पाठ 14 सहयोग (कक्षा आठवीं)

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पाठ 14 सहयोग

अभ्यास हल सहित
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
ਸਹਿਯੋਗ       =    सहयोग         ਸ਼ਾਮਿਲ                 =         शामिल
ਉਦੇਸ਼          =       उद्देश्य          ਮਿੱਤਰਤਾ ਪੂਰਨ        =         मैत्रीपूर्ण
ਮਦਮਸਤ      =       मदमस्त         ਸਰਬਜਨਕ            =         सार्वजनिक

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से. पढ़े और हिन्दी शब्दों को लिखें:
ਵਿਭਿੰਨਤਾ      =       विविधता              ਜ਼ਰੂਰੀ                  =         अनिवार्य
ਛੂਹ             =       स्पर्श                     ਵੱਖਰਾ                  =         पृथक
ਕਬੂਤਰਾਂ ਦਾ ਰਾਜਾ =  कपोतराज          ਉਨੱਤੀ                  =         प्रगति
ਆਪਸੀ         =       परस्पर                 ਸੇਵਾ-ਭਾਵ              =       सेवा-शुश्रूषा
ਕੁਦਰਤੀ       =       प्राकृतिक              ਬਰਾਬਰ                =       तुल्य
ਅੰਦਰੂਨੀ       =       आन्तरिक             ਕਲੇਸ਼                   =       द्वेष
ਨਿਰਭਰ        =       अवलम्बित          ਹਿਸਾਬ                 =         गणित
ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ =   अंगांगी             ਵਿਸ਼ਾਲ                 =         विस्तृत
ਵਿਰੋਧੀ         =       प्रतिद्वंद्वी               ਮੁੱਡਲੀ           =     प्राथमिक

3. शब्दार्थ:
पारस          = वह पत्थर जिसके छूने से लोहा सोना बन जाता है
मदमस्त      = मद में चूर
कपोतराज    = कबूतरों का राजा
हितोपदेश     = विष्णु शर्मा कृत नीति शास्त्र संबंधी एक प्रसिद्ध ग्रंथ
अवलम्बित   = निर्भर
सतत          = निरन्तर, लगातार
प्रतिद्वन्द्वी = विरोधी
सार्वजनिक   = सब जन का।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
(क) सहयोग का क्या अर्थ है?
उत्तर- सहयोग का अर्थ है किसी कार्य में एक-दूसरे का साथ देना।

(ख) लंगड़े ने अंधे को क्या उपाय बताया?
उत्तर- लंगड़े ने अंधे को बताया कि तुम मुझे अपने कंधे पर बिठा लो। मैं तुम्हें रास्ता बताऊँगा। इस तरह हम सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाएंगे।

(ग) कपोतराज चित्रग्रीव ने कबूतरों को क्या सलाह दी?
उत्तर- उसने कबूतरों को साहस करके एक साथ मिलकर उड़ने की सलाह दी ।

(घ) हमें पड़ोसियों से कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर- हमें पड़ोसियों से सहयोग और मेलजोल बढ़ाना चाहिए। उनके सुख और दु:ख में शामिल होना चाहिए। उनसे अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

(ङ) हमें अपने सहपाठियों से कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर: हमें अपने सहपाठियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनसे भेदभाव और झगड़ा नहीं करना चाहिए। उनसे सहयोग बढ़ाना चाहिए।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:
(क) सहयोग के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर- इस पाठ में सहयोग के दो उदाहरण दिये गये हैं। एक गाँव में बाढ़ आ जाने पर एक अन्धा व्यक्ति एक लंगड़े व्यक्ति को अपनी पीठ पर बिठाकर आपसी सहयोग से सुरक्षित स्थान पर पहुँच गये। इसी प्रकार शिकारी के जाल में फंसे कबूतर परस्पर सहयोग से ही जाल को ले उड़े और मरने से बच गए।

(ख) सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होता है। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने विचार लिखें।
उत्तर- हाँ, हम इस बात से सहमत हैं। आपसी सहयोग से हम अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं। आपसी सहयोग से हमारे कठिन काम भी सरल बन जाते हैं। परस्पर सहयोग से वस्तुत: दोनों पक्षों को लाभ होता है। जैसे स्कूल में अगर दो सहपाठी साथ-साथ बैठकर पढ़ाई करने में एक दूसरे को सहयोग देते हैं तो इससे दोनों का ही भला होता है।

6.नीचे दिये गये वाक्यों में निर्देशानुसार उत्तर लिखें:
(क) सहयोग से लोहा भी सोना बन जाता है, उसका मूल्य सौ गुणा बढ़ जाता है। (यहाँ सर्वनाम कौन-सा है?)
(ख) शरीर को पूर्णता अंगों के सहयोग से मिलती है।               (भाववाचक संज्ञा छाँटें)
(ग) पड़ोसियों से सहयोग करना चाहिए।                                (संज्ञा शब्द छाँटकर उनका भेद लिखें)
(घ) सहयोग से कक्षा का वातावरण मैत्रीपूर्ण हो जायेगा।         (जातिवाचक संज्ञा छाँटें)
(ङ) नदी के किनारे एक गाँव था।                                          (सम्बन्धबोधक अव्यय छाँटें)
(च) बच्चे माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हैं और अपना काम मन लगा कर करते हैं।                                       (योजक शब्द छाँटें)
उत्तर- (क) सर्वनाम = उसका (ख) भाववाचक संज्ञा = पूर्णता (ग) जातिवाचक संज्ञा = पड़ोसियों (घ) जातिवाचक संज्ञा = सहयोग (ङ) सम्बन्ध बोधक अव्यय = के (च) योजक शब्द = और।

7. इन मुहावरों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :
(क) अंगूठा दिखाना (इन्कार करना) जब राम ने शाम से पुस्तक माँगी तो शाम ने अंगूठा दिखा दिया।
(ख) आँखों का तारा (बहुत प्यारा) मोहन अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
(ग) चार-चाँद लगाना (शोभा बढ़ाना) कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके उसने अपने अपने माता-पिता के नाम को चार-चाँद लगा दिए।
(घ) मुँह उतर जाना (लज्जित होना) परीक्षा में फेल होने रवि का मुंह उतर गया।
(ङ) एक पंथ दो काज (एक काम से दोहरा लाभ) मैं कल दिल्ली अपने मित्र की शादी में गया और पुस्तक मेला भी देख आया। इस तरह मेरे एक पंथ दो काज हो गए।
(च) जान बचना (मुसीबत से बचना) कल गाड़ी से उतरते समय उसका पैर फिसल गया पर उसकी जान बच गई।
(छ) जाल में फँसना (चंगुल में फंसना) शत्रु हमारे सैनिकों के जाल में फंस गए।
(ज) मौत दिखाई देना (मृत्यु का सामना होना) हमारी सेना के आगे दुश्मनों को मौत दिखाई देने लगी।
(झ) धैर्य बंधवाना (धैर्य देना) अपने मित्र को कक्षा में फेल होने पर धैर्य बंधवाने के लिए पत्र लिखें।
(ञ) हक्का बक्का रह जाना (हैरान होना) इतना बड़ा शेर देखकर देव हक्का-बक्का रह गया।
(त) दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना (बहुत उन्नति करना) रवि ने अपनी समझदारी से हैं अपने व्यापार में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति कर ली है।

8. इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के वचन बदल कर वाक्य पुनः लिखें।
(क) यह तिनका है।               ये तिनके हैं।
(ख) मुझे रस्सा दो।               मुझे रस्से दो।
(ग) मेरी आँख में दर्द है।           मेरी आँखों में दर्द हैं।
(घ) मेरे पास कहानी की पुस्तक है।  मेरे पास कहानियों की पुस्तकें हैं।
(ङ) यह सूती कपड़ा है।            ये सूती कपड़े है।
(च) अपनी पेंसिल मुझे दो।         अपनी पेंसिलें मुझे दो।

9. भाववाचक संज्ञा बनाएँ:
पूर्ण       पूर्णता                पशु              पशुता
मित्र       मित्रता               आवश्यक   आवश्यकता
मानव      मानवता              मनुष्य      मनुष्यता
सभ्य      सभ्यता

10. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:
मानव      इन्सान, मनुष्य         शरीर      देह, काया
आँख      नेत्र, नयन             हाथ       कर, हस्त
मित्र       दोस्त, सखा

11. विपरीतार्थक शब्द लिखें:
सहयोग    असहयोग             भाव       अभाव
असभ्य     सभ्य                सुविधा     असुविधा

12. विशेषण बनायें:
नगर               नागरिक                                 ईमानदार   ईमानदारी
समाज            सामाजिक                              परेशानी          परेशान
प्रकृति              प्राकृतिक                               प्रसिद्धि         प्रसिद्ध
अंतर               आन्तरिक                               शांति               शांत
शरीर               शारीरिक                                 सच्चाई           सच्चा
प्रथम               प्राथमिक                                कमज़ोरी         कमजोर

सहयोगी- रजनी गोयल,  हिंदी अध्यापिका, स(क).स.स. स्कूल, रामां बठिंडा

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