स्वतंत्रता दिवस (कक्षा- आठवीं)
प्रस्तावना- 15 अगस्त, 1947 एक ऐसी तिथि है, जिसे हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। इस दिन भारत अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद हुआ था। इसीलिए पूरे भारत में यह राष्ट्रीय पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं।
स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास– आज़ादी से पहले अंग्रेज़ों ने भारत पर अपना प्रभुत्व जमाया हुआ था। हमारा सब कुछ धन, अनाज, ज़मीन पर अंग्रेज़ों के अधिकार में था। वे हमसे मनमाना लगान वसूलते थे। भारतीयों पर अत्यधिक अत्याचार किए जाते थे। जलियांवाले बाग का हत्याकांड या फिर कोई और घटना, भारतीयों का शोषण किया जाता था। उनसे भेदभाव किया जाता था।
स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान- भारत को स्वतंत्र करवाने में बहुत से वीरों का योगदान रहा है। इनमें करतार सिंह सराभा, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद आदि के योगदान अतुलनीय है। स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतवासी इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाना- राष्ट्रीय इस पर्व पर पूरे भारत में सरकारी भवनों पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा तिरंगा लहराया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के लालकिले पर होता है। लालकिले के सामने का मैदान और सड़कें दर्शकों से खचाखच भरी होती हैं। भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं। झंडा फहराने के बाद देश के प्रधानमंत्री जी पूरे राष्ट्र को संबोधित करते हैं। वे अपने इस भाषण में हमारी देश की कठिनाइयों पर चर्चा करते हैं और इसकी भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हैं। सायंकाल में सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है।
देश भक्ति का रंग– स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाज़ारों में रौनक आ जाती है। कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। हर तरफ खुशी का माहौल होता है। सभी लोग इस अवसर पर देश भक्ति के रंग में रंग जाते हैं। सभी में राष्ट्रीय एकता की भावना झलकती है।
निष्कर्ष- स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है। यह पर्व पूरे भारतवर्ष में से बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।