कक्षा–छठी, पाठ–5 ईमानदार शंकर
अभ्यास हल सहित
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:-
ਸ਼ੰਕਰ = शंकर ਸੁਭਾਅ = स्वभाव ਪਿਆਰ = प्यार
ਮਾਰਗ = मार्ग ਮਿਹਨਤ = मेहनत ਕੰਮ= काम
ਹਲਵਾਈ = हलवाई ਗਰਮੀ= गर्मी ਅਨੰਦ = आनंद
ਚਲਦੇ-ਚਲਦੇ = चलते-चलते ਪੰਜ= पाँच ਤਿਆਰ = तैयार
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़े और हिंदी शब्दों को लिखें:-
ਮਿਹਨਤ = श्रम ਖੁਸ਼ = प्रसन्न
ਦਾਖਲ = प्रवेश ਰੋਸ਼ਨੀ = उजाला
3. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें:-
(क) कहानी में ईमानदार बालक का क्या नाम है?
उत्तर- कहानी में ईमानदार बालक का नाम शंकर है।
(ख) शंकर का कैसा स्वभाव था?
उत्तर- कड़ी मेहनत करना शंकर का स्वभाव था।
(ग) शंकर धन कमाने के लिए गाँव से कहां गया?
उत्तर- शंकर धन कमाने के लिए गाँव से नगर की ओर गया।
(घ) शंकर को दुकान के आगे से क्या मिला?
उत्तर- शंकर को दुकान के आगे से पाँच रूपये का नोट मिला।
(ङ) लेखक ने कहानी में सुख की कहानी किसे कहा है?
उत्तर -लेखक ने कहानी में सुख की खान ईमानदारI को कहा है।
4.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में दें:-
(क) शंकर ने हलवाई को पाँच का नोट क्यों दे दिया?
उत्तर- क्योंकि शंकर एक ईमानदार बालक था। इसलिए जब उसे हलवाई की दुकान के बाहर पाँच रूपये का नोट मिला था। उसने सोचा कि यह नोट उस हलवाई का ही होगा, इसीलिए शंकर ने हलवाई को पाँच रूपये का नोट दे दिया।
(ख) हलवाई ने शंकर को नौकरी क्यों दे दी?
उत्तर- शंकर की ईमानदारी पर हलवाई बड़ा प्रसन्न हुआ। वह उसे एक मेहनती बालक लगा। ईमानदारी तो वह पहले ही पाँच रूपये का नोट देकर सिद्ध कर चुका था, इसलिए दुकानदार ने उसे अपनी दुकान पर काम पर रख लिया।
5.रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य दोबारा लिखें:-
उसने सोचा रात पानी पीकर ही बिता दूँगा।
उत्तर- उन्होंने सोचा रात पानी पीकर ही बिता देंगे।
वह पैदल चलते चलते थक गया था।
उत्तर- वे पैदल चलते चलते थक गये थे।
उसने अपनी दुकान खोली।
उत्तर- उन्होंने अपनी दुकानें खोलीं।
अब वह उस हलवाई की राह देखने लगा।
उत्तर- अब वे उन हलवाइयों की की राह देखने लगे।
वह बहुत ईमानदार था।
उत्तर- वे बहुत ईमानदार थे।
वह थका हुआ भी था।
उत्तर- वे थके हुए भी थे।
हलवाई की दुकान के आगे तख़्ता लगा दिखाई दिया।
उत्तर- हलवाइयों की दुकानों के आगे तख़्ते लगे दिखाई दिये।
6.नीचे ‘मार्ग’ शब्द का समान अर्थ वाला शब्द दिया गया है इसी तरह बाकी शब्दों के भी समान अर्थ वाले शब्द लिखें-
मार्ग = राह आराम = विश्राम
ईमानदार = विश्वसनीय वृक्ष = पेड़
मेहनत = परिश्रम प्रसन्न = खुश
बेटा = सुत बालक = बच्चा
7. निम्नलिखित शब्दों को ध्यान से देखो। बच्चों आपके आपको इनके भीतर ही कम से कम दो और शब्द बने मिलेंगे। ढूँढ़िए और लिखिए:-
मूल शब्द शब्द में छिपे शब्द
कमाना कम, कमान, मान, माना
आराम आरा, राम, मरा, आम
हलवाई हवा, वाह, हलवा, हल
ईमानदारी मान, नाम, नर, नारी
समान मान, नाम, समा, सम
8. मिलान करो –
शंकर उसे बहुत प्यार करते थे ।
गाँव वाले भीख माँगना बुरा काम समझता था।
शंकर की ईमानदारी प्रसन्न दिख रहा था।
वह हलवाई बड़ा प्रसन्न हुआ।
9.पहले शब्द से आरंभ करते हुए प्रत्येक शब्द के अंतिम अक्षर से नया व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द बनाएं-
उत्तर –राम, मोहन, निशा, शालू, लीजा, जानवी, वीरा, रेशम, महक, कशिश
10. दिए गए बॉक्स में से विपरीत शब्द चुनकर लिखें।
गुण = अवगुण प्रवेश = प्रस्थान
प्रसन्न =उदास पहले =पश्चात
सुख = दु:ख एक = अनेक
सच = झूठ गाँव = शहर
11. सोचिए और लिखिए-
(i) यदि आप शंकर की जगह होते तो क्या आप भी शंकर की तरह ही रुपए हलवाई को दे देते?
उत्तर– हाँ, यदि मैं भी शंकर की जगह होता तो मैं भी हलवाई को उसके रुपए दे देता। क्योंकि हमें ईमानदार बनना चाहिए। हमें किसी के रुपए धोखे से नहीं रखनी चाहिए।
(ii) यदि आपके जीवन में कोई ईमानदारी की घटना घटी तो उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर– हाँ, एक बार में सड़क पर जा रहा था एक आदमी का पार्सल सड़क पर गिर गया। मैंने उसे उठाकर पर्स दे दिया तो वह बहुत खुश हुआ। क्योंकि उसमें उसके जरूरी कागज़ थे।
तैयार कर्ता – सोनिया बंसल, हिंदी अध्यापिका, सरकारी हाई स्कूल, बुर्ज लध्धा सिंह वाला
पाठ 4. इन्द्रधनुष
पाठ 5 ईमानदार शंकर
पाठ 6. मैं और मेरी सवारी
पाठ 7 सूरज (कविता)
पाठ 8 प्रायश्चित