हमने आठवीं कक्षा के लिए 3 पैकज तैयार किये हैं, जो कि कुल 67 अंक के बनते हैं। बाकी के 5 अंक पद्यांश आधारित प्रश्नों के (comming soon) , 3 अंक पंजाबी से हिंदी शब्दों का अनुवाद तथा 5 अंक सुंदर लिखाई के हैं जो की आप खुद तैयार करवा सकते हैं। इस प्रकार कुल 80 अंक बन जाते हैं । मैं आशा करता हूँ कि यह तीनों पैकेज छात्रों की दोहराई के लिए सहायक सिद्ध होंगे इसके अतिरिक्त कोई सुझाव है तो कृपया इस पोस्ट के अंत में दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से दे सकते हैं … दीपक कुमार हिंदी अध्यापक .
27 Marks (Package-1) 8th Hindi (2nd lang.) 2024-25
20 Marks (Package-2) 8th Hindi (2nd lang.) 2024-25
20 Marks (Package-3) 8th Hindi (2nd lang.) 2024-25
भाग-घ मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ (5)
प्रश्न-5 पाठ्य-पुस्तक में से सात मुहावरे/लोकोक्तियाँ देकर उनमें से किन्हीं पाँच मुहावरे/ लोकोक्तियों को वाक्यों में अर्थ स्पष्ट करने के लिए कहा जाएगा। 5×1 = 5
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- दिल बिल्लियाँ उछलना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव का दिल बिल्लियों उछलने लगा।
- दंग रह जाना (हैरान होना) इतने बड़े शेर को देखकर देव दंग रह गया।
- खुशी से झूम उठना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर वह खुशी से झूम उठा।
- मन बहलाना (समय गुजारना) बच्चों ने यात्रा के दौरान ताश खेलकर अपना मन बहलाया।
- फूले न समाना (बहुत खुश होना) = पास होने की ख़बर सुनकर राहुल फूले नहीं समा रहा।
- धूनी तपना (पीड़ा सहना, कष्ट सहना) = गुलामी के जीवन में लोग धूनी तपते हैं।
- धावा बोलना (हमला करना) टिड्डियों ने फसल पर धावा बोल दिया। देखते ही देखते किसान की सारी फसल नष्ट हो गयी।
- दिल धक से रह जाना (घबरा जाना) साँप देखकर मेरा दिल धक से रह गया।
- मौत की नींद सुलाना (जान से मार देना) सैनिकों ने दुश्मनों को मौत की नींद सुला दिया।
- सीना छलनी करना (गहरा घाव देना) सैनिकों ने दुश्मनों का सीना छलनी कर दिया।
- होनहार बिरवान के होत चीकने पात (बचपन से ही प्रतिभा दिखाई देना) सुभाषचंद्र बोस तो बचपन से ही अंग्रेज़ों को भारत से खदेड़ने का खेल खेलते थे। सही ही कहा है होनहार बिरवान के होत चीकने पात।
- सुध लेना (हाल-चाल पूछना) आजकल बच्चे अपने आप में व्यस्त रहते हैं कि अपने माता-पिता की सुध भी नहीं लेते।
- ताकते रह जाना (हैरान रह जाना) राम के घर सुंदरता देखकर मैं तो ताकता ही रह गया।
- मंत्र-मुग्ध होना (ध्यान लगाना,लीन होना) पढ़ाई में मंत्र मुग्ध होकर ही तुम दसवीं की परीक्षा पास कर सकते हो।
- पारखी आँखों वाला (परखने की समझ रखने वाला) पारखी आँखों वाले अध्यापक बच्चों के गुण आसानी से पहचान लेते हैं।
- जीवन बसर करना (जीवन चलना) गोपू उपले बेचकर जीवन बसर करता था ।
- सपने दिखाना (आशा बंधना) अध्यापक ने सभी बच्चों को पास होने का सपना दिखाया।
- हरी झंडी मिलना (आज्ञा मिलना) रवि को पढ़ने के लिए हरी झंडी मिल गई।
- घुटने टेकना (हार मानना) हमें मुसीबतों के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए।
- सिर न झुकाना (हार ना मानना) बहादुर लोग मुसीबतों के आगे सिर नहीं झुकाते।
- दाँत खट्टे करना (हरा देना) राणा सांगा ने दुश्मनों के दाँत खट्टे किये।
- लोहा मनवाना (अपनी योग्यता स्वीकार करवाना) भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया।
