पाठ 5 हार की जीत (कक्षा-7)

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पाठ 5 हार की जीत
अभ्यास सहित उत्तर

प्रश्न 1: नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
ਲਹਿਲਹਾਂਦੇ                  लहलहाते                                 ਕੀਰਤੀ                      कीर्ति
ਸੁਲਤਾਨ                      सुलतान                                   ਛਵੀ                         छवि
ਘੋੜਾ                           घोड़ा                                       ਘਮੰਡ                       घमंड
ਮੰਦਰ                          मंदिर                                      ਅਪਾਹਜ                   अपाहिज
ਭਗਵਾਨ                      भगवान                                   ਲਗਾਮ                     लगाम

प्रश्न 2: नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
ਇੱਛਾ                         चाह                                         ਬੇਚੈਨ                        अधीर
ਅਨੋਖਾ                       विचित्र                                      ਹਵਾ ਦੀ ਗਤੀ              वायु वेग
ਤਬੇਲਾ                       अस्तबल                                   ਵਾਂਗ                         नाईं
ਕੰਗਾਲ                      कंगले                                       ਝੂਠ                          मिथ्या
ਝੌਂਪੜੀ                       कुटिया                                      ਮਤਰੇਆ                    सौतेला

प्रश्न 3 :इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
प्रश्न 1: बाबा भारती के घोड़े का क्या नाम था?
उत्तर: बाबा भारती के घोड़े का नाम सुलतान था।

प्रश्न 2: खड्ग  सिंह कौन था?
उत्तर :खड्ग सिंह अपने इलाके का एक प्रसिद्ध डाकू था।

प्रश्न 3: बाबा भारती अपने घोड़े को देखकर खुश क्यों होते थे?
उत्तर: क्योंकि उनका घोड़ा बहुत सुंदर और बलवान था।

प्रश्न 4: “बाबा जी यह घोड़ा अब न दूँगा।” यह वाक्य किसने कहा और किसे कहा ?
उत्तर: यह वाक्य खड्ग सिंह ने बाबा भारती को कहे ।

प्रश्न 5: “इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना” यह वाक्य किसने कहा, किसे और कब कहा?
उत्तर: यह वाक्य बाबा भारती ने खड्ग सिंह से कहे, जब वह धोखे से उनका घोड़ा ले जा रहा था।

प्रश्न 4 इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:-
प्रश्न (1) बाबा भारती को अपना घोड़ा क्यों प्रिय था?
उत्तर: क्योंकि वह घोड़ा बहुत सुंदर और बलवान था। बाबा भारती उसे सुलतान कहकर पुकारते थे। वह खुद उसे दाना खिलाते और उसे देख-देख कर खुश होते थे ।

प्रश्न (2) खड्ग सिंह ने घोड़े को प्राप्त करने के लिए क्या चाल चली?
उत्तर :खड्ग सिंह ने अपाहिज का वेश बनाकर बाबा भारती से सहायता माँगी। बाबा भारती ने दया करके उसे अपने घोड़े पर बिठा लिया। जब ही वह घोड़े पर बैठा, तो वह घोड़ा लेकर भागने लगा। इस प्रकार उसने घोड़े को धोखे से प्राप्त किया।

प्रश्न 3 :बाबा भारती ने खड्ग सिंह से क्या प्रार्थना की?
उत्तर :बाबा भारती ने प्रार्थना की कि तुम इस घटना का जिक्र किसी से न करना, नहीं तो लोग गरीब पर विश्वास नहीं करेंगे।

प्रश्न 4: खड्ग सिंह ने घोड़ा क्यों लौटा दिया?
उत्तर :बाबा भारती के शब्द खड्ग सिंह के कानों में गूँजते रहे। उनके शब्दों  ने उसका हृदय परिवर्तन कर दिया। इसलिए उसने बाबा को घोड़ा लौटा दिया।

प्रश्न 5: इस कहानी की महत्वपूर्ण पंक्ति ढूँढ़कर लिखें जिसने डाकू का हृदय परिवर्तित कर दिया?
उत्तर: बाबा भारती के इन शब्दों “अब घोड़े का नाम न लो। मैं तुम्हें इसके विषय में कुछ नहीं कहूँगा। मेरी प्रार्थना यह है इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वह किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे।” ने डाकू का हृदय परिवर्तित कर दिया

