प्रश्न – 5 कोई तीन विषयों पर संकेत बिंदु देकर उनमें से किसी एक विषय पर लगभग 140 शब्दों में निबन्ध लिखने के लिए कहा जाएगा।
1. मेरा प्रिय खेल, 2. मेरा परिवार, 3. प्रातः काल की सैर, 4. स्वच्छता अभियान,
मैं आठवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं सरकारी ………………………….. में पढ़ता हूँ। हमारे स्कूल में हमें कई खेल खिलाये जाते हैं| खो-खो, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट और वॉलीबॉल आदि। मैं भी कई खेल खेलता हूं। परन्तु क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। क्रिकेट की टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। आजकल यह विश्व का प्रिय खेल बन गया है। मैंने विश्व के बड़े-बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों की तस्वीरों की चित्र पुस्तिका बना रखी है। मैं टी.वी पर क्रिकेट के सारे मैच देखता हूँ। विराट कोहली मेरा प्रिय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है। मेरा मन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच क्रिकेट मैदान में देखने का है। हमारे स्कूल की भी एक क्रिकेट टीम है। हमारे खेलों के अध्यापक हमें क्रिकेट के गुर सिखाते हैं। मुझे सच में क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मैं बड़ा होकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी बनना चाहता हूँ। मैं इसके लिए पढ़ाई के साथ साथ क्रिकेट की कोचिंग भी लेता हूँ। मेरे कई मित्र भी बढ़िया क्रिकेट खेलते हैं। परमात्मा से प्रार्थना है कि मेरा यह सपना पूरा हो कि मैं बड़ा होकर बढ़िया क्रिकेट खिलाड़ी बनूँ ।
2. मेरा परिवार
मेरा नाम सचिन है। आज मैं अपने परिवार के बारे में आपको बताता हूँ। हमारा परिवार संयुक्त परिवार है। मेरे परिवार में आठ सदस्य हैं। मैं अपने दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची व छोटी बहन के साथ रहता हूँ। मैं आठवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरा परिवार खेती-बाड़ी करता है। हम सब गाँव में रहते हैं। मेरे पिता जी खेतों में काम करते हैं। मेरी माँ और चाची जी मिल कर घर का काम करतीं हैं। मेरी छोटी बहन पाँचवीं कक्षा में पढ़ती है। मैं उसकी पढ़ाई में मदद करता हूँ।
मेरे चाचा जी अध्यापक हैं, वे गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं। मैं भी उनकी तरह अध्यापक बनाना चाहता हूँ। मेरा परिवार गाँव का सम्मानित परिवार है। मेरे पिता जी पंचायत के सदस्य हैं। वे गाँव के विकास में अपना योगदान देते हैं। मेरे दादा जी रिटायर्ड़ फौजी हैं। देश-सेवा के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया गया है। मेरे चाची जी गॉंव में आँगनबाड़ी चलाती हैं । मेरे माता तथा चाची जी जी गाँव की स्त्रियों को सिलाई का काम सिखाती हैं।
मैंने अपने परिवार से अनुशासन, देश-प्रेम और कर्तव्य की शिक्षा पाई है। मैं बड़ा हो कर एक अच्छा नागरिक बनूँगा तथा अपने परिवार का मान बढ़ाऊंगा।
प्रातः काल का समय शांत, निर्मल व सुहावना होता है। ऐसे समय में सैर करने से फेफड़ों को शुद्ध हवा मिलती है, जिस से वे स्वस्थ रहते हैं। शरीर में ताजगी आती है। सुबह के समय पेड़ ऑक्सीजन अधिक मात्रा में छोड़ते हैं। उस समय उनके पास अधिक समय रहना स्वस्थ बनाता है। पक्षी अपने घोंसलों से बाहर निकल आते हैं। उनका मधुर स्वर मन को खुशी देता है। धीरे-धीरे बहती खुशबु मन को ताजगी प्रदान करती है। घास पर पड़ी ओस की बूँदें मोती की तरह लगती हैं। उगते सूरज की लाली व किरणों में अंधकार के साथ कई कीटाणुओं को खत्म करने की क्षमता होती है। प्रातः काल की सैर खुले मन से करनी चाहिए| प्रकृति का आनंद लेना चाहिए। हरी घास पर नंगे पाँव चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। उम्र लंबी व शरीर स्वस्थ होता है। मैं भी रोज अपने मित्र के साथ प्रातः काल की सैर को जाता हूं। हम नजदीक ही एक पार्क में सैर करते हैं। वहाँ पक्षी चहचाने की आवाज़ मन को खुश कर देती है। हम जानते है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए हम सब को प्रातः कल की सैर करनी चाहिए।
स्वच्छता मानव जीवन का सार, प्रदूषण फैला कर मत करो इसे बेकार।
स्वच्छ वातावरण धरती को बचाने के लिए आवश्यक है। स्वच्छता अभियान देश की स्वच्छता के लिए चलाया गया है। यह अभियान गांवों से शहरों से होता हुआ महानगरों तक जा पहुंचा है।भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका शुभारंभ 2 अक्तूबर, 2014 को किया था। साफ- सफाई को लेकर देश की छवि बदलने के लिए इसे जन-आंदोलन का रूप दिया गया।
1. उद्देश्य- देश को रोग-मुक्त करना।
2. वातावरण को साफ रखना।
3. जल-स्रोतों की स्वच्छता को बनाए रखना।
4. प्रत्येक नागरिक के मन में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना।
5. अपनी आदतों में स्वच्छता शामिल करना।
6. शौचालयों का प्रयोग करना।
7. देश के सौन्दर्य को बढ़ाना।
2019 में इसके पाँच वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन भारत का प्रत्येक जन अभी भी इस मुहिम पर चल रहा है। यह वह मशाल है जो अब बुझेगी नहीं। ‘स्वच्छ -स्वस्थ- भारत’ का सपना एक दिन अवश्य पूरा होगा।
हम होंगे कामयाब एक दिन।
विशेष धन्यवाद – मनोज गुप्ता हिंदी डीएम फिरोजपुर, रजनी बजाज तथा पूजा रानी हिंदी बीएम बठिंडा ।