पाठ 4 राखी की चुनौती
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਚਮਕ चमक ਖੁਸ਼ੀ खुशी
ਬੂੰਦ बूँद ਘਰ घर
ਹੱਥਕੜੀ हथकड़ी ਬੰਦੀ बंदी
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:-
ਬਿਜਲੀ तड़ित ਭੇਦਭਾਵ विषमता
ਭੈਣ बहिन ਫੁੱਲ पुष्प
ਬੱਦਲ घन ਆਸਮਾਨ गगन
ਬਦਲੀ घटा ਪੁੰਨਿਆ,ਪੂਰਨਮਾਸ਼ੀ पूनी
3.शब्दार्थ:-
घटा जल भरे बादलों का समूह।
कलाई हाथ में हथेली के जोड़ के ऊपर गट्टा।
भादो भादो का महीना, सावन के बाद पड़ने वाला देसी महीना।
ज़ालिम ज़ुल्म करने वाला
धूनी ठंड से बचने के लिए जलायी जाने वाली आग।
विषमता असमता, भीषणता, जटिलता ।
चुनौती युद्ध, शास्त्रार्थ आदि के लिए आह्वान, ललकार ।
4. उपयुक्त शब्द भरकर काव्य -पंक्तियाँ पूरी करें:-
(क) घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में।।
(ख) ये आई है राखी सुहाई है पूनी ,
बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं।
(ग) मेरा बंधु माँ की पुकार को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।
(घ) छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह ज़ालिम के घर में से लाने गया है।
प्रश्न 5 – इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें।
(क) लता कहाँ पर फूली नहीं समाती?
उत्तर-लता वन में फूली नहीं समाती।
(ख) राखी का त्योहार किस दिन होता है?
उत्तर-राखी का त्योहार श्रावण की पूर्णिमा को होता है ।
(ग) इस कविता में आई बहन का भाई कहाँ गया है?
उत्तर- भारत माता को स्वतंत्र करवाने के लिए जेलखाने गया है ।
(घ) बहन किस को बधाई देती है?
उत्तर- जिन बहनों को भाई मिले हैं, बहन उन बहनों को बधाई देती है।
(ङ) ‘मुझे गर्व है किंतु राखी है सुनी’ का भाव बतायें ।
उत्तर – आज राखी का त्योहार है। बहन का भाई उसके पास नहीं है लेकिन बहन को गर्व है कि उसका भाई देश स्वतंत्र करवाने के लिए जेलखाने गया है।
(च) यह कविता स्वतंत्रता से पहले लिखी गई या है बाद में ?
उत्तर- यह कविता (राखी की चुनौती) स्वतंत्रता से पहले लिखी गई है।
6. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें:-
(क) ‘राखी की चुनौती’ कविता का सार लिखें।
उत्तर- यह कविता सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा लिखी गई है। आज राखी का त्योहार है। बहनें बहुत खुश हैं। तड़ित, घटा और लताएँ भी फूली नहीं समा रहीं। बहन उन बहनों को बधाई देती है जिनको उनके भाई मिले हैं लेकिन उस बहन का भाई उसके पास नहीं है। वह भारत माता को दुश्मनों के चंगुल से स्वतंत्र करवाने के लिए जेलखाने गया है। राखी का त्योहार होने पर भी बहन को इस बात का गर्व है कि उसका भाई देश सेवा में लगा हुआ है। वह बहन देश के नौजवानों को चुनौती देती है कि देश के लिए बंदी बनो और देश आज़ाद करवाओ।
(ख) इस कविता में बहन ने पराधीन देश के भाइयों को क्या संदेश दिया है?
