शेर और चूहे की कहानी
एक जंगल में एक शेर था। एक दिन वह दोपहर को एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। अचानक से एक चुहिया उसके ऊपर आकर नाचने लगी। जिससे शेर की नींद खुल गई। उसने चूहे को हाथ में पकड़ के कहा “तेरी यह हिम्मत, मैं अभी तुझे खा जाता हूँ।” चुहिया डर के बोली “शेर, जी माफ़ करना, गलती हो गयी, अगर आप मुझे जाने दें, मैं एक न एक दिन आपके काम ज़रूर आउँगी।” उस पर शेर बोला “तुम इतनी छोटी हो, तुम क्या मेरे आओगी। शेर ने चुहिया को यह कह कर छोड़ दिया।”
कुछ दिनों बाद, एक दिन चुहिया ने दूर से शेर की जोर-जोर से दु:ख भरी दहाड़ सुनी। वह भाग कर शेर के पास पहुँची, ओर उसने देखा कि शेर एक शिकारी के जाल मैं फँसा हुआ है। फिर चुहिया ने झटपट अपने तीखे दाँतों से पूरे जाल के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इस तरह शेर जाल से आज़ाद हो गया।
शेर ने चुहिया को धन्यवाद किया। फिर वह दोनों शिकारी के आने से पहले वहाँ से चले गए।
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सिर्फ शरीर के आधार पर किसी इंसान को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए। साथ ही हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि जब हम दूसरों की मदद करेंगे, तभी कोई हमारी मदद के लिए आगे आएगा।