विद्यार्थी और अनुशासन (कक्षा दसवीं)

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‘अनुशासन’ शब्द अनु + शासन दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘अनु’ का अर्थ है ‘पीछे’ तथा ‘शासन’ का अर्थ है नियम अथवा नियंत्रण आदि। अतः अनुशासन का अर्थ हुआ नियमों के अनुसार चलना। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। आज के विद्यार्थी कल के नेता हैं। विद्यार्थी को अनुशासन में रहना बहुत ज़रूरी  है। उन्हें अनुशासन को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण व आवश्यक अंग मानना चाहिए। कक्षा में शांतिपूर्वक बैठकर अध्यापकों को सुनना ,विद्यालय के नियमों का पालन करना, समय का सदुपयोग करना, पुस्तकालय में चुपचाप बैठकर पढ़ना और खेल के मैदान आदि में भी नियमों में रहना- यह सब बातें अनुशासन के अन्तर्गत आती हैं। विद्यार्थी को कभी भी अनुशासनहीनता का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहकर पढ़ाई और सभी कार्य करेंगे तो अवश्य ही अपने जीवन में सफल होंगे। ऐसे विद्यार्थी ही एक अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं तथा देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।

तैयारकर्ता: डॉ० सुमन सचदेवा, हिंदी मिस्ट्रेस, सरकारी हाई स्कूल, मंडी हरजी राम (लड़के) मलोट, ज़िला श्रीमुक्तसर साहिब

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