क्रिया
क्रिया– जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- बोलना, पढ़ना, घूमना, आना, जाना आदि।
क्रिया के दो भेद हैं: -1 अकर्मक क्रिया 2 सकर्मक क्रिया
(सकर्मक एवं अकर्मक क्रिया की पहचान)
(क) (i) जल्लाद ने तलवार उठायी।
(ii) सैनिकों ने राजा को पकड़ लिया।
पहले वाक्य में जल्लाद ने क्या उठायी ? उत्तर- ‘तलवार’। ‘तलवार’ कर्म है। इसलिए यह सकर्मक क्रिया है। इसी तरह दूसरे वाक्य में सैनिकों ने किसे पकड़ लिया? उत्तर-राजा को। ‘राजा को’ कर्म है। इसलिए यह भी सकर्मक क्रिया हे।
अतएव जिस क्रिया में कर्म होता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाती है।
(ख) (i) राजा चिल्ला रहा था।
(ii) सैनिक चल पड़े।
उपर्युक्त वाक्यों में केवल कर्त्ता (राजा, सैनिक) तथा क्रिया (चिल्ला रहा था, चल पड़े) का, प्रयोग किया गया है। यहाँ कर्म नहीं है। इसलिए यहाँ अकर्मक क्रिया है।
अतएव जिन क्रियाओं में कर्म नहीं होता, वह अकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।
(क्रिया व उसके भेदों को लिए सिर्फ़ उपर तक ही याद करना व लिखना है)
सकर्मक एवं अकर्मक क्रिया की पहचान
सकर्मक तथा अकर्मक क्रिया की पहचान करने के लिए वाक्य में आई क्रिया पर ‘क्या’, ‘किसे’ या ‘किसको’ लगाकर प्रश्न किया जाये। यदि उत्तर में कोई व्यक्ति या वस्तु आए, तो क्रिया सकर्मक होगी अन्यथा क्रिया अकर्मक होगी। जैसे :-
जल्लाद ने क्या उठायी ? उत्तर मिलता है- ‘तलवार’। इसी तरह सैनिकों ने किसे पकड़ लिया? उत्तर मिलता है- राजा को। अतएव ये सकर्मक क्रियाएँ हैं किंतु ‘ख’ भाग के दोनों वाक्यों में प्रश्न करें तो उत्तर नहीं मिलता।
जैसे- राजा क्या चिल्ला रहा था? तथा सैनिक क्या चल पड़े? यहाँ प्रश्न ही अटपटा लगता है। यहाँ ‘चिल्ला रहा था’ तथा ‘चल पड़े’ क्रियाएँ कर्म की अपेक्षा नहीं रखतीं, अत: ये अकर्मक क्रियाएँ हैं।
(क) सेवक चला गया। (ख) सेविका चली गयी।
उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘क’ उदाहरण में क्रिया का कर्त्ता पुल्लिग (सेवक) है, अत: क्रिया भी पुल्लिंग (चला गया) है जबकि दूसरे वाक्य में ‘ख’ उदाहरण में क्रिया का कर्त्ता स्त्रीलिंग (सेविका) है अत: क्रिया भी स्त्रीलिंग (चली गयी) है।
अतः लिंग में परिवर्तन के कारण क्रिया में भी परिवर्तन हुआ है।
इस प्रकार- संज्ञा शब्दों की तरह क्रिया शब्दों के भी दो लिंग होते हैं । .
- पुल्लिंग 2. स्त्रीलिंग।
(क) राजा जंगल की ओर निकल पड़ा।
(ख) वे (राजा और मंत्री) जंगल की ओर निकल पड़े ।
उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘क’ उदाहरण में कर्त्ता (राजा) एक वचन है, अत: क्रिया भी एक वचन (निकल पड़ा) प्रयुक्त हुई है तथा दूसरे वाक्य में कर्त्ता ‘वे’ बहुवचन है, अत: क्रिया भी बहुवचन (निकल पड़े) प्रयुक्त हुई है।
अतः वचन बदलने पर क्रिया का रूप भी बदल जाता है।
इस प्रकार क्रिया शब्दों के दो वचन होते हैं ।
- एकवचन 2. बहुवचन।
इन वाक्यों में क्रिया अकर्मक है अथवा सकर्मक है? लिखें।
(क) धीरा जूते पालिश करता था। (सकर्मक)
(ख) धीरा घबरा गया । (अकर्मक)
(ग) वह लपक कर सिपाहियों के पास पहुँचा। (अकर्मक)
(घ) दो सिपाही आ रहे हैं। (अकर्मक)
(ङ) वह एक लोकप्रिय धुन गुनगुना रहा था। (सकर्मक)
(च) धीरा बहुत मेहनती लड़का था। (अकर्मक)
(छ) धीरा ने चुपचाप उसके दोनों जूतों के फीते एक दूसरे से बाँध दिये। (सकर्मक)