पाठ 5 शायद यही जीवन है

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पाठ- 5  शायद यही जीवन है
अभ्यास हल सहित

1.नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਬਗੀਚਾ        बगीचा                     ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ         गतिविधियाँ
ਬੈਂਗਨ          बैंगन                       ਸੰਬੰਧ                  संबंध
ਅੰਡੇ            अंडे                         ਮੂਲ ਮੰਤਰ           मूल मंत्र

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:-
ਵਿਹੜਾ        आँगन                      ਇੰਤਜ਼ਾਰ             प्रतीक्षा
ਆਲ੍ਹਣਾ      घोंसला                     ਧੰਨਵਾਦ              धन्यवाद
ਚੁੰਝ            चोंच                         ਭੋਜਨ                 आहार

3. शब्दार्थ:-
असमंजस             कुछ न सूझना
समयाभाव             समय का अभाव या कमी
नीड़                     घोंसला
निहारना                प्यार से देखना
निश्चिंत                  बिना किसी चिंता के, बेफिक्र
अचेत                   मूर्च्छित, बेसुध, होश न होना
अवलम्ब               सहारा
आशंकित              शंका होना
अंतरंग बातें           पक्षी जगत का अंदरूनी व्यवहार

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:-
(क) लेखिका ने आँगन में क्या देखा?
उत्तर –  लेखिका ने बैंगन के पौधे के बीच एक घोंसला देखा और उस घोंसले में लाल रंग के छोटे-छोटे चार अंडे थे ।

(ख) चिड़िया का रंग-रूप कैसा था?
उत्तर-  चिड़िया छोटी-सी चंचल, जैतूनी हरी जिसके नीचे के अंग सफेद, जंग जैसे रंग की शिखा, दुम में दो सुई की तरह नुकीले पर, जो तनकर खड़े रहते थे।

(ग) चिड़िया के कितने बच्चे थे?
उत्तर- चिड़िया के चार बच्चे थे।

(घ) बच्चे भोजन की माँग किस प्रकार करते थे?
उत्तर- बच्चे अपनी-अपनी खुली चोंच बार-बार ऊपर की ओर उठाकर भोजन की माँग करते थे।

(ङ) घोंसला नीचे मिट्टी में कैसे गिर गया?
उत्तर- घोंसला जिन दो पत्तों के बीच बना था, उन में से एक पत्ते के टूट जाने के कारण घोंसला नीचे मिट्टी में गिर गया।

(च) लेखिका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बाँधने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर- लेखिका को डर था कि कहीं बिल्ली हमला न कर दे। इसलिए लेखिका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बाँधने का निश्चय किया।

(छ) बच्चे अपनी माँ से संपर्क कैसे स्थापित करते थे?
उत्तर-  बच्चे घोंसले से मुँह बाहर निकालकर चीं-चीं कर माँ से संपर्क स्थापित करते थे।

(ज) तीन बच्चे मुक्त हो गये थे परन्तु चौथा बच्चा क्यों नहीं मुक्त हो पाया?
उत्तर-  छोटा होने के कारण चौथा बच्चा मुक्त नहीं हो पाया।

(झ) लेखिका चौथे बच्चे के भी उड़ जाने पर उदास क्यों हो गई?
उत्तर- लेखिका को महसूस  हुआ कि उसकी बेटी भी एक चिड़िया के बच्चों जैसी है, जो एक दिन शादी कर इस घोंसले (घर) में से कहीं दूर उड़ (चली) जाएगी।

(ञ) ‘जीवन परिवर्तन शील है।‘ इस तथ्य के बारे में आप कोई उदाहरण लिखो।
उत्तर- जीवन सदा एक जैसा नहीं रहता। इसका एक स्पष्ट उदाहरण है, मनुष्य की काया जो जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक एक जैसी नहीं रहती, उम्र के लिहाज़ से बदलती रहती है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:-
(क) चिड़िया, घोंसला, अंडे, बच्चे, इनके द्वारा जीवन की परिवर्तनशीलता उद्भासित होती है। क्या आपको मानव जीवन में भी ऐसी ही परिवर्तनशीलता दिखाई देती है। कोई दो उदाहरण देकर समझायें।
उत्तर– 1. उम्र के साथ-साथ मानव शरीर में भी परिवर्तन होता रहता है। बचपन में कोमल युवावस्था में मज़बूत और वृद्धावस्था में शरीर कमज़ोर हो जाता है।
2. सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा है। मेहनत करने से असफलता को सफलता में बदला जा सकता है।
(ख) चिड़िया के बच्चों की प्रत्येक गतिविधि पक्षी जगत की स्वभावगत विशेषता को प्रकट करती है। किसी एक गतिविधि को ध्यान से देख कर लिखें।
उत्तर- खतरे का आभास होते ही माँ जोर-जोर से शोर करती है। बच्चे घोंसले से मुँह बाहर निकालकर चीं-चीं कर माँ से संपर्क स्थापित करते हैं। चिड़िया किसी को सामने पाकर सीधा बैठने की बजाय अन्य शाखाओं से होते हुए घोंसले तक पहुँचती। ये गतिविधि पक्षी जगत की स्वभावतगत विशेषता को प्रकट करती है।

6. दिए गये संज्ञा शब्दों के लिए सही विशेषण शब्द चुनकर लिखें:-
रंग बिरंगे, पतली, चंचल, हरे-भरे, नोकीले, ऊँची, मेरी, गोल
हरे-भरे          पेड़                       पतली                  रस्सी
नोकीले          पर                        चंचल                  चिड़िया
गोल              डिब्बे                     ऊँची                   डाली               
मेरी              ननद                      रंग-बिरंगे             फूल

7. विशेषण बनायें:-
अनुमान        अनुमानित               सुरक्षा                 सुरक्षित
परिचय         परिचित                  आशंका              आशंकित
स्थापना         स्थापित                  केंद्र                    केंद्रीय

8. विपरीत शब्द लिखें:-
परिचित        अपरिचित                धूप                   छाया
आगमन        निर्गमन                   उपलब्ध            अनुपलब्ध
दर्शक           श्रोता                      अचेत                सचेत
मुक्त            गुलाम                     बंधन                 मुक्त
निर्माण         ध्वंस / नाश

9. नए शब्द बनायें :-
समय+अभाव       समयाभाव         विद्या+आलय    विद्यालय
कार्य+आलय        कार्यालय          मूल+मंत्र           मूलमंत्र
परिवर्तन+शील     परिवर्तनशील

10. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें:-
सूर्य का उदय होना                              सूर्योदय
देखने वाला                                        दर्शक
समय का अभाव                                 समयाभाव
जिसकी जानकारी हो चुकी हो               परिचित, ज्ञात
जिसकी जानकारी न हो                       अपरिचित, अज्ञात
पक्षी जगत की जानकारी रखने वाला      पक्षी विशेषज्ञ, पक्षीविद्
बिना पलक झपकाए                           अपलक

11. इन मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :
फूला नहीं समाना (बहुत खुश होना) पास होने की ख़बर सुनकर सीमा फूली नहीं समा रही थी।
धावा बोलना (हमला करना) टिड्डियों ने फसल पर धावा बोल दिया। देखते ही देखते किसान की सारी फसल नष्ट हो गयी।
मन गद्गद् होना (खुश होना) मेला देखकर राहुल का मन गद्गद् हो गया।
दिल धक से रह जाना (घबरा जाना) साँप देखकर मेरा दिल धक से रह गया।

12. निम्नलिखित में से काल को पहचान कर लिखिए :-
(1)  दीदी, आओ ! आपको कुछ दिखाती हूँ।                                                वर्तमान काल
(2)  उन्हें अपलक देख कर मैं फूला नहीं समा रही थी।                                  भूतकाल
(3)  यह भी एक दिन उस चिड़िया की तरह उड़ जाएगी।                               भविष्य काल
(4) अनेक चिड़ियों को फुदकता देखकर हम अपनी चिड़िया पहचान लेते थे।     भूतकाल

लेखन: कुलदीप सिंह हिंदी मास्टर, स.स.स.स. माहीनंगल, बठिंडा
संशोधन: राजन, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल लोहारका, कलां, अमृतसर
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडा

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