- थर-थर काँपना (डर जाना) साँप को देखकर रमेश थर-थर काँपने लगा।
- बुलंदियाँ छूना (विकास करना) बुलंदियाँ छूने के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है
- धावा बोलना (हमला करना) शत्रुओं ने अचानक धावा बोल दिया।
- पैरों में पर लगना (बहुत तेज़ चलना या भागना) हामिद इतना तेज़ चल रहा था मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
- दिल बैठ जाना (हताश होना, घबराना) परीक्षा में असफल होने पर नरेश का दिल बैठ गया।
- राई का पर्वत बनाना (छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना) राई का पर्वत बनाना तो कोई मोहन से सीखे।
- मन गद्गद् होना (मन खुश होना) कक्षा में प्रथम आकर मेरा मन गदगद हो गया।
- बाल भी बाँका न होना (कुछ भी न बिगड़ना) जिसके भगवान रक्षक हैं उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता।
- रंग जमाना (प्रभाव डालना) राम ने कक्षा में प्रथम आकर रंग जमा दिया।
- नाम रटना (बार-बार नाम लेना) दुर्घटना होने पर वह प्रभु का नाम रटने लगा।
- दिल कचोटना (ठेस पहुँचाना) उसने गाली देकर मेरा दिल कचोट दिया।
- देखते ही रह जाना (बार बार देखना) इतने बड़े शेर को देखकर देव देखते ही रह गया।
- नाकों चने चबाना (परेशान करना) शिवाजी ने मुगल-सेना को अनेक बार नाकों चने चबवाए।
- खुशी में गद्गद् होना (बहुत खुश होना) कक्षा में प्रथम आकर मैं खुशी में गदगद हो गया।
- करारा जवाब देना (उल्टा जवाब देना) रवि ने विवेक को थप्पड़ मार कर करारा जवाब दिया।
- छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) भारत ने क्रिकेट का विश्व कप जीत कर अन्य सभी देशों के छक्के छुड़ा दिए।
- अगूठा दिखाना (इन्कार करना) जब राम ने शाम से पुस्तक माँगी तो शाम ने अंगूठा दिखा दिया।
- आँखों का तारा (बहुत प्यारा) मोहन अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
- चार-चाँद लगाना (शोभा बढ़ाना) कक्षा में प्रथम आकर उसने अपने अपने माता-पिता के नाम को चार-चाँद लगा दिए।
- मुँह उतर जाना (लज्जित होना) परीक्षा में फेल होने पर रवि का मुँह उतर गया।
- एक पँथ दो काज (एक काम से दोहरा लाभ) मैं कल दिल्ली अपने मित्र की शादी में गया और पुस्तक मेला भी देख आया। इस तरह मेरे एक पँथ दो काज हो गए।
- जान बचना (मुसीबत से बचना) कल गाड़ी से उतरते समय उसका पैर फिसल गया पर उसकी जान बच गई।
- जाल में फँसना (चंगुल में फँसना) शत्रु हमारे सैनिकों के जाल में फंस गए।
- मौत दिखाई देना (मृत्यु का सामना होना) हमारी सेना के आगे दुश्मनों को मौत दिखाई देने लगी।
- धैर्य बँधवाना (धैर्य देना) अपने मित्र को कक्षा में फेल होने पर धैर्य बँधवाने के लिए पत्र लिखें।
- हक्का बक्का रह जाना (हैरान होना) इतना बड़ा शेर देखकर देव हक्का-बक्का रह गया।
- दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना (बहुत उन्नति करना) रवि ने अपनी समझदारी से हैं अपने व्यापार में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति कर ली है।
- बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए (बिना सोचे समझे कार्य करने पर पछताना पड़ता है) रवि ने बिना सोचे समझे राम से मित्रता की और उसी मित्र ने उसे जेल भिजवा दिया इसे कहते हैं कि बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए।
- साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार (मतलबी दुनिया) राम अपने काम से मतलब रखता है यह तो वह बात है साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार ।
- चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात (थोड़े दिन का आनंद) जवानी का जोश अच्छा नहीं क्योंकि यह चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जैसा है।
- दिनों दिन सुखना (कमजोर होना) रवि परीक्षा की चिंता के कारण दिनों दिन सूखता जा रहा है।
- बाल बाल बचना (मुश्किल से बचना) कल गाड़ी से उतरते समय उसका पैर फिसल गया, लेकिन वह बाल-बाल बच गया।
- जान बचाना (जीवन बचाना) हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को जान बचा कर भागने दिया।
- सिर मारना (सोच विचार करना) इस प्रश्न को हल करने के लिए दो घंटों से सिर मार रहा हूँ पर समझ नहीं आ रहा।
- अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना (अपनी ही गलती से अपना नुकसान करना) रवि ने गणित का पेपर न देकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।
- जहाँ चाह वहाँ राह (इच्छा से ही रास्ता निकलता है) कल्पना ने बचपन में ही आसमान की सैर करने का सपना देखा और पूरा कर लिया इसे कहते हैं जहाँ चाह वहाँ राह।
- दुःख के सागर में डूब जाना (बहुत दु:खी होना) पिता की मौत की खबर सुनकर वह दु:ख के सागर में डूब गया।
- दिलों पर राज करना (अत्यधिक लोकप्रिय होना)- आज भी कल्पना चावला सभी के दिलों पर राज करती है।
- खुशी का ठिकाना न रहना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव की खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।
- दिल दहला देना (अत्यधिक दुःखी या भयभीत होना) इतने बड़े शेर को देखकर देव का दिल दहला गया।
- कान में सीसा भरा होना (सुनाई न देना) तुम्हारे कान में सीसा भरा है जो इसकी चीख नहीं सुन रहा।
- खिसियानी बिल्ली-सा मुँह लेकर जाना (अपना सा मुँह लेकर जाना) जब मैंने हरि को डांटा तो वह खिसियानी बिल्ली-सा मुँह लेकर चला गया।
- जले पर नमक छिड़कना (दुःख याद करना) उसने मुझे स्कूल से मिले गृह-कार्य को न करने की याद करा कर जले पर नमक छिड़क दिया।
- नींद हराम होना (परेशान हो जाना) मोहन के फेल होने पर उसके माता-पिता की नींद हराम हो गई थी।
- जान बचाकर भागना (अपनी जान बचाना) चोर चलती गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाकर भाग निकला।
- मौत के मुँह में जाना (जान बूझकर ख़तरा उठाना) शेर को सामने देखकर उससे लड़ते हुए अमर सिंह मौत के मुँह में चला गया।
- परखचे उड़ाना (नष्ट करना) आज़ाद ने बम विस्फोट से शत्रुओं के परखचे उड़ा दिए।
- कुत्ते की दुम सीधी न होना (कभी न सुधरना) रवि कुत्ते की दुम है जो कभी तुम्हारी बात नहीं समझेगा।
भाग- रचनात्मक लेखन (15)प्रश्न-6 कोई दो पत्र देकर उनमें से किसी एक पत्र को लिखने के लिए कहा जाएगा। 7
- स्कूल में पीने के पानी का समुचित प्रबंध करवाने के लिए मुख्याध्यापिका को प्रार्थना पत्र
सेवा में
मुख्य अध्यापक जी,
सरकारी मिडिल स्कूल ,
मानवाला।
विषय: पीने के पानी का समुचित प्रबंध करवाने के लिए प्रार्थना पत्र ।
श्री मान जी,
निवेदन है कि स्कूल में पीने के पानी के लिए 2 नल हैं। सुबह तथा आधी छुट्टी के समय वहाँ बहुत भीड़ हो जाती है। जिस वजह से छात्रों का बहुत सारा समय पानी पीने में चला जाता है ओर वे कक्षा में देरी से पहुँचते हैं। कृपया स्कूल में पीने के पानी का समुचित प्रबंध करवाया जाए।
धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकरी शिष्य,
…………….