प्रश्न 5: इन मुहावरों के अर्थ लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग करें :
1. हृदय अधीर होना (दिल बेचैन होना) माँ को बीमार देखकर, मेरा ह्रदय अधीर हो गया।
2. शब्द कानों में गूँजना (बार-बार बात याद आना) बाबा भारती के शब्द डाकू के कानों में गूँजते रहे।
3.हृदय पर साँप लोटना (ईर्ष्या होना) राम की नयी कार देखकर, शाम के हृदय पर साँप लोटने लगा।
4. हाथ से छूटना (खो देना) अचानक लगाम बाबा के हाथ से छूट गई।
5. गले लिपट कर रोना (प्यार उमड़कर आना) बाबा घोड़े के गले लिपट कर रोने लगे।
6. दिल टूटना (हताश होना) घोड़े को खोकर बाबा जी का दिल टूट गया।
7. नेकी के आँसू बहाना (पश्चाताप करना) बाबा के शब्दों को सुनकर खड्ग सिंह नेकी के आँसू बहाने लगा।
8. मुँह मोड़ना (रूठ जाना) गीता ने सीता से मुँह मोड़ रखा है।
9. पीठ पर हाथ फेरना (शाबाशी देना) कक्षा में प्रथम आने पर, पिताजी ने मेरी पीठ पर हाथ फेरा।
10 मन मोह लेना (मन को आकर्षित करना) बाबा जी का घोड़ा सबका मन मोह लेता था।
11. कीर्ति कानों तक पहुँचना (किसी के यश को सुनना) जल्द ही, बाबा जी के घोड़े की कीर्ति सब के कानों तक पहुँच गई।
12. चाह खींच लाना (इच्छा से प्रभावित होना) खड्ग सिंह को घोड़े तक उसकी चाह खींच लाई।
13. हृदय पर छवि अंकित हो जाना (मन में बस जाना) सीता की सुंदरता की छवि सब के मन में बस गई।
14. हृदय में हलचल होना (उत्सुक होना) परिणाम आने पर सबके हृदय में हलचल होने लगी।
15. वायु वेग से उड़ना (बहुत तेज़ दौड़ना) सुलतान दौड़ता ऐसा लगता था कि जैसे वायु वेग से उड़ रहा हो।
16. आश्चर्य का ठिकाना न रहना (हैरान रह जाना) प्रथम आने का समाचार सुनकर, मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
17. तनकर बैठना (अकड़कर बैठना) हमें तन कर नहीं बैठना चाहिए।

प्रश्न 6: लिंग बदलो :
घोड़ा             घोड़ी                     बालिका           बालक
बेटा              बेटी                       पुत्री                 पुत्र
दास             दासी                      पिता                माता
बकरा           बकरी                    देवी                  देव

प्रश्न 7 :विपरीत शब्द लिखें:
सावधान        असावधान               गरीब             अमीर
भय               निर्भय                    सुख               दुःख
विश्वास          अविश्वास                 संध्या              सवेर
संतोष           असंतोष                  छाया              धूप
स्वीकार        अस्वीकार                भला               बुरा

प्रश्न 8 :शुद्ध रूप लिखें :
आननद        आनंद                     प्रमात्मा           परमात्मा
नमष्कार      नमस्कार                 परसन्न             प्रसन्न
हिरदय        ह्रदय                       कीरती            कीर्ति

प्रश्न 9 :इन शब्दों में ‘र ‘पूरा है या आधा लिखें :
प्रकट      पूरा              आश्चर्य      आधा              कीर्ति      आधा

प्रश्न 10: इन अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द लिखें :
जहाँ पर घोड़े रखे जाते हैं            अस्तबल
जिसका कोई अंग ठीक न हो       अपाहिज

प्रश्न 11: इन वाक्यों में विशेषण शब्दों ढूँढ़कर लिखें:
(क) वह घोड़ा सुंदर और बड़ा बलवान था । उत्तर: सुंदर, बड़ा बलवान
(ख) खड्ग सिंह उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। उत्तर: प्रसिद्ध
(ग) बाबा, मैं दु:खी हूँ। उत्तर: दुःखी
(घ) मैं उनका सौतेला भाई हूँ । उत्तर: सौतेला
(ङ) चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल, ठंडे जल से स्नान किया। उत्तर: चौथा, अपनी, ठंडे

प्रश्न 12: इन वाक्यों में रेखांकित पदों के कारक बताएं:
(क) वे गाँव से बाहर एक छोटे से मंदिर में रहते थे।
उत्तर- गाँव से = अपादान कारक, मंदिर में = अधिकरण कारक
(ख) उसके हृदय में हलचल होने लगी।
उत्तर- हृदय में = अधिकरण कारक
(ग) उसकी चाल देखकर खड्ग सिंह के हृदय पर साँप लोट गया।
उत्तर- हृदय पर = अधिकरण कारक
(घ) बाबा ने घोड़े को रोक लिया।
उत्तर- बाबा ने = कर्ता कारक
(ङ) उनके हाथ से लगाम छूट गई।
उत्तर- हाथ से = अपादान कारक
(च) वह धीरे-धीरे अस्पताल के फाटक पर पहुँचा।
उत्तर- अस्पताल के = संबंध कारक, फाटक पर = अधिकरण कारक
(छ) वे घोड़े को खोलकर बाहर ले गए।
उत्तर- घोड़े को = कर्म कारक

लेखन: रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स(क).स.स. स्कूल, रामा बठिंडा
संशोधन: राजन, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल लोहारका कलां, अमृतसर
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडा
संयोजक: मुनीश कुमार, हिंदी मास्टर, स(ल). स.स.स्कूल, कोठागुरु, बठिंडा

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