भारत पूरे विश्व में अहिंसा, शांति और सद्भावना के लिए जाना जाता है। किंतु कन्या भ्रूण हत्या जैसे अनैतिक कार्य से इस देश की महानता खंडित हुई है। विज्ञान की अल्ट्रासाउंड तकनीक से जन्म से पूर्व ही भ्रूण लिंग की जानकारी मिल जाती है। लेकिन इस तकनीक ने कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा दिया है। खेद की बात तो यह है कि अशिक्षित व गरीब लोगों के साथ-साथ शिक्षित व सम्पन्न वर्ग भी इस कुकृत्य में लगा हुआ है। आज भी अधