मुहावरे तथा लोकोक्तियां कक्षा 8वीं
आठवीं कक्षा में पास होने पर देव ………………………………………………..। (6)
हमारे सैनिकों ने दुश्मनों …………………………………………………। (6)
इतने बड़े शेर को देखकर देव …………………………………………………। (8)
(उपर दिए गए वाक्य लगभग 20 मुहावरों को कवर करते हैं ।)
आठवीं कक्षा में पास होने पर देव ………………………………………………..। (6)
हमारे सैनिकों ने दुश्मनों …………………………………………………। (6)
इतने बड़े शेर को देखकर देव …………………………………………………। (8)
(उपर दिए गए वाक्य लगभग 20 मुहावरों को कवर करते हैं ।)
1 दिल बिल्लियां उछलना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव का दिल बिल्लियों उछलने लगा।
2 दंग रह जाना (हैरान होना) इतने बड़े शेर को देखकर देव दंग रह गया।
3 खुशी से झूम उठना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव खुशी से झूम उठा।
4 मन बहलाना (समय गुजारना) बच्चों ने यात्रा के दौरान ताश खेलकर अपना मन बहलाया।
5 फूला नहीं समाना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर सभी बच्चे फूले नहीं समा रहे थे।
6 धावा बोलना (हमला करना) हमारे सैनिकों ने शत्रुओं पर धावा बोल दिया।
7 मन गदगद होना (खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव का मन गदगद हो गया।
8 दिल धक से रह जाना (घबराना) इतने बड़े शेर को देखकर देव का दिल धक से रह गया।
9 मौत की नींद सुलाना (मार देना) हमारे सैनिकों ने शत्रुओं को मौत की नींद सुला दिया।
10 सीना छलनी करना (मार देना) हमारे सैनिकों ने शत्रुओं का सीना छलनी कर दिया।
11 गौरवान्वित करना (गौरव महसूस) कक्षा में प्रथम आकर मोहन ने गांव को गौरवान्वित कर दिया।
12 होनहार बिरवान के होत चिकने पात (महान व्यक्तियों के महानता बचपन से ही दिखाई देने लगती है) कल्पना चावला का बचपन से ही आसमान कि सैर करने का सपना था। जिसे उसने सच कर दिखाया तभी तो कहा गया है, होनहार बिरवान के होत चिकने पात।
13 सुध लेना (ध्यान देना) काम पर लगे होने के बावजूद भी मां अपने बच्चों की सुध लेती रहती है।
14 ताकते रह जाना (देखते रह जाना) इतने बड़े शेर को देखकर देव ताकत ही रह गया।
15 मंत्र मुग्ध होना (मस्त हो जाना) गीत सुनकर रवि मंत्रमुग्ध हो गया।।
16 पारखी आँखों वाला (पहचानने वाला) रवि सब कुछ जानता है क्योंकि उसकी पारखी आँखें हैं ।
17 जीवन की पहली ज़रूरत (भोजन) रवि को खाते देखकर लगता है कि यही उसके जीवन की पहली जरूरत है।
18 जीवन बसर करना (जीवन चलना) गोपू उप्ले बेचकर जीवन बसर करता था ।
19 सपने दिखाना (प्रेरणा देना) अध्यापक ने सभी बच्चों को पास होने का सपना दिखाया।
20 हरी झंडी मिलना (आज्ञा मिलना) रवि को पढ़ने की हरी झंडी मिल गई।
21 घुटने टेकना (हराना) दुश्मनों ने हमारी सेना के सामने घुटने टेक दिए।
22 सिर न झुकना (हार न मानना) साहसी लोग कभी भी मुसीबतों के सामने सिर नहीं झुकाते हैं।
23 दांत खट्टे करना (हराना) हमारे सैनिकों ने शत्रुओं के दांत खट्टे कर दिए।
24 लोहा मनवाना (जय जय कार करवाना) हमारे सैनिकों अपने साहस व बल से दुनिया में लोहा मनवाया है।
25 पैरों में पर लगना (बहुत तेज चलना) हामिद इतना तेज चल रहा था मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
26 दिल बैठ जाना (घबराना) इतना बड़ा शेर देखकर देव का दिल बैठ गया।
27 राई का पर्वत बनाना (छोटी सी बात को बढ़ा चढ़ाकर कहना) राई का पर्वत बनाना हो तो कोई मोहन से सीखे।
28 थर थर कांपना (डरना) इतने बड़े शेर को देख कर देव थर थर कांपने लगा।
29 बाल भी बांका न होना (कुछ भी ना बिगड़ना) जिसके भगवान रक्षक हों उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता।
30 गले मिलना (ख़ुशी जाहिर करना) सभी ने गले मिलकर ईद की मुबारक दी ।
31 रंग जमाना (समा बांधना) रवि ने गीत गाकर रंग जमा दिया ।
32 नाम रटना (बार-बार नाम लेना) फेल होकर वह प्रभु का नाम रटने लगा ।
33 दिल कचोटना (ठेस पहुंचना) उसकी बातें सुन कर मेरा दिल कचोटने लगा।
34 देखते ही रह जाना (बार-बार देखना) इतने बड़े शेर को देखकर देव देखते ही रह गया।
35 शिलान्यास करना (नींव रखना) आज हमने नए घर का शिलान्यास किया।
36 नाकों चने चबाना (परेशान करना) हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को नाको चने चबवा दिए ।
