पाठ-2 पदावली (मीराबाई) (बहुवैकल्पिक प्रश्न)

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इस पोस्ट के माध्यम से पाठ-2 पदावली (मीराबाई) (बहुवैकल्पिक प्रश्न) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण  बहुवैकल्पिक प्रश्न परीक्षा की तैयारी के लिए दिए जा रहें हैं .. मैं आशा करता हूँ कि यह प्रयास छात्रों के अच्छे अंक लेन में सार्थक सिद्ध होगा.. धन्यवाद ..




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पाठ-2 पदावली (मीराबाई) (बहुवैकल्पिक प्रश्न)

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1. बसों मेरे नैनन में नन्द लाल।

मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल।

मोह मुकुट मकराकृत कुंडल अरूण तिलक दिये भाल।

अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माल।

छद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।

मीरा प्रभु सन्तन सुखदाई भक्त वछल गोपाल ।।

प्रश्न. इस पद्यांश का केंद्रीय भाव/मूल भाव लिखें।

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2. मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल।

मोह मुकुट मकराकृत कुंडल अरूण तिलक दिये भाल।

अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माल।

छद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।

मीरा प्रभु सन्तन सुखदाई भक्त वछल गोपाल ।।

प्रश्न. इस पद्यांश के आधार पर 'बसौ' शब्द का क्या अर्थ है?

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3. बसों मेरे नैनन में नन्द लाल।

मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल।

मोह मुकुट मकराकृत कुंडल अरूण तिलक दिये भाल।

अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माल।

छद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।

मीरा प्रभु सन्तन सुखदाई भक्त वछल गोपाल ।।

प्रश्न. इस पद्यांश के आधार पर श्री कृष्ण की आँखें.......... हैं।

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4. बसों मेरे नैनन में नन्द लाल।

मोहनि मूरति साँवरी सूरति नैना बनै विसाल।

मोह मुकुट मकराकृत कुंडल अरूण तिलक दिये भाल।

अधर सुधारस मुरली राजति उर वैजन्ती माल।

छद्र घंटिका कटि तट सोभित नुपूर शब्द रसाल।

मीरा प्रभु सन्तन सुखदाई भक्त वछल गोपाल ।।

प्रश्न. इस पद्यांश के आधार पर मीरा किसे अपने नयनों में बसाना चाहती है?

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5. मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।

जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।

तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।

छाड़ि दई कुल की कानि, कहा करै कोई।

प्रश्न. इस पद्यांश का केंद्रीय भाव/मूल भाव लिखें।

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6. मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।

जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।

तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।

छाड़ि दई कुल की कानि, कहा करै कोई।

प्रश्न. इस पद्यांश में 'कानि' शब्द का क्या अर्थ है?

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7. मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।

जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।

तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।

छाड़ि दई कुल की कानि, कहा करै कोई।

प्रश्न . इस पद्यांश में मीराबाई ने क्या छोड़ दिया?

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8. मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो न कोई।

जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई।

तात मात भ्रात बंधु, आपनो न कोई।

छाड़ि दई कुल की कानि, कहा करै कोई।

प्रश्न- इस पद्यांश  के आधार पर मीराबाई किसकी भक्त हैं?

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9. मीरा ने किसे अपना पति माना है?

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10. मीरा अंत में श्रीकृष्ण से क्या मांग करती है?

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11. मीरा अपने आंसुओं के जल से किस बेल को सींच रही है?

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12. संतों की संगति में रहकर मीरा ने क्या छोड़ दिया ?

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13. श्री कृष्ण ने किस प्रकार के कुंडल धारण किए हैं?

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14. श्री कृष्ण ने किस प्रकार का मुकुट धारण किया है?

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15. मीरा किसे अपने नयनों में बसाना चाहती है?

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16. श्री कृष्ण ने कौन-सा पर्वत धारण किया था?

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