कक्षा: आठवीं
रोल नं० 16
तिथि : 21.01.2024- स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र लेने के लिए स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना पत्र लिखें ।
सेवा में
मुख्य अध्यापक जी,
सरकारी मिडिल स्कूल ,
मानवाला ।
विषय : स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र लेने के लिए प्रार्थना पत्र ।
श्री मान जी,
सविनय निवेदन है कि मेरे पिता जी का तबादला मानवाला से मानसा हो गया है। इस लिए मेरा इस स्कूल में पढ़ाई जारी रखना कठिन है। अत: मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र देने की कृपा करें। ताकि मैं मानसा जाकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकूँ।
धन्यवाद सहित ।
आपका आज्ञाकरी शिष्य,
…………….
कक्षा: आठवीं निबंध
रोल नं० 16
तिथि: 21.01.2024- छुट्टी वाले दिन स्कूल के क्रीड़ा क्षेत्र में क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति लेने के लिए प्रिंसिपल को प्रार्थना पत्र।
मुख्य अध्यापक जी,
सरकारी मिडिल स्कूल ,
मानवाला ।
विषय: क्रीड़ा क्षेत्र में क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति लेने लिए प्रार्थना पत्र ।
श्री मान जी,
निवेदन यह है मैं हमारे स्कूल की क्रिकेट मैच की टीम का कप्तान हूँ । जिला स्तर पर होने वाले मैच को जीतने के लिए, हमें अभ्यास करने की अत्यधिक आवश्यकता है। इसीलिए हमें छुट्टी वाले दिन स्कूल के क्रीड़ा क्षेत्र में क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति दी जाए।
धन्यवाद सहित ।
आपका आज्ञाकरी शिष्य,
……………
कक्षा: आठवीं
रोल नं० 16
तिथि : 30.10.2019- स्कूल के विकास के लिए गाँव के मुखिया को पत्र लिखें ।
सेवा में,
सरपंच महोदय जी,
ग्राम पंचायत,
मानवाला।
श्रीमान जी,
मैं अपने गाँव के सरकारी स्कूल का आठवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारे स्कूल में 3 कक्षा के कमरे हैं जो कि बहुत ही पुराने हैं व जिनकी छत कच्ची है। इसके इलावा पीने के पानी के लिए एक टंकी है जो लीक हो रही है। स्कूल की चारदीवारी भी कई जगह से ढह चुकी है। इस तरह हमारे स्कूल को विकास कार्यों की बहुत ही आवश्यकता है तो कृपया स्कूल के विकास कार्य की तरफ ध्यान दिया जाए ।
धन्यवाद सहित।
आपका विश्वास पात्र
दीपक कुमार
कक्षा: आठवीं
रोल नं० 16
तिथि : 21.03.2024
प्रश्न-7 किन्हीं तीन विषयों पर संकेत बिंदु देकर उनमें से किसी एक विषय पर लगभग 150 शब्दों में निबन्ध लिखने के लिए कहा जाएगा।
- प्रातः काल की सैर
प्रातः काल का समय शांत, निर्मल व सुहावना होता है। ऐसे समय में सैर करने से फेफड़ों को शुद्ध हवा मिलती है, जिस से वे स्वस्थ रहते हैं। शरीर में ताजगी आती है। सुबह के समय पेड़ ऑक्सीजन अधिक मात्रा में छोड़ते हैं। उस समय उनके पास अधिक समय रहना स्वस्थ बनाता है। पक्षी अपने घोंसलों से बाहर निकल आते हैं। उनका मधुर स्वर मन को खुशी देता है। धीरे-धीरे बहती खुशबु मन को ताजगी प्रदान करती है। घास पर पड़ी ओस की बूँदें मोती की तरह लगती हैं। उगते सूरज की लाली व किरणों में अंधकार के साथ कई कीटाणुओं को खत्म करने की क्षमता होती है। प्रातः काल की सैर खुले मन से करनी चाहिए| प्रकृति का आनंद लेना चाहिए। हरी घास पर नंगे पाँव चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। उम्र लंबी व शरीर स्वस्थ होता है। मैं भी रोज अपने मित्र के साथ प्रातः काल की सैर को जाता हूँ। हम नजदीक ही एक पार्क में सैर करते हैं। वहाँ पक्षी चहचाने की आवाज़ मन को खुश कर देती है। हम जानते है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए हम सब को प्रातः कल की सैर करनी चाहिए।
- मेरा प्रिय खेल