37 खुशी में गदगद होना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव खुशी से गदगद हो गया ।
38 करारा जवाब देना (उल्टा जवाब देना) हमारे सैनिकों ने दुश्मन को करारा जवाब दिया।
39 छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) हमारे सैनिकों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए।
40 अंगूठा दिखाना (इन्कार करना) मैंने जब रवि से किताब मांगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
41 आँखों का तारा (बहुत प्यारा) राम अपने माता पिता की आँखों का तारा है।
42 चार चांद लगाना (उन्नति प्राप्त करना) सोहन ने पढ़ लिखकर अपने माता पिता के नाम को चार चांद लगा दिए।
43 मुंह उतर जाना (दु:खी) होना परीक्षा में फेल होने रवि का मुंह उतर गया।
44 एक पंथ दो काज (एक काम से दोहरा लाभ) मैं कल दिल्ली अपने मित्र की शादी में गया और पुस्तक मेला भी देख आया। इस तरह मेरे एक पंथ दो काज हो गए।
45 जान बचना (मुसीबत से बचना) कल गाड़ी से उतरते समय उसका पैर फिसल गया पर उसकी जान बच गई।
46 जाल में फंसना (चंगुल में फंसना) शत्रु हमारे सैनिकों के जाल में फंस गए ।
47 मौत दिखाई देना (मृत्यु का सामना होना) हमारी सेना के आगे दुश्मनों को मौत दिखाई देने लगी।
48 धैर्य बंधवाना (धैर्य देना ) अपने मित्र को कक्षा में फेल होने पर धैर्य बंधवाने के लिए पत्र लिखें।
49 हक्का बक्का रह जाना (हैरान होना) इतना बड़ा शेर देखकर देव हक्का-बक्का रह गया।
50 दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना (बहुत उन्नति करना) रवि ने अपनी समझदारी से हैं अपने व्यापार में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति कर ली है।
51 दिनों दिन सुखना (कमजोर होना) रवि परीक्षा की चिंता के कारण दिनों दिन सूखता जा रहा है ।
52 बाल बाल बचना (मुश्किल से बचना) कल गाड़ी से उतरते समय उसका पैर फिसल गया, लेकिन वह बाल-बाल बच गया ।
53 जान बचाना (जीवन बचाना) हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को जान बचा कर भागने दिया।
54 सिर मारना (सोच विचार करना) इस प्रश्न को हल करने के लिए दो घंटों से सिर मार रहा हूं पर समझ नहीं आ रहा।
55 अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना (अपनी ही गलती से अपना नुकसान करना) रवि ने गणित का पेपर न देकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।
56 सेहत बिगड़ना (सेहत ठीक न होना) उसके पिताजी की सेहत ठीक बिगड़ गई है ।
57 जहां चाह वहां राह (इच्छा से ही रास्ता निकलता है) कल्पना ने बचपन में ही आसमान की सैर करने का सपना देखा और पूरा कर लिया किसे कहते हैं जहां चाह वहां राह।
58 दु:ख के सागर में डूब जाना (बहुत दुखी होना) पिता की मौत की खबर सुनकर वह दु:ख के सागर में डूब गया।
59 दिलों पर राज करना (सब को अच्छा लगना) आज भी वह सभी के दिलों पर राज करती है।
60 खुशी का ठिकाना ना रहना (बहुत खुश होना) आठवीं कक्षा में पास होने पर देव की खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।
61 दिल दहला (डरा देना) इतने बड़े शेर ने देव का दिल दहला दिया।
62 बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए (बिना सोचे समझे कार्य करने पर पछताना पड़ता है) रवि ने बिना सोचे समझे राम से मित्रता की और उसी मित्र ने उसे जेल भिजवा दिया इसे कहते हैं कि बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए ।
63 खटकना (बुरा लगना) यह नाटक मेरी आंखों आंखों में खटकता है ।
64 साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार (मतलबी दुनिया) राम अपने काम से मतलब रखता है यह तो वह बात है साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार ।
65 चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात (थोड़े दिन का आनंद) जवानी का जोश अच्छा नहीं क्योंकि यह चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जैसा है।
इस पोस्ट में अभ्यास पुस्तक में से सारे मुहावरे तथा लोकोक्तियां को एकत्र करने का प्रयास किया गया है । इस प्रयास में यदि कोई कमी या टाइपिंग सम्बधित त्रुटी रह गयी हो, तो कृपया कमेंट अथवा ईमेल dkdrmn@gmail.com के माध्यम से सूचित ज़रूर करें।
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