि पाती है। उसकी कला संवेदनशीलता का उदाहरण है। इस तरह हम कह सकते हैं कि चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है ।
प्रश्न 4 ‘दो कलाकार‘ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर: ‘दो कलाकार‘ शीर्षक हमारे विचार में पूर्णतया सार्थक है। अरुणा और चित्रा दोनों सखियों को लेखिका ने दो कलाकार माना है। चित्रा अपनी चित्रकला के कारण एक कलाकार का दर्जा पाती है, वही अरुणा अपने मानवीय गुणों के कारण चित्रा से भी बड़ी कलाकार कहलाती है। जिस भिखारिन और उसके रोते हुए बच्चों का चित्र बनाकर चित्रा देश-विदेश में प्रसिद्धि पाती है, उन्हीं अनाथ बच्चों का पालन- पोषण कर अरुणा चित्र से भी बड़ी कलाकार कहलाती है। इस तरह इस कहानी का शीर्षक ‘दो कलाकार‘ एक उपयुक्त शीर्षक है।
भाषा बोध
प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर इनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
राह देखना: (बेसब्री से इंतजार करना) चित्रा विदेश जाते समय अपनी सहेली अरुणा की राह देख रही थी।
रोब खाना: (प्रभाव या हस्ती मानना) हमारे स्कूल के मुख्याध्यापक का सभी रोब खाते हैं।
आँखें छलछला आना: (आँसू निकल आना) मेरे मित्र की दुख भरी कहानी सुनकर मेरी आँखें छलछला आईं।
पीठ थपथपाना (हौंसला या शाबाशी देना) परीक्षा में प्रथम आने पर अध्यापक ने विद्यार्थी की पीठ थपथपाई।
धूम मचना (प्रसिद्धि होना) अच्छे चित्र बनाने के कारण चित्रा की देश-विदेश में धूम मची हुई थी ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखें ।
बेवकूफी: समझदारी गुण : अवगुण
निरक्षरता :साक्षरता आदर्श :यथार्थ
जिंदगी: मौत बंधन: मुक्ति
शोहरत: बदनामी बीमार: स्वस्थ
धनी: निर्धन विदेश : स्वदेश
प्रश्न : निम्नलिखित का हिंदी में अनुवाद कीजिए
“ਮੇਰੇ ਬੱਚੇ ਹਨ , ਹੋਰ ਕਿਸ ਦੇ? ਇਹ ਤੁਹਾਡੀ ਚਿੱਤਰਾ ਮਾਸੀ ਹੈ । ਨਮਸਤੇ ਕਰੋ ਆਪਣੀ ਮਾਸੀ ਨੂੰ” ਅਰੁਣਾ ਨੇ ਆਦੇਸ਼ (ਹੁਕਮ) ਦਿੱਤਾ ।
“मेरे बच्चे हैं , और किसके ? यह तुम्हारी चित्र मासी है । नमस्ते करो अपनी मासी को”,अरुणा ने आदेश दिया।
ਸੱਚ? ਹੈਰਾਨੀ ਨਾਲ ਬੱਚੀ ਬੋਲ ਪਈ। ਫਿਰ ਤਾਂ ਮਾਸੀ ਤੁਸੀਂ ਚਿੱਤਰਕਲਾ ਵਿੱਚ ਜ਼ਰੂਰ ਪਹਿਲਾ ਨੰਬਰ ਲਿਆਉਂਦੇ ਹੋਵੋਗੇ। ਮੈਂ ਵੀ ਪਹਿਲਾ ਨੰਬਰ ਲਿਆਉਂਦੀ ਹਾਂ ।
सच? हैरानी से बच्ची बोल पड़ी। फिर तो मासी आप अवश्य चित्रकला में प्रथम स्थान लाते होंगे। मैं भी प्रथम स्थान लाती हूं ।
3 ਚਿੱਤਰਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ , ਚਿੱਤਰਾ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਆਈ ਸੀ। ਤੂੰ ਤਾਂ ਇਕਦਮ ਭੁੱਲ ਹੀ ਗਈ ।
चित्रों को नहीं चित्रा को देखने आई थी। तुम तो एकदम भूल ही गयी।