मैं आठवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं सरकारी ………………………….. में पढ़ता हूँ। हमारे स्कूल में हमें कई खेल खिलाये जाते हैं| खो-खो, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट और वॉलीबॉल आदि। मैं भी कई खेल खेलता हूँ। परन्तु क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। क्रिकेट की टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। आजकल यह विश्व का प्रिय खेल बन गया है। मैंने विश्व के बड़े-बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों की तस्वीरों की चित्र पुस्तिका बना रखी है। मैं टी.वी पर क्रिकेट के सारे मैच देखता हूँ। विराट कोहली मेरा प्रिय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है। मेरा मन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच क्रिकेट मैदान में देखने का है। हमारे स्कूल की भी एक क्रिकेट टीम है। हमारे खेलों के अध्यापक हमें क्रिकेट के गुर सिखाते हैं। मुझे सच में क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मैं बड़ा होकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी बनना चाहता हूँ। मैं इसके लिए पढ़ाई के साथ साथ क्रिकेट की कोचिंग भी लेता हूँ। मेरे कई मित्र भी बढ़िया क्रिकेट खेलते हैं। परमात्मा से प्रार्थना है कि मेरा यह सपना पूरा हो कि मैं बड़ा होकर बढ़िया क्रिकेट खिलाड़ी बनूँ ।
- रक्षा बंधन
रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है। रक्षा बंधन को राखी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है, जो भाई और बहन के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह त्यौहार सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन का अर्थ है- ‘सुरक्षा का बंधन’। बहन भाई की कलाई पर राखी बॉंधती है, उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है और भाई बहन को उपहार देता है इसके साथ ही बहन भाई से अपनी सुरक्षा का वचन लेती है।
रक्षा बंधन हिन्दुओं को प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में भी मनाया जाता है। यही तो एक ऐसा विशेष दिन है जो भाई-बहनों के लिए बना है।
रक्षाबंधन का इतिहास हिंदू पुराण कथाओं में है। वामनावतार नामक पौराणिक कथा में रक्षाबंधन का प्रसंग मिलता है। इतिहास में राखी के महत्व के अनेक उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा-याचना की थी। हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी।
आज यह त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्योहार पर गर्व है।इस पर्व में राखी को शक्ति, विश्वास व विजय का प्रतीक माना जाता है |- स्वतंत्रता दिवस
प्रस्तावना- 15 अगस्त, 1947 एक ऐसी तिथि है, जिसे हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। इस दिन हमारा देश 200 वर्षों बाद अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से पूरी तरह आजाद हो गया था। इसीलिए पूरे भारत में यह राष्ट्रीय पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं।
भारत को स्वतंत्र करवाने में बहुत से वीरों का योगदान रहा है। इनमें भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद आदि के योगदान अतुलनीय है। स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतवासी इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
इस पर्व पर पूरे भारत में सरकारी भवनों पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा तिरंगा लहराया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के लालकिले पर होता है। भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं। झंडा फहराने के बाद देश के प्रधानमंत्री जी पूरे राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाज़ारों में रौनक आ जाती है। कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। सभी लोग इस अवसर पर देश भक्ति के रंग में रंग जाते हैं। सभी में राष्ट्रीय एकता की भावना झलकती है।
