कैरियर चुनाव में स्वमूल्यांकन
किसी भी किशोर के लिए कैरियर का चुनाव करना एक चुनौती होती है। दसवीं कक्षा में रहते या दसवीं कक्षा के तुरंत बाद कैरियर का चुनाव करना आज की माँग है। वैसे तो इससे भी पहले ही कुछ सजग विद्यार्थी यह तय कर लेते हैं कि उन्हें जीवन में किस दिशा की ओर जाना है। इसके लिए किशोर को अपना मूल्यांकन स्वयं करना होगा। सबसे पहले उसे विभिन्न तरह के कैरियर की जानकारी रखनी होगी तभी वह उनमें से अपनी क्षमता, रुचि और आर्थिक स्थिति आदि के आधार पर कैरियर का चुनाव कर सकेगा। इसके लिए समाचार पत्रों, मैगज़ीनों, रेडियो, टेलीविज़न से पढ़-सुन-देखकर अथवा कैरियर प्रदर्शनियों में जाकर अपना ज्ञान बढ़ा सकता है। उसे उन गतिविधियों की ओर ध्यान बनाए रखना होगा जिनमें वह अधिक रुचि रखता है। क्या पता कौन-सी गतिविधि उसे उसकी मंज़िल तक ले जाए। उसे अपना ध्येय, ध्येय को प्राप्त करने की योजना, समय आदि की तरफ भी बराबर देखना होगा। उसे अपनी कमजोरियों से निपटने की हर संभव कोशिश करनी होगी तथा खाली समय का सदुपयोग करना होगा । अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए, अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए उसे सही कैरियर का चुनाव करना होगा तभी वह अपने जीवन को सुखकर बना सकता है ।