सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOME)

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स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कई नए प्रयास किये जाते है। इन सबका उद्देश्य छात्रों में शैक्षिक गुणवत्ता का विकास और अच्छी उपलब्धि स्तर को हासिल करना  होता है। वास्तव में,  सीखना एक सतत व व्यापक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। 

सीखने की निरन्तरता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों एवं अभिभावकों को यह जानना आवश्यक है कि बच्चे ने सटीका रूप से कक्षा में क्या सीखा ? इन्हीं मानदण्डों को ‘सीखने के प्रतिफल’ (LEARNING OUTCOME)  के रूप में परिभाषित किया गया है। अर्थात् जो कुछ भी बच्चे ने सीखा है उसको जाँचने अथवा उस परिणाम को देखने के मापदण्ड को ‘अधिगम प्रतिफल’ के रूप में देखा जा सकता है।

अकसर शिक्षक पाठ्यपुस्तक को संपूर्ण पाठ्यक्रम मानकर पाठों के अत में दिए गए प्रश्‍नों के आधार पर मूल्यांकन करते हैं। पाठ्यसामग्री के संदर्भ की भिन्नताओ तथा पढ़ाने के विभिन्न सिद्धांतों को वे ध्यान में नहीं रखते। पठन सामग्री में संदर्भानुसार भिन्‍नताएँ और अपनाई गई शिक्षण तकनीक में विविधता पर सामान्‍यतया ध्‍यान नहीं जाता है, क्‍योंकि इनके आकलन की कोई कसौटी नहीं है।

प्रत्येक कक्षा के सीखने के प्रतिफल शिक्षकों को केवल शिक्षा के वांछित तरीके अपनाने में ही सहायक नहीं है। बल्‍कि अन्य साझेदारों, जैसे– संरक्षक, माता-पिता, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, समुदाय तथा राज्य स्तर के शिक्षा अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के प्रति सर्तक और ज़िम्‍मेदार भी बनाता है।

वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में विद्यार्थी और शिक्षक के अलावा माता-पिता, समुदाय के सदस्‍य और शैक्षिक प्रशासकों को भी विद्यार्थियों के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्‍चों  की सीखने संबंधी उन्‍नति पर नज़र बनाए रखने की ज़रूरत है।

सीखने की निरन्तरता को ध्‍यान में रखते हुए व्‍यवस्‍था को यह जानकारी देना कि बच्‍चे ने सटीक रूप से क्‍या सीखा, एक चनुौती भरा कार्य होता है।

राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनसुंधान और प्रशिक्षण परिषद (ए्नसीईआरटी) के द्वारा विद्यालय से संबंधित सभी हितग्राहियों को शामिल करते हुए सीखने की प्रतिफल  (Learning outcomes) को निर्धारित किया गया है ये बेंच मार्क के रूप में चिन्हित किये गए है क्योंकि इनकी प्राप्ति के बगैर छात्रों के सर्वागींण विकास की बात उचित नही है।

पंजाब शिक्षा विभाग की तरफ से पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब हिंदी टीम द्वार हिंदी शिक्षकों की सहायता के लिए ‘सीखने की प्रतिफल’  (Learning outcomes) का सरलीकरण किया गया है ।
कक्षा अनुसार लिंक्स नीचे दिए गए हैं इसके अतरिक्त अन्य जानकारी के लिए भी नीचे लिंक्स दिए गए हैं:-

सीखने की प्रतिफल (Learning outcomes) कक्षा छठी से दसवीं तक  पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब हिंदी टीम द्वार

 और अधिक जानकरी प्राप्त करने हेतु महत्वपूर्ण  लिंक्स 
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