पाठ 19 देश के दुश्मन (जयनाथ नलिन)
विषय बोध
1 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए :-
प्रश्न (1) सुमित्रा के पुत्र का नाम बताइए।
उत्तर: सुमित्रा के पुत्र का नाम जयदेव है।
प्रश्न (2) दो वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की ख़बर सुमित्रा कहाँ सुनती है ?
उत्तर: वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की खबर सुमित्रा माधवराम के घर रेडियो पर सुनती है।
प्रश्न (3) जयदेव वाघा बॉर्डर पर किस पद पर नियुक्त था ?
उत्तर: जयदेव वाघा बॉर्डर पर डी. एस.पी. के पद पर नियुक्त था।
प्रश्न (4) जय देव की पत्नी कौन थी ?
उत्तर: जय देव की पत्नी नीलम थी ।
प्रश्न (5) वाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले दो सरकारी अफसर कौन थे ?
उत्तर: वाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले सरकारी अफसरों में एक हेड कांस्टेबल और दूसरा सब इंस्पेक्टर था ।
प्रश्न (6) जयदेव ने तस्करों को मारकर उससे कितने लाख का सोना छीना ?
उत्तर: जयदेव ने तस्करों को मार कर उनसे पाँच लाख रुपये का सोना छीना ।
प्रश्न (7) जयदेव को स्वागत सभा में कितने रुपए इनाम में देने के लिए सोचा गया?
उत्तर: जयदेव को स्वागत सभा में दस हज़ार रुपये देने के लिए सोचा गया।
प्रश्न (8) मीना कौन थी?
उत्तर: मीना जयदेव की बहन थी।
प्रश्न (9) नीलम क्यों चाहती थी कि डी.सी. दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आएँ ?
उत्तर: जयदेव अभी वापस लौटा था और वह बहुत थका हुआ था। इसलिए नीलम चाहती थी कि वह थोड़ा आराम कर ले। उसके बाद ही डी. सी. उसे मिलने आए।
प्रश्न (10) डी. सी. आकर सुमित्रा को क्या खुशखबरी देता है?
उत्तर: डी सी आकर सुमित्रा को खुशखबरी देते हैं कि जयदेव की वीरता और साहस के सम्मान में उसे सम्मानित किया जाएगा। गवर्नर साहब की तरफ से दस हज़ार रुपये की इनाम राशि भी दी जाएगी ।
प्रश्न (11) जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में क्या घोषणा करवाना चाहता है ?
उत्तर: जयदेव इनाम में मिलने वाली राशि के विषय में यह घोषणा करना चाहता है कि उसकी इनाम राशि शहीद हुए अफसरों की विधवाओं को आधी -आधी बांट दी जाए ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में लिखिए:-
प्रश्न (1) सुमित्रा क्यों कहती है कि अब उसका ह्रदय इतना दुर्बल हो चुका है कि जरा-सी भी आशंका से काँप उठता है।
उत्तर: पति के बलिदान को तो सुमित्रा ने दिल पर पत्थर रखकर सहन कर लिया था लेकिन अब उसकी देह जर्जर हो चुकी है। उसकी हिम्मत टूट चुकी है। वह अपने इकलौते पुत्र को खोना नही चाहती। अब उसका दिल इतना दुर्बल हो चुका है कि जरा सी आशंका से भी काँप उठता है।
प्रश्न (2) नीलम जयदेव से मान-भरी मुद्रा में क्या कहती है?
उत्तर: नीलम जयदेव से मान भरी मुद्रा में कहती है ‘मेरी तो राह देखते-देखते आँखें पथरा गई हैं, पर जनाब को मेरी परवाह तक नहीं कि किसी के दिल पर क्या बीत रही है।’
प्रश्न (3) जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला ?
उत्तर: जयदेव को गुप्तचरों से समाचार मिला कि रात के अंधेरे में पुलिस पीकेट से एक डेढ मील दूर दक्षिण की तरफ से कुछ लोग बॉर्डर पार करने वाले हैं। ऐसा शक है कि वे सोना स्मगल करके ला रहे हैं।
प्रश्न (4) जयदेव ने अपनी छुट्टी कैंसिल क्यों करा दी थी ?
उत्तर: जयदेव को गुप्तचरों से समाचार मिला कि रात के अँधेरे में पुलिस पीकेट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से कुछ लोग सोना स्मगल करके बॉर्डर पार करने वाले हैं। जयदेव तस्करों को पकड़ने का यह अवसर हाथ से खोना नहीं चाहता था। इसलिए उसने अपनी छुट्टी कैंसिल करवा दी ।
प्रश्न (5) एकांकी में डी.सी. की किस संवाद से पता चलता है कि डीसी और जयदेव में घनिष्ठता थी ?
उत्तर: डी.सी. जब कहता है ,” सर वर बैठा होगा ऑफिस की कुर्सी में। खबरदार ! जो यहाँ सर सर कहा। मैं वही तुम्हारा बचपन का दोस्त और क्लासमेट हूँ जिससे बिना हाथापाई किए रोटी हजम नहीं होती थी।”
डीसी के इस संवाद से उनकी जयदेव गहरी घनिष्ठता का पता चलता है।
3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए :-
प्रश्न (1) चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में क्या बताते हैं ?
उत्तर: चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में बताते हैं कि वह भी बहुत लापरवाह है। वह भी दो-दो महीनों में चार पाँच चिट्ठी जाने के बाद ही एक आध पत्र लिखता है और उल्टे हमें ही शिक्षा देता है। वह बहुत व्यस्त रहता है। उसे समय नहीं मिलता। उसकी ड्यूटी बहुत कड़ी है। उसे बिल्कुल भी फुर्सत नहीं मिलती।
प्रश्न (2) चाचा सुमित्रा को अखबार में आई कौन सी खबर सुनाते हैं ?
उत्तर: चाचा सुमित्रा को अखबार में आई यह खबर सुनाते हैं कि अखबार में जयदेव की वीरता और सूझबूझ की खूब प्रशंसा हुई है। उसने तस्करों से बड़ी बहादुरी से मोर्चा लिया और उनको मार भगाया था। उसने चार लोगों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया और उनसे पाँच लाख रुपये का सोना छीन लिया।
प्रश्न (3) जयदेव ने तस्करों को कैसे पकड़ा ?
उत्तर: जयदेव ने तस्करों को पकड़ने का पक्का इरादा किया। जब वे आधी रात में चौकी से दो मील दूर एक खतरनाक घने ढाक के ऊबड़- खाबड़ रास्ते से बॉर्डर पार कर रहे थे, तभी उसने उन को चैलेंज किया। उन्होंने बदले में गोलियां चलाई । उनको चुनौती दी गी। तस्कर जीप लेकर भागने लगे किंतु दो तीन जीपों ने उनका पीछा किया। जयदेव ने अपने अचूक निशाने से उनकी जीप का पहिया उड़ा दिया। जीप लुढ़क कर एक गड्ढे में जा गिरी। तब उन्हें घेर कर पकड़ लिया गया।
प्रश्न (4) नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में क्या कहती है ?
उत्तर : नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में कहती है कि मर्दों का दिल तो पत्थर होता है और विशेषकर रात दिन चोर डाकुओं तथा मौत से खेलने वालों तथा गोलियों की बौछार करने वालों का। नारी का हृदय तो सदा प्रेम से भरा रहता है।
प्रश्न (5) डी.सी. को अपने मित्र जयदेव और उनके परिवार पर गर्व क्यों होता है ?
उत्तर: डीसी को अपने मित्र जय देव और और उसके परिवार पर गर्व इसलिए होता है क्योंकि जयदेव में बड़ी वीरता और साहस से तस्करों का मुकाबला करके उनसे पांच लाख का सोना पकड़ा। उसे गवर्नर की तरफ से दस हज़ार रुपये का इनाम भी दिया गया। इस राशि को जयदेव ने शहीद पुलिस अफसरों की विधवाओं को देने की घोषणा की। जयदेव की इस वीरता और त्याग की भावना के कारण डी सी को जयदेव तथा उसके परिवार पर गर्व होता है।
प्रश्न (6) पुलिस और सेना के अफसरों को या सैनिकों के घरवालों को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है ?
उत्तर: पुलिस और सेना के अफसरों या सैनिकों के घर वालों को बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने बच्चों की जान की चिंता लगी रहती है। हर समय अपने बच्चों की कुशलता की ख़बर का इंतज़ार रहता है। अपने बच्चों के लिए चिंता रहती है कि वे कब लौट कर आएंगे। उनकी चिट्ठी न आने पर मन बहुत सी आशंकाओं से घिरा रहता है।
प्रश्न 7 निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए :
बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता मांजी! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वह भी स्वर्ग में जय-जयकार करते हुए देश पर निछावर होने वालों का स्वागत करते हैं।
उत्तर: नीलम अपने पति के साहस, शौर्य एवं वीरता का ओजस्वी स्वर में वर्णन करते हुए अपनी सास से कहती है कि जीवन का बलिदान कभी भी बेकार नहीं जाता। देश के लिए किया गया बलिदान तो श्रेष्ठ होता है। ऐसे अनूठे बलिदान पर तो देवता भी पूजा सामग्री चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जय जयकार करते हुए देश पर मर मिटने वाले सैनिकों का स्वागत करते हैं। अर्थात शहीद सभी के लिए पूजनीय हैं।
(ख) बेटा यह ठीक है कि 10 हजार की रकम कम नहीं होती । लेकिन उन विधवाओं और मृतकों के परिवारों के बारे में भी तो सोचो, उनकी क्या हालत होगी?
उत्तर: जयदेव इनाम में मिले दस हज़ार रुपये शहीद सैनिकों की विधवाओं को दिए जाने की घोषणा करता है। सुमित्रा की मां डीसी को कहती है कि दस हज़ार की राशि उनके लिए भी बहुत बड़ी है। लेकिन इस राशि की मृत अफसरों के परिवारों तथा विधवाओं को ज्यादा ज़रूरत है। इससे उनकी सहायता हो जाएगी। इस कथन से जयदेव तथा उनके परिवार की त्याग की भावना का परिचय मिलता है।
(ग) पुलिस और सेना में भी थकना ! यह एक डिसक्वालीफिकेशन है !
उत्तर: इन पंक्तियों में सैनिक की वीरता और राष्ट्रभक्ति का वर्णन है। पत्नी द्वारा थकान की बात सुनकर जयदेव कहने लगा कि पुलिस और सेना में थकान की कोई गुंजाइश नहीं होती। एक सैनिक के लिए थकान एक असफलता होती है। इसलिए सेना में स्फूर्ति, साहस और शौर्य का होना आवश्यक है।
(ख) भाषा बोध
निम्नलिखित शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:-
निराशा : हताशा, आशाहीनता सभ्य : सुसंस्कृत, शालीन, शिष्ट
सूर्य : दिनकर, दिवाकर, दिनेश गौरव : अभिमान, सम्मान , महिमा
हित : भलाई, कल्याण
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:-
स्वार्थ परमार्थ रात दिन
दंड क्षमा टूटना जुड़ना
अनर्थ अर्थ हित अहित
आशीर्वाद अभिशाप आसान मुश्किल
निश्चय अनिश्चय जल्दी देरी
सभ्य असभ्य दुर्बल सबल
प्रश्न 3 निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों के दो- दो अर्थ बताइए :-
सोना: एक धातु (स्वर्ण), नींद की क्रिया, (शयन)
मुद्रा: धन( करंसी) , हावभाव
माँग : वस्तु की मांग , नारी की मांग( बालों के बीच का खाली भाग)
प्रश्न 4 निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए-
वज्रपात होना (अचानक बहुत बड़ा दुख आ पडना) पिता की मृत्यु के पश्चात मोहन पर वज्रपात हो गया।
छाती पटना (असहनीय दुख होना) बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर मां की छाती फट गयी।
बाल बाँका न होना (जरा सा भी नुकसान न होना) परमात्मा अपने भक्तों का बाल भी बांका नहीं होने देते।
दिल धक- धक करना (भयभीत होना) परिणाम आने की खबर सुनकर मेरा दिल धक-धक करने लगा।
हृदय पर पत्थर रखना (चुपचाप सहन करना) मां अपने बेटे को हृदय पर पत्थर रखकर युद्ध क्षेत्र में भेजती है।
हिम्मत टूटना (निराश होना) युद्ध में हार होती देखकर सैनिकों की हिम्मत टूट जाती है ।
आँखें पथरा जाना (इंतजार करते करते थक जाना) सीमा पर गए बेटे की प्रतीक्षा करते करते माता-पिता की आँखें पथरा गयी।