पाठ 14 गिल्लू
अभ्यास उत्तर सहित
प्रश्न 1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
ਉਂਗਲੀ = उँगली ਥਾਲੀ = थाली
ਪੰਜਾ = पंजा ਹਸਪਤਾਲ = अस्पताल
ਜਾਲੀ = जाली ਝੂਲਾ = झूला
प्रश्न 2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:
ਲੁਕਣ-ਮੀਟੀ = छुआ-छुऔवल ਛੋਟੀ ਟੋਕਰੀ = डलिया
ਕਾਂਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜਾ = काक-द्वय ਬਿਮਾਰੀ = अस्वस्थता
ਚੁੰਝ = चोंच ਸਿਰਹਾਣਾ = तकिया
ਕੋਮਲ = स्निग्ध ਸੇਵਾਦਾਰਨੀ = परिचारिका
ਗੁੱਛੇਦਾਰ = झब्बेदार ਝੱਜਰ = सुराही
प्रश्न 3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्य में लिखें:
प्रश्न (क) गिल्लू कौन था?
उत्तर: गिल्लू गिलहरी का एक छोटा-सा बच्चा था।
प्रश्न (ख) लेखिका ने उसे स्वस्थ करने के लिए क्या उपचार किया?
उत्तर: लेखिका ने रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया और रुई की बत्ती दूध में भिगोकर उसे दूध पिलाने की कोशिश की।
प्रश्न (ग) गिल्लू का घर कैसा था?
उत्तर: गिल्लू का घर फूल रखने की एक हल्की डलिया में रुई बिछाकर बनाया गया। फिर उसे तार से खिड़की पर लटका दिया गया।
प्रश्न (घ) लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?
उत्तर: लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैर तक आकर सर से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता।
प्रश्न (ङ) लेखिका ने गिल्लू को बाहर झाँकते देखकर क्या किया ?
उत्तर: लेखिका ने गिल्लू को बाहर झाँकते देख कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया।
प्रश्न (च) लेखिका को चौंकाने के लिए गिल्लू क्या करता था?
उत्तर: गिल्लू लेखिका को चौंकाने के लिए कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता, कभी पर्दे की चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में।
प्रश्न (छ) लेखिका के अस्वस्थ होने पर गिल्लू ने क्या-क्या किया?
उत्तर: लेखिका के अस्वस्थ होने पर गिल्लू ने अपना प्रिय खाद्य पदार्थ काजू खाना छोड़ दिया। लेखिका की अस्वस्थता में वह तकिये के सिरहाने बैठकर उसके बालों को सहलाता रहता।
प्रश्न (ज) गिल्लू के जीवन का अंत किस प्रकार हुआ ?
उत्तर: गिलहरी जाति की आयु 2 वर्ष मानी जाती है। गिल्लू ने जब यह समय पूरा कर लिया तो एक दिन उसने दिन भर कुछ नहीं खाया। रात को वह लेखिका की उँगली पकड़ कर हाथ से चिपक गया। प्रात:काल की प्रथम किरण के साथ ही गिल्लू की जीवन लीला का अंत हो गया।
प्रश्न 4 इन वाक्यों के भाव स्पष्ट करें :
प्रश्न (क) जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक संज्ञा का रूप दे दिया।
उत्तर: ‘गिल्लू’ (गिलहरी का बच्चा) शब्द एक जातिवाचक संज्ञा शब्द है। लेखिका ने उस घायल गिलहरी के बच्चे का नाम ‘गिल्लू’ रख दिया तो वह शब्द ‘गिल्लू’ उसका नाम होने के कारण व्यक्तिवाचक संज्ञा बन गया। इस तरह लेखिका ने जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक संज्ञा का रूप दे दिया।
प्रश्न (ख) उसका हटना परिचारिका के हटने के सामान रखता।
उत्तर: जब लेखिका अस्वस्थ होती तो गिल्लू एक परिचारिका (नर्स) के समान उसके सिर व बालों को सहलाता रहता था। जब वह ऐसा करना बंद करता तो लेखिका को लगता जैसे उसकी परिचारिका वहाँ से हट गई हो।
प्रश्न (ग) किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया ।
उत्तर: इन पंक्तियों में लेखिका ने गिल्लू के अंतिम समय का वर्णन किया है। कहा जाता है कि प्राणी मृत्यु के पश्चात किसी और जगह जन्म लेता है। गिल्लू भी अब इस जीवन को छोड़कर किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया अर्थात् उस की जीवन लीला समाप्त हो गयी।
प्रश्न 5 इन शब्दों के अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग करें:
निश्चेष्ट: (बिना हिले जुले) गिल्लू निश्चेष्ट गमले में पड़ा था।
कार्यकलाप: (क्रियाएँ) गिल्लू के कार्यकलाप पर सभी हैरान थे।
विस्मित: (चौकन्ना) एकदम माँ को देखकर, मैं विस्मित हो गया।
आश्वस्त: (तसल्ली पाना) डॉक्टर ने रोगी को आश्वस्त किया कि वह अब बिल्कुल ठीक है।
स्निग्ध: (चिकना) राम के घर पर लगा पत्थर बहुत ही स्निग्ध है।
मरणासन्न: (मृत्यु के निकट) बीमारी के कारण, राम मरणासन्न पर है।
प्रश्न 6: विपरीत शब्द लिखें :
लघु = दीर्घ
चंचल = शांत
सुलभ = दुर्लभ
मुक्ति = बंधन
उष्णता = शीतलता
तीव्र = मंद
प्रश्न 7: विशेषण बनाएँ:
चमक = चमकीला
कठिनाई = कठिन
स्वर्ण = स्वर्णिम
ठंडक = ठंडा
चंचलता = चंचल
उष्णता = उष्ण
बसंत = बासंती
विश्वास = विश्वसनीय
प्रश्न 8:’इत’ शब्दाँश लगाकर नए शब्द बनाएँ:
विस्मय + इत = विस्मित
सम्मान + इत = सम्मानित
आकर्षण + इत = आकर्षित
परिचय + इत = परिचित
प्रकाश + इत = प्रकाशित
फल + इत = फलित
प्रश्न 9: निम्नलिखित मुहावरों को इस तरह वाक्य में प्रयोग करें ताकि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए:
सिर से पैर तक दौड़ लगाना (खूब भागदौड़ करना) नौकरी पाने के लिए राम ने सिर से पैर तक दौड़ लगा दी।
जीवन यात्रा का अंत होना (मृत्यु होना) 2 वर्ष बाद गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत हो गया।
लेखन: रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स (क).स.स. स्कूल, रामां, बठिंडा
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी अघ्यापक, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडा
संशोधन: राजन, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल लोहारका कलां, अमृतसर