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है। यह पर्व पूरे भारतवर्ष में से बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।- सत्संगति
सत्संगति दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘सत’ और ‘संगति’। सत का अर्थ है – अच्छा और संगति का अर्थ है -साथ इसीलिए सत्संगति का अर्थ है – अच्छे लोगों का साथ। अच्छे लोगों का साथ प्राप्त करना ही सत्संगति कहलाता है। संगति का मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
मनुष्य जिस प्रकार की संगति में रहता है, वैसा ही बन जाता है अच्छी संगति से मनुष्य में अच्छे गुणों का विकास होता है और बुरी संगति से बुरी आदतें आती है। सत्संगति से हमारे अंदर सच्चाई, ईमानदारी, अनुशासन, कर्तव्य पालन आदि अनेक अच्छे गुण पैदा होते है। इन अच्छे गुणों के पैदा होने पर बुरी आदतें अपने आप छूट जाती हैं। सत्संगति एक पारस है जो जीवनरूपी लोहे को सोना बना देती है। महात्मा बुद्ध की संगति में आने के बाद अंगुलिमाल डाकू सब पाप छोड़ कर संत बन गया था। भगवान राम की संगति में आने पर विभीषण लंका का राजा बन गया था। जहाँ संगति हमारे जीवन को संवार देती है, वही कुसंगति में पड़ जाने से सब कुछ बर्बाद हो जाता है। कुसंगति में पड़ा व्यक्ति अपने लक्ष्य से भटक जाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता और बाद में हमेशा पछताता हैं। अतः हमें कुसंगति से हमेशा बचना चाहिए। अपने मित्रों का चुनाव करते समय हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मित्रों से बचना चाहिए, जो हमें गलत रास्ते पर ले कर जाएँ। हमें सदा यही कोशिश रहनी चाहिए कि हम अच्छे लोगों की सत्संगति में रहें। तभी हम जीवन में उन्नति कर सकते हैं।
- स्वच्छता अभियान
स्वच्छता मानव जीवन का सार, प्रदूषण फैला कर मत करो इसे बेकार।
स्वच्छ वातावरण धरती को बचाने के लिए आवश्यक है। स्वच्छता अभियान देश की स्वच्छता के लिए चलाया गया है। यह अभियान गांवों से शहरों से होता हुआ महानगरों तक जा पहुंचा है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका शुभारंभ 2 अक्तूबर, 2014 को किया था। साफ- सफाई को लेकर देश की छवि बदलने के लिए इसे जन-आंदोलन का रूप दिया गया।- उद्देश्य- देश को रोग-मुक्त करना।
- वातावरण को साफ रखना।
- जल-स्रोतों की स्वच्छता को बनाए रखना।
- प्रत्येक नागरिक के मन में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना।
- अपनी आदतों में स्वच्छता शामिल करना।
- शौचालयों का प्रयोग करना।
- देश के सौन्दर्य को बढ़ाना।
2022 में इसके पाँच वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन भारत का प्रत्येक जन अभी भी इस मुहिम पर चल रहा है। यह वह मशाल है जो अब बुझेगी नहीं। ‘स्वच्छ -स्वस्थ- भारत’ का सपना एक दिन अवश्य पूरा होगा।
हम होंगे कामयाब एक दिन।- प्रदूषण की समस्या व समाधान
जब पर्यावरण में एक या अधिक तत्वों की मात्रा अपने निश्चित अनुपात से बढ़ने लगती हैं, तो परिवर्तन होना आरंभ हो जाता है। पर्यावरण में होने वाले इस घातक परिवर्तन को ही प्रदूषण की संज्ञा दी जाती है। प्रदूषण मानव के लिए हर तरह से हानिकारक है। प्रदूषण के विभिन्न रुप हो सकते हैं, इनमें वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण मुख्य हैं।
‘वायु प्रदूषण’ – इसका सबसे बड़ा कारण कारखनों तथा वाहनों की बढ़ती हुई संख्या है। इनसे से निकलने वाला धूआँ वायु में ज़हरीली गैसों की मात्रा बढ़ा रहा है । लकड़ी, कोयला, आदि कार्बनिक पदार्थों के जलने के कारण भी वायुमंडल दूषित होता है। इन गैसों से प्रदूषित वायु में साँस लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होता ही है, साथ ही लोगों का जीवन – स्तर भी प्रभावित होता है।
‘जल प्रदूषण’ – इसका सबसे बड़ा कारण साफ जल में कारखानों तथा अन्य तरीकों से व्यर्थ पदार्थों को मिलाने से होता है। मानव द्वारा उपयोग में लाया गया जल व्यर्थ पदार्थों ; जैसे – मल – मूत्र , साबुन आदि गंदगी से युक्त होता है। इस दूषित जल को नालों के द्वारा नदियों में बहा दिया जाता है। ऐसा जल पीने योग्य नहीं रहता और इसे यदि पी लिया जाए, तो स्वास्थ्य में विपरीत असर पड़ता है।
‘भूमि प्रदूषण’ – मिट्टी की उपजाऊ शक्तिबढ़ाने के लिए इसमें में रासायनिक खाद डाली जाती है, इसे ही ‘भूमि प्रदूषण’ कहते हैं। मनुष्य ने जबसे वनों को काटना प्रारंभ किया है, जिसे से उपजाऊ मिट्टी का कटाव भी हो रहा है।
‘ध्वनि प्रदूषण’- अनेक प्रकार के वाहन, लाउडस्पीकर और औद्योगिक कारखानों की मशीनों के शोर ने ध्वनि प्रदूषण को जन्म दिया है। इससे लोगों में सरदर्द आदि बीमारियाँ पाई जाती हैं।
प्रदूषण के समाधान : प्रदूषण को रोकने के लिए वायुमंडल को साफ – सुथरा रखना बहुत जरुरी है। इस ओर जनता को जागरुक किया जाना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाने प्राथमिकता देना चाहिए। इस प्रकार प्रदूषण युक्त वातावरण का निर्माण किया जा सकेगा।
- मेरा पंजाब
मैं पंजाब राज्य का रहने वाला हूँ। यह भारत के 29 राज्यों में से एक अहम राज्य है। इसे अनाज का भंडार भी कहा जाता है। इसकी भूमि बहुत उपजाऊ है और लोग बहुत परिश्रमी है। जहाँ एक तरफ यह गुरुओं पीरों फकीरों की भूमि है वहीं यह देश भक्त वीरों की भूमि भी है। पंजाब दो शब्दों पंच और आब से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- पाँच नदियाँ। वर्तमान पंजाब में अब केवल दो ही नदियाँ बहती हैं सतलुज और व्यास।
वर्तमान पंजाब की स्थापना एक नवंबर 1966 में हुई थी। इसके उत्तर में जम्मू कश्मीर पूर्व में हिमाचल प्रदेश दक्षिण में हरियाणा व राजस्थान है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। पंजाब में जिलों की संख्या 22 है। पंजाब के मुख्य बोली जाने वाली भाषा पंजाबी है जो कि पंजाब की राजभाषा भी है। हिंदी को पंजाब में दूसरा स्थान प्राप्त है।
यहाँ पर प्रत्येक धर्म के लोग मिलकर रहते हैं । सिख गुरुओं ने पंजाब के लोगों में साहस वीरता और बलिदान की भावना पैदा की जो सभी को एक सूत्र में पिरोती है। यहाँ पर लाला लाजपत राय, भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव, करतार सिंह सराभा, उधम सिंह जैसे देशभक्त हुए हैं, जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए अपना बलिदान दे दिया।
पंजाब में प्रत्येक वर्ष अनेक मेले और त्यौहार मनाए जाते हैं। लोहड़ी, वैशाखी, दीवाली, बसंत, होला-मौहल्ला आदि पंजाब के प्रसिद्ध त्यौहार हैं ।
यहाँ के लोगों को संगीत, शिक्षा, कला, संस्कृति और साहित्य से बहुत प्रेम करते हैं। पंजाब के लोक-नृत्य गिद्धा और भांगड़ा संसार भर में प्रसिद्ध हैं। मुझे मेरे पंजाबी होने पर बहुत गर्व है।तैयार कर्ता – दीपक कुमार ‘दीपक’, हिंदी अध्यापक, सरकारी मिडिल स्कूल, मानवाला, बठिंडा
संशोधन – डॉ.राजन, हिंदी मास्टर स.मि. स्कूल लोहारका कलां, अमृतसर
संशोधन – डॉ.सुमन सचदेवा, हिंदी अध्यापिका, स.ह. स्कूल (लड़के) मंडी हरजीराम, मलोट
सहयोग – कुलदीप सिंह हिंदी मास्टर, स.स.स.स. माहीनंगल, बठिंडा
– रजनी गोयल, हिंदी अध्यापिका, स (क). स. स. स्कूल, रामां बठिंडा