पाठ 19 हम होंगे कामयाब (कक्षा आठवीं )
कविता का सरलार्थ
होंगे कामयाब,
होंगे कामयाब,
हम होंगे कामयाब, एक दिन
हो हो मन में है विश्वास,
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन…………..
प्रसंग– प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें-8 (दूसरी भाषा)‘ में संकलित कविता ‘होंगे कामयाब’ में से लिया गया है। इसमें कवि ने एक दिन होने वाली अपनी सफलता के विषय में विश्वास व्यक्त किया है
व्याख्या– इस पद्यांश में कवि भारतवासी लोगों की भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहता है कि उनके जीवन में एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब वे आपस में सब प्रकार के भेद-भाव को भुलाकर, मनमुटाव को मिटाकर भारत को उन्नत करने में कामयाब होंगे, सफल रहेंगे। भारतीयों को अपने आप पर भरोसा है, उन्हें पूर्ण आत्मविश्वास है कि एक दिन वे अपने लक्ष्य को पूरा करने में पूर्णतया सफल होंगे।
होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन………….
हो हो मन में है विश्वास,
पूरा है- विश्वास
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन
–हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन
प्रसंग– प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें-8’ (दूसरी भाषा) में संकलित कविता ‘होंगे कामयाब’ में से लिया गया है। इस पद्यांश में कवि ने भारतवासियों की सब ओर स्थापित शान्ति की इच्छा को अभिव्यक्त किया है ।
सरलार्थ– इस पद्यांश में में कवि भारत के लोगों की एक तीव्र इच्छा, प्रबल उम्मीद अभिव्यक्त करते हुए कहते हैं कि उनके देश में सब ओर अर्थात् सर्वत्र शान्ति ही शान्ति होगी। कहने का भाव यह है कि लोग परस्पर वैर-विरोध, मन-मुटाव भूलकर एक दूसरे के साथ मिल कर रहें। उनमें सदा सद्भावना बनी रहे। उन्हें इस बात की भी पूरी-पूरी आशा है अर्थात् इस बात की पक्की उम्मीद है कि एक दिन भारत में सब तरफ शान्ति ही शान्ति हो जाएगी और ऐसी अवस्था में वे सभी एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर तथा परस्पर प्रेम-पूर्वक मिलकर सर्वत्र इकट्ठे होकर चलेंगे।
नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास,
पूरा है विश्वास,
नहीं डर किसी का आज के दिन
प्रसंग- प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें-8’ (दूसरी भाषा)‘ में संकलित कविता ‘होंगे कामयाब’ में से लिया गया है। इस पद्यांश में कवि ने भारतवासियों के निडरता भरे विश्वास के विषय में बताया है।
सरलार्थ- इस पद्यांश में कवि ने भारत के लोगों की मनोभावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए इन पंक्तियों में बताया है कि उनको पूरी आशा है, पूरा विश्वास है कि वे एक दिन अवश्य सफल होंगे। वास्तव में परस्पर सहयोग से ही हम आगे बढ़ सकते हैं। आज उन्हें किसी से डर या भय नहीं है। उन्हें पूरा विश्वास है कि वे अवश्य ही कामयाब होंगे। उन्हें सब प्रकार सफलता मिलेगी। अब वे बिना किसी भय या शंका के आगे के जीवन को निश्चिन्त होकर बिताएँगे।
अभ्यास हल सहित
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
ਸ਼ਾਂਤੀ – शान्ति ਵਿਸ਼ਵਾਸ਼ – विश्वास
ਡਰ / ਭੈ – भय ਅੱਜ – आज
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखें:
ਸਫਲ – कामयाब ਚੁਫੇਰੇ – चारों ओर
ਮਿਲ ਜੁਲ ਕੇ – साथ साथ ਸਹਿਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹੋਏ – डाल हाथों में हाथ
3.इन काव्य-पंक्तियों में खाली स्थानों में उपयुक्त शब्द भरें :
(क) हम होंगे कामयाब..……………………………दिन
हो हो मन में है …………………………..
पूरा है…………………………………….
……………………………………कामयाब एक दिन
उत्तर- हम होगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास,
पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन
(ख) नहीं………………………………….. किसी का आज
नहीं………………………………….. किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन।
उत्तर- नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन।
4. कवि को तीन बातों का पूरा विश्वास है। कविता में से इन तीनों को चुन कर लिखें।
उत्तर- (क) किसी का डर नहीं होगा।
(ख) होगी शान्ति चारों ओर एक दिन।
(ग) हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
5. होंगे कामयाब‘ कविता का भावार्थ लिखें ।
उत्तर- जब भारत में सभी लोग आपस में मिलकर तथा बिना किसी भय के, डर साथ-साथ सारा काम-काज करेंगे तब देश में चारों ओर शान्ति छा जाएगी, किसी किसी का भय नहीं रहेगा और भारत देश उन्नति करने में कामयाब हो जाएगा।