पाठ 14 कुमारी कालीबाई
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें।
ਬਹਾਦੁਰੀ = बहादुरी ਸਧਾਰਨ = साधारण
ਨਿਸ਼ਾਨੀ = निशानी ਇਤਿਹਾਸ = इतिहास
ਆਜ਼ਾਦੀ = आज़ादी ਪ੍ਰੇਰਨਾ = प्रेरणा
ਜਾਤੀ = जाति ਉਮਰ = उम्र
ਕ੍ਰਾਂਤੀਕਾਰੀ = क्राँतिकारी ਇਲਾਕਾ = इलाका
ਵਿਅਕਤੀ = व्यक्ति ਪੁਲਿਸ = पुलिस
ਸਮਾਰਕ = स्मारक
प्रश्न 2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गए हैं इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों में लिखें।
ਕੁਰਬਾਨੀ = बलिदान ਵਾਛੜ = बौछार
ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ = ज़िलाधीश ਓਝਲ = ओझल
ਤੁਰੰਤ = आनन-फानन ਵਾਰ ਦੇਣਾ = न्यौछावर
ਲੜਾਈ ਦਾ ਬਿਗਲ = मारू बिगुल ਵਿਰੁੱਧ = खिलाफ
प्रश्न 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें।
क) कुमारी कालीबाई का स्मारक राजस्थान के किस गाँव में बना है ?
उत्तर: कुमारी कालीबाई का स्मारक राजस्थान के रास्तापाल गाँव में बना है।
ख) कुमारी कालीबाई जब देश के लिए शहीद हुई तो उसकी उम्र कितनी थी ?
उत्तर: कुमारी कालीबाई जब देश के लिए शहीद हुई तो उसकी उम्र तेरह वर्ष की थी।
ख) रास्तापाल गाँव के कौन से दो अध्यापक क्राँतिकारी गतिविधियाँ चलाते थे?
उत्तर: रास्ता पाल गाँव के दो अध्यापक नानाभाई खाँट और सेंगाभाई क्राँतिकारी गतिविधियाँ चलाते थे ।
घ) इस घटना में शहीद हुए अध्यापक का क्या नाम था?
उत्तर: इस घटना में शहीद हुए अध्यापक का नाम नानाभाई खाँट था।
प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में दें।
क) भोगीलाल पंड्या और स्कूल के अध्यापक अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ क्या काम करते थे?
उत्तर: भोगीलाल पंडया और स्कूल के अध्यापक गुप्त रूप से अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ क्राँतिकारी गतिविधियाँ चलाते थे। वे क्राँतिकारियों की सभाएँ करते, पर्चे बाँटते और सूचनाएँ भिजवाते थे।
ख) कुमारी कालीबाई ने अध्यापक सेंगाभाई को अंग्रेज़ों से कैसे बचाया?
उत्तर: अंग्रेज़ों ने सेंगाभाई को जीप के पीछे रस्सियों से बाँध दिया। उनकी यह हालत देखकर कालीबाई दौड़कर जीप के सामने आ गई। अंग्रेज़ों के धमकी देने पर उसने जीप के पीछे जाकर ख़ुद ही कचिया से सेंगाभाई की रस्सियाँ काट दी और इस तरह से उन्हें अंग्रेज़ों से बचा लिया।
ग) कुमारी कालीबाई देश के लिए कैसे शहीद हो गई?
उत्तर: कुमारी कालीबाई ने सेंगाभाई की रस्सियाँ काट दी जिससे वह भागने में सफल हो गए। अंग्रेज़ों ने गुस्से में आकर कालीबाई पर गोलियाँ चला दी। कालीबाई ने वहीं पर प्राण त्याग दिए। इस तरह वह देश के लिए शहीद हो गई।
प्रश्न 5. नीचे मुहावरों के अर्थ दिए गए हैं, उनके वाक्य बनाएँ।
(1) प्राणों की बलि देना (जान देना) हमें देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि देनी पड़ी तो दे देंगे।
(2) आग लगना (प्रेम होना) कुमारी कालीबाई के दिल में देश प्रेम की आग लगी हुई थी।
(3) ढेर करना (मार गिराना) भारतीय सैनिकों ने शत्रुओं को युद्ध क्षेत्र में ढेर कर दिया।
(4) रफूचक्कर होना (भाग जाना) मौका मिलते ही चोर रफूचक्कर हो गया।
(5) जीवन लीला समाप्त होना (मर जाना) कल रात मेरे मित्र के दादा जी की जीवन लीला समाप्त हो गई।
(6) निछावर होना (शहीद हो जाना) आज़ादी के लिए बहुत से सैनिक देश पर निछावर हो गए।
(7) कहानी खत्म होना (मृत्यु हो जाना) सीने पर गोली लगते ही सैनिक की कहानी खत्म हो गई ।
(8) एक न एक दिन (कभी न कभी) मेहनत करने वाला व्यक्ति एक न एक दिन अवश्य सफल होता है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित गद्यांश से संज्ञा शब्दों पर गोला लगाएँ तथा सर्वनाम शब्दों को रेखांकित करें।
कालीबाई के मरने की खबर सुनकर हज़ारों की संख्या में भील आदिवासी वहाँ इकट्ठे हो गए। उन्होंने अपना मारू बिगुल बजा दिया और घेर लिया उन अंग्रेजों को। भारी भीड़ देखकर वे जीप में सवार होकर भागे वहाँ से। आदिवासियों ने उनका पीछा किया। वे भागते रहे। आदिवासी तब तक उनका पीछा करते रहे जब तक उनकी जीप दूर ओझल नहीं हो गई।
प्रश्न 7. निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलकर लिखिए।
शिक्षक = शिक्षिका बालिका = बालक
लड़की = लड़का कुमारी = कुमार
अध्यापक = अध्यापिका युवती = युवक
प्रश्न 8 दिए गए शब्द-जोड़ों के अर्थ को समझते हुए वाक्य बनाएं :
शब्द | अर्थ | वाक्य |
पता | किसी काम, वस्तु, जगह का परिचायक | मेरे मित्र को मेरे घर का पता मालूम है। |
पत्ता | वृक्ष की टहनी से निकलने वाला वह हरा अंग जिससे छाया रहती है और जो सूखने पर झड़ जाता है | मैंने वृक्ष का पत्ता तोड़ा। |
जाति | वंश, कुल | हमें जाति और धर्म के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। |
जाती | जाते हुए | वह हर रोज स्कूल जाती है। |
पड़ी | रखी हुई | मेज पर घड़ी पड़ी है। |
पढ़ी | पढ़ने की क्रिया | मैंने आज एक बहुत बढ़िया कहानी पढ़ी। |
बस | एक वाहन | मैं बस पर स्कूल जाता हूँ । |
बस | बंद करना | अब बस करो, बाकी काम कल करेंगे। |
प्रश्न 9 सोचिए और लिखिए:-
कालीबाई की जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: कालीबाई के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें अन्याय का विरोध करना चाहिए। अपने देश की रक्षा के लिए अगर हमें अपने प्राण भी न्योछावर करने पड़ें तो पीछे नहीं हटना चाहिए।
लेखन: डॉ.सुमन सचदेवा, हिंदी अध्यापिका,स.ह. स्कूल (लड़के) मंडी हरजीराम, मलोट
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी अघ्यापक, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडाI
संशोधन: सोनिया बांसल ,हिंदी अध्यापिका, सरकारी हाई स्कूल, बुर्ज लध्धा सिंह वाला