हाथी और दर्जी
एक बार एक हाथी था। वह हर रोज़ नदी पर पानी पीने के लिए जाता था ।रास्ते में एक दर्जी की दुकान थी।दर्जी बहुत दयालु तथा उदार था। दर्जी रोज़ हाथी को कुछ ना कुछ खाने के लिए देता था। इस तरह हाथी और दर्जी में मित्रता हो गई ।
एक दिन दर्जी क्रोध में बैठा हुआ था। हाथी आया और उसने कुछ प्राप्त करने के लिए अपनी सूँड आगे की। दर्जी ने उसे कुछ खाने के लिए नहीं दिया,
परंतु उसकी सूँड में सुई चुभो दी ।हाथी को बहुत दर्द हुआ। उसे बहुत गुस्सा आया। वह नदी पर गया। उसने स्नान किया और लौटते समय अपनी सूँड में गंदा पानी भर लिया। दर्जी की दुकान पर पहुँच कर उसने सारा गंदा पानी उसके कपड़ों पर फेंक दिया। दर्जी के सारे कपड़े खराब हो गए। इस तरह हाथी ने दर्जी से बदला लिया और दर्जी अब पछता रहा था।
शिक्षा:- जैसे को तैसा।