पाठ 19 दोहावली (कक्षा 7)

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पाठ 19 दोहावली (कक्षा 7)

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
ਬਾਣੀ          =      बानी           ਪੋਥੀ   =      पोथी
ਵਿੱਦਿਆ       =      विद्या          ਪੰਡਤ =      पंडित
ਪੱਖਾ           =      पंखा           ਕੁਟੀ   = कुटी

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
(क) हमें कैसी वाणी बोलनी चाहिए?
उत्तर- हमें मीठी वाणी बोलनी चाहिए।

(ख) आज का काम कल पर क्यों नहीं टालना चाहिए?
उत्तर- आज का काम कल पर इसलिए नहीं टालना चाहिए क्योंकि अगले पल क्या होगा, इसका किसी को पता नहीं होता। यदि अगले ही क्षण में प्रलय आ जाये तो वह काम कब होगा।

(ग) विद्या कैसे प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-विद्या मेहनत व लगन द्वारा प्राप्त की जा सकती है।

(घ) पोधी पड़कर भी लोग विद्वान क्यों नहीं बन पाते ?
उत्तर- पोथी पढ़ने वालों के पास केवल किताबी ज्ञान होता है उन्हे प्रेम-भाव का ज्ञान नहीं होता।

(ङ) हमें किस प्रकार के वचन बोलने चाहिए ?
उत्तर- हमें वचनों को सोच-समझकर बोलना चाहिए। हमें ऐसे वचन बोलने चाहिए, जिससे किसी को दुःख न पहुँचे।

(च) कवि ने निंदक को अपने समीप रखने के लिए क्यों कहा है ?
उत्तर- कवि ने निंदक को अपने समीप रखने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि निंदक हमें हमारे अवगुण बताते हैं।

(छ) दूसरों में बुराई क्यों नहीं ढूंढ़नी चाहिए ?
उत्तर– क्योंकि कवि का मानना है कि हम में भी बहुत सारी  बुराइयाँ हैं । दूसरों में बुराई ढूंढ़ने से पहले हमें स्वयं को देखना चाहिए कि हम कितने बुरे हैं। यदि हम स्वयं की परख करेंगे, तो हमें खुद से बुरा कोई और नहीं मिलेगा। इसलिए हमें दूसरों में बुराई नहीं ढूंढ़नी चाहिए।

(ज) कवि ने संयम बरतने के लिये क्यों कहा है ?
उत्तर- कवि ने संयम बरतने के लिये इसलिए कहा है क्योंकि प्रत्येक वस्तु संयम (नियंत्रण) में ही लाभदायक होती है। संयम खो जाने पर अर्थात् अति होने पर उसका कोई लाभ नहीं होता, हमेशा हानि होती है।

3. इन प्रश्नों उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें:
(क) पठित दोहों में से तुम्हें सबसे अच्छा दोहा कौन-सा लगा ? क्यों ?
उत्तर- पठित दोहों में से मुझे निम्नलिखित दोहा सबसे अच्छा लगा :
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया नहीं, फल लागै अति दूर ।।
क्योंकि इस दोहे में बताया गया है कि मनुष्य की पहचान उसके बड़े होने से नहीं बल्कि उसके गुणों से होती है। इसमें कबीर जी एक खज़ूर के पेड़ का उदाहरण देते हुए समझाते हैं कि खज़ूर का पेड़ बहुत ऊँचा होता है। यह इतना ऊँचा होता है कि किसी को छाया भी नहीं दे सकता, और इसके फल भी इतने दूर लगे होते हैं कि कोई उन तक आसानी से पहुंच भी नहीं सकता।

(ख) इन दोहों में से आपने जो सीखा, उसे अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-इन दोहों से हमने निम्नलिखित बातें सीखीं हैं:
हमें हमेशा मीठी बाणी बोलनी चाहिए।
प्रत्येक काम समय पर करना चाहिए, उसे कल पर नहीं टालना चाहिए।
बिना मेहनत के कुछ भी प्राप्त नहीं होता।
बिना सोचे-समझे कोई बात नहीं करनी चाहिए।
हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।
प्रत्येक वस्तु सीमा में ही लाभदायक रहती है।

4. इन शब्दों के हिन्दी रूप लिखें।
सीतल     =    ठंडा, तृप्त                 नियरे      =    निकट, पास
परलय     =    विनाश, सर्वनाश        निरमल    =    स्वच्छ, निर्मल
पौन       =    हवा, वायु                   सुभाय     =    स्वभाव, प्रक्रति
आखर     =    अक्षर, शब्द              चूप       =    खामोशी, चुप्पी

5. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें
विद्या     =    शिक्षा, पढ़ाई                उद्यम     =    मेहनत, श्रम
पोथी      =    ग्रंथ, किताब                पंथी       =    पथिक, यात्री

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