पाठ 1 भारत के कोने-कोने से (कक्षा 7)

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पाठ 1 भारत के कोने-कोने से (कक्षा-7)
(अभ्यास हल सहित)

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਭਾਰਤ              भारत                              ਪਾਣੀ              पानी
ਬੱਚੇ                 बच्चे                                ਗੰਗਾ              गंगा
ਸੰਦੇਸ਼ਾ            संदेशा                               ਪੂਰਬ             पूरब
ਦੁਨੀਆ           दुनिया                              ਕਿਰਨ            किरण

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा के शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:-
ਸਮੁੰਦਰ           सागर                              ਲਾਲੀ            अरुणाई
ਸਾਫ਼               निर्मल                             ਅੱਗ              आग
ਸਵੇਰਾ             प्रातः                               ਆਸ             आशा
ਪਰਬਤ            गिरि                               ਮੇਲ              संगम

3.इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:-
(क) गीत गाने वाले बच्चे कहाँ से आए हैं?
उत्तर: गीत गाने वाले बच्चे भारत के कोने-कोने से आए हैं।

(ख) ‘भारत के कोने-कोने से’ कविता में बच्चे क्या संदेश लेकर आये हैं?
उत्तर: ‘भारत के कोने- कोने से’ कविता में बच्चे नई उमंगों और आशाओं का संदेश लेकर आए हैं।

(ग) कविता में ‘गिरि’ और ‘सागर’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: गिरि का अर्थ है ‘पर्वत’ और सागर का अर्थ है ‘समुद्र’|

(घ) बच्चे अपने देश के लिए क्या करना चाहते हैं?
उत्तर: बच्चे अपने देश के माथे को और ऊँचा उठाना चाहते हैं|

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:-
(क) ‘नई उमंगों- आशाओं’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: ‘नई-उमंगों –आशाओं’ से कवि का अभिप्राय है कि बच्चे जो कि भारत के कोने-कोने से आये हैं, वे अपने संग सकारात्मक भाव लेकर आये हैं। उनमें भारत देश के लिए बहुत कुछ करने का उत्साह है, आगे सफलता के पथ पर बढ़ने की चाह है। भारत देश को प्रगति पथ पर लेकर जाने की आशाएं हैं।
(ख) ‘कल आने वाली दुनिया में
हम कुछ कर दिखलायेंगे,
भारत के ऊँचे माथे को
ऊँचा और उठाएंगे ।’
इन काव्य – पंक्तियों की प्रसंग सहित व्याख्या करें।
उत्तर:- उपर्युक्त पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक ‘आओ हिंदी सीखें -7’ में से संकलित कविता ‘भारत के कोने-कोने से’ में से लिया गया है।इस कविता के रचयिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन जी हैं।कवि कहते हैं कि बच्चे भारत के कोने-कोने से आये हैं भाव बच्चे अलग-अलग दिशाओं से आये हैं। बच्चे कह रहें हैं कि कल आने वाली दुनिया में वे कुछ करके दिखलायेंगे और भारत के ऊँचे मस्तक को और ऊँचा उठायेंगे। बच्चों का कहने का अभिप्राय है कि उनमें अपने देश के लिए बहुत कुछ करने का उत्साह है और वे भारत की प्रगति में और योगदान देने के लिए प्रयास करेंगे।

5.भाववाचक संज्ञा बनाएं :-
ऊँचा                   ऊँचाई                    गहरा        गहराई                    अरुण   अरुणाई

6. निम्नलिखित शब्दों के वर्ण-विच्छेद करें:-
भारत                  भ्+आ+र्+अ+त्+अ
गिरि                    ग् +इ+र्+इ
राजस्थानी            र्+आ+ज्+अ+स्+थ्+आ+न्+ई
दुनिया                 द्+उ+न्+इ+य्+आ
संदेशा                 स्+अं+द्+ए+श्+आ
निर्मल                 न्+इ+र्+म्+अ+ल्+अ

7. समान अर्थ वाले शब्द लिखें:-
गिरि         पर्वत                माथा          मस्तक             सागर    समुद्र
किरण      मयूख               संदेशा       संदेश                पानी     जल
पूरब        पूरब दिशा         प्रातः          सुबह               दुनिया    संसार

8. बहुवचन रूप लिखें:-
आशा       आशाएं             ऊँचा           ऊँचे
उमंग        उमंगें               कोना           कोने
संदेश        संदेशे              बच्चा            बच्चे

9. नीचे दी गई पंक्तियों को पूरा करें :-
(1) हम गिरि की ऊँचाई लाए
(2) हम सागर की गहराई
(3) हम पश्चिम से आये, लाए
आग-राग राजस्थानी
(4)  हम लाए हैं गंग-जमुन के
संगम का निर्मल पानी

सौजन्य: राजन,हिंदी शिक्षक, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, लोहारका कलां, अमृतसर
सौजन्य: दीपक कुमार, हिंदी शिक्षक,  राजकीय माध्यमिक विद्यालय ,मानवाला, बठिंडा

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