उत्तर- राखी की चुनौती कविता में बहन पराधीन देश के भाइयों को संदेश देती है कि यह राखी रेशम सी कोमल नहीं है। यह लोहे की हथकड़ी है। इस हथकड़ी को पहनो, बंदी बनो और भारत देश के स्वतंत्रता संग्राम में कूद जाओ ।
7. इन काव्य-पंक्तियों का सरलार्थ करें:-
(क) मैं हूँ बहन किंतु भाई नहीं है,
राखी सजी, पर कलाई नहीं है।
है भादों, घटा किंतु छाई नहीं है।
नहीं है खुशी, पर रुलाई नहीं है।।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी की पाठ्य-पुस्तक ‘आओ हिंदी सीखें- 8’ में से ली गईं हैं। कविता का नाम ‘राखी की चुनौती’ है। यह कविता ‘श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान’ द्वारा लिखी गई है। इन पंक्तियों में कवयित्री ने उस बहन के मन की दशा को प्रकट किया है, जिसका भाई राखी के त्योहार पर उसके पास नहीं है।
व्याख्या – बहन कहती है कि आज राखी का त्योहार है लेकिन मेरा भाई मेरे पास नहीं है। मैंने राखी को सजा रखा है लेकिन जिस कलाई पर राखी बाँधनी है, वह कलाई मेरे पास नहीं है। मेरे मन की दशा उस प्रकार है जिस प्रकार भादों का महीना तो है जिसमें वर्षा की पूरी उम्मीद है लेकिन आसमान में घटा नहीं छाई। मुझे इस बात की खुशी नहीं है, लेकिन रोना भी नहीं आ रहा। क्योंकि मेरा भाई देश को आज़ाद करवाने के लिए जेलखाने गया है।
(ख) मेरा बंधु माँ की पुकारों को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।
छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह ज़ालिम के घर में से लाने गया है।।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी की पाठ्य-पुस्तक ‘आओ हिंदी सीखें- 8’ में से ली गईं हैं। कविता का नाम ‘राखी की चुनौती’ है। यह कविता ‘श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान’ द्वारा लिखी गई है। इसमें बहन गर्व महसूस कर रही है कि उसका भाई देश को आज़ाद करवाने के लिए जेलखाने गया है।
व्याख्या – बहन कहती है कि मेरा भाई भारत माता की पुकार को सुनकर उसे आज़ाद करवाने के लिए जेलखाने गया है। दुश्मनों ने भारत माँ की स्वतंत्रता को छीन लिया है। मेरा भाई ज़ालिम अंग्रेज़ों के घर से भारत माता को आज़ाद करवाने के लिए उन ज़ालिमों के घर गया है।
8. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :-
तड़ित चपला, बिजली, विद्युत
गगन आकाश, नभ, अंबर
खुशी प्रसन्नता, हर्ष, उल्लास
घन बादल, मेघ
पुष्प फूल, सुमन
भाई भ्राता, सहोदर
9.शुद्ध करके लिखें:-
राखीयां राखियाँ विशमता विषमता
पुश्प पुष्प खूशी खुशी
रूलाई रुलाई हिरदय हृदय
प्रन प्रण स्वाधिनता स्वाधीनता
चुनोती चुनौती जालिम ज़ालिम
10. इन मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग करें:-
फूले न समाना (बहुत खुश होना) पास होने की ख़बर सुनकर राहुल फूले नहीं समा रहा।
धूनी तपना (पीड़ा सहना, कष्ट सहना) गुलामी के जीवन में लोग धूनी तपते हैं।
खुशी दोगुनी होना (खुशी बढ़ना) शादी के कुछ दिनों बाद रमेश की नौकरी लगने के कारण उसकी खुशी दोगुनी हो गई।
11. विपरीतार्थक शब्द लिखें:-
धरती आसमान अमावस पूर्णिमा
पराधीनता स्वाधीनता अमंगल मंगल
कठोर कोमल मुक्ति बंधन
लेखन: कुलदीप सिंह, हिंदी मास्टर, स.स.स.स. माहीनंगल, बठिंडा
संशोधन: राजन, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल लोहारका, कलां, अमृतसर
संयोजक: दीपक कुमार, हिंदी मास्टर, स.मि. स्कूल मानवाला, बठिंडा