पाठ 13 मैं और मेरा देश (कक्षा दसवीं)(क) विषय बोध
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियोँ में दीजिए ।
प्रश्न 1 लेखक को अपनी पूर्णता का बोध कब हुआ ?
उत्तर: जब लेखक ने सोचा कि उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास घर, पड़ोस, परिवार व समाज है और वह भी अनेक लोगों की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है तो उसे अपनी पूर्णता का बोध हुआ।
प्रश्न 2 मानसिक भूकम्प से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: मानसिक भूकम्प से अभिप्राय है- मानसिक विचारों और विश्वासों में हलचल उत्पन्न होना ।
प्रश्न 3 किस तेजस्वी पुरुष के अनुभव ने लेखक को हिला दिया?
उत्तर: तेजस्वी पुरुष लाला लाजपत राय जी की विदेश यात्राओं के दौरान भारत की गुलामी के अनुभव ने लेखक को हिला दिया।
प्रश्न 4 मनुष्य के लिए संसार के सारे उपहारों और साधनों को व्यर्थ क्यों कहा गया ?
उत्तर: मनुष्य के लिए संसार के सारे उपहार एवं साधन तब तक व्यर्थ है जब तक उसका देश गुलाम अथवा हीन है ।
प्रश्न 5 युद्ध में ‘जय’ बोलने वालों का क्या महत्व है?
उत्तर: युद्ध क्षेत्र में ‘जय’ बोलने वाले लोग सैनिकों का साहस बढ़ाते हैं जिससे उनकी जीत होती है।
प्रश्न 6 दर्शकों की तालियाँ खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव डालती हैं ?
उत्तर: दर्शकों की तालियाँ खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाती हैं जिससे वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं ।
प्रश्न 7 जापान के स्टेशन पर स्वामी रामतीर्थ क्या ढूँढ़ रहे थे?
उत्तर: जापान के स्टेशन पर स्वामी रामतीर्थ खाने के लिए फल ढूँढ़ रहे थे।
प्रश्न 8 कमाल पाशा कौन थे ?
उत्तर: कमाल पाशा तुर्की के राष्ट्रपति थे ।
प्रश्न 9 बूढ़े किसान ने कमाल पाशा को क्या उपहार दिया?
उत्तर: बूढ़े किसान ने कमालपाशा को मिट्टी की छोटी हाँडिया में पाव भर शहद का उपहार दिया।
प्रश्न 10 किसान ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को क्या उपहार दिया?
उत्तर: किसान ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को रंगीन सुतलियों से बुनी हुई खाट उपहार में दी।
प्रश्न 11 लेखक के अनुसार हमारे देश को किन दो बातों की आवश्यकता है?
उत्तर: लेखक के अनुसार हमारे देश को दो बातों की आवश्यकता है: शक्ति-बोध और सौंदर्य-बोध ।
प्रश्न 12 शल्य कौन था ?
उत्तर: शल्य महाबली कर्ण का सारथी था ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए :
प्रश्न 1 लाला लाजपत राय के किस अनुभव ने लेखक की पूर्णता को अपूर्णता में बदल दिया ?
उत्तर: लेखक स्वयं को एक पूर्ण व्यक्ति समझता था। लाला लाजपत राय जी ने लेखक को बताया कि उनकी विदेशी यात्राओं के दौरान भारतवर्ष की गुलामी की लज्जा का कलंक उनके माथे पर लगा रहा। लाला लाजपत राय के इस अनुभव ने लेखक की पूर्णता को अपूर्णता में बदल दिया।
प्रश्न 2 स्वामी रामतीर्थ द्वारा फलों की टोकरी का मूल्य पूछने पर जापानी युवक ने क्या कहा?
उत्तर: स्वामी रामतीर्थ द्वारा फलों की टोकरी का मूल्य पूछने पर जापानी युवक ने कहा कि इन फलों का कोई मूल्य नही है। अगर आप इसका मूल्य देना ही चाहते हो तो अपने देश में जाकर किसी से यह मत कहिएगा कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते। वास्तव में उस व्यक्ति ने स्वामी जी को ऐसा कहते हुए सुन लिया था। और वह नहीं चाहता था कि उसके देश की बदनामी हो
प्रश्न 3 किसी देश के विद्यार्थी ने जापान में ऐसा कौन सा काम किया जिससे उसके देश के माथे पर कलंक का टीका लग गया?
उत्तर: किसी देश के विद्यार्थी ने जापान के पुस्तकालय से पुस्तक पढ़ने के लिए ली। उसने उस पुस्तक में से कुछ दुर्लभ चित्र फाड़कर रख लिए और पुस्तक वापस कर दी। उसकी इस हरकत के फलस्वरूप उसे जापान से निकाल दिया गया और साथ ही पुस्तकालय के नोटिस-बोर्ड पर यह लिखवा दिया गया कि उसके देश का कोई भी विद्यार्थी इस पुस्तकालय में प्रवेश नहीं कर सकता। इस प्रकार उस एक युवक ने अपने देश के माथे पर कलंक लगा दिया।
प्रश्न 4 लेखक के अनुसार कोई भी कार्य महान कैसे बन जाता है?
उत्तर: लेखक के अनुसार कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। अगर कार्य करने के पीछे शुभ भावना होती है तो कोई छोटे से छोटा कार्य भी महान बन जाता है। इसके विपरीत बुरी भावना के साथ किया गया बड़े से बड़ा कार्य भी हीन बन जाता है।
प्रश्न 5 शल्य ने कौन सा महत्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर: महाभारत के युद्ध के दौरान शल्य कर्ण का सारथी था। लेकिन वह वास्तव में अर्जुन के पक्ष में था। कर्ण जब कभी अपनी वीरता व जीत पर प्रसन्न होता तो शल्य अर्जुन की प्रशंसा करने लगता। इस तरह से कर्ण के मन में आत्मविश्वास की कमी आ गयी जो उसके भावी पराजय की नींव रखने में सफल हुई।
प्रश्न 6 शक्ति-बोध और सौंदर्य-बोध से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: शक्ति बोध का अर्थ है देश को शक्तिशाली बनाना और सौंदर्य बोध से तात्पर्य है देश को सुंदर बनाना। हमारे देश को इन दो बातों की बहुत आवश्यकता है। इसके लिए हमारा कोई भी काम ऐसा न हो जो देश में कमज़ोरी व कुरुचि की भावना को बल दे।
प्रश्न 7 हम अपने देश के शक्ति बोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं ?
उत्तर: जब हम सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, क्लब आदि में अपने देश की कमजोरियों व कमियों का वर्णन करते हैं और दूसरे देश की तुलना में अपने देश को हीन कहते हैं और दूसरे देश को श्रेष्ठ कहते हैं, तब हम देश के शक्ति बोध को चोट पहुंचा रहे होते हैं।
प्रश्न 8 हम अपने देश के सौंदर्य बोध को किस प्रकार चोट पहुंचाते हैं ?
उत्तर: जब हम सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं, सड़कों पर कूड़ा कर्कट फेंकते हैं, घर, दफ्तर, गली गंदा रखते हैं, कहीं पर समय से लेट पहुँचते हैं, इधर की बात उधर करते हैं; उस समय हम अपने देश के सौंदर्य बोध को चोट पहुँचाते हैं।
प्रश्न 9 देश की उच्चता और हीनता की कसौटी क्या है?
उत्तर: देश की उच्चता और हीनता की कसौटी उस देश में होने वाले चुनाव हैं। जिस देश के नागरिक चुनाव के समय बुद्धिमता और विवेक से सही व्यक्ति को मतदान करते हैं, वह देश उच्च होता है। इसके विपरीत जिस देश के नागरिक किसी लालच के वश में आकर गलत व्यक्ति को मतदान करते हैं, वह देश हीन होता है। अतः चुनाव ही देश की उच्चता और हीनता की कसौटी है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए ।
प्रश्न 1 लाला लाजपत राय जी ने देश के लिए कौन सा महत्वपूर्ण कार्य किया ? निबंध के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर: लाला लाजपत राय जी एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने बहुत देशों की यात्राएं की। अपने विदेशी यात्राओं के दौरान भारत की गुलामी की लज्जा के कलंक को अनुभव किया। उन्होने देश की गुलामी पर बहुत से लेख व निबंध लिखे। अपने जोशीले भाषणों के द्वारा देश के लोगों में जोश की भावना और उत्साह पैदा किया और उन्हें देश की स्वतंत्रता के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया। इस तरह उन्होंने देश की आजादी के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये।
प्रश्न 2 तुर्की के राष्ट्रपति कमाल पाशा और भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित घटनाओं द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है ?
उत्तर: तुर्की के राष्ट्रपति कमालपाशा ने एक साधारण व्यक्ति के द्वारा लाई गई शहद की हांडी को प्रेम पूर्वक स्वीकार किया। इसी तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक साधारण किसान द्वारा उपहार में दी गई रंगीन सुतलियों की खाट को बहुत महत्व दिया। उनके द्वारा लाए गये यह दोनों उपहार बहुत कीमती नहीं थे, बल्कि उनकी स्नेह और प्रेम की भावना ने उपहारों को अनमोल बना दिया। अतः इन घटनाओं के द्वारा लेखक यह बताना चाहता है कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। कार्यों की महानता उस कार्य की पीछे छिपी हुई भावना में निहित होती है।
प्रश्न 3 लेखक ने देश के नागरिकों को चुनाव में किन बातों की ओर ध्यान देने के लिए कहा है ?
उत्तर: लेखक ने देश के नागरिकों को चुनाव में बहुत सी महत्वपूर्ण बातों की ओर ध्यान देने के लिए कहा है। देश के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। उसे चुनाव में सूझबूझ से मतदान करना चाहिए। अपने बुद्धि व विवेक के अनुसार अच्छे गुणों वाले व्यक्ति को मत देना चाहिए। किसी भी लालच या लोभ के वश में आकर गलत व्यक्ति को मतदान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें बाद में पछताना पड़ सकता है। मतदान करते समय इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
(ख) भाषा बोध
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए:-
मनुष्य मनुष्यता ऊँचा ऊँचाई
पूर्ण पूर्णता लड़ना लड़ाई
स्वतंत्र स्वतंत्रता गुलाम गुलामी
उच्च उच्चता व्यक्ति व्यक्तित्व
हीन हीनता पुरुष पौरुष
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए:-
नगर नागरिक राष्ट्र राष्ट्रीय
संसार सांसारिक भारत भारतीय
संस्कृति सांस्कृतिक दया दयालु
परिवार पारिवारिक घर घरेलु
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए:-
ज्ञान अज्ञान लाभ हानि
अंधकार प्रकाश सफल असफल
जीवन मृत्यु पराजय विजय
साधारण असाधारण पक्ष विपक्ष
स्वतंत्र परतंत्र सम्मान अपमान
डॉ. सुमन सचदेवा, हिंदी अध्यापिका, स.ह. स्कूल (लड़के) मंडी हरजीराम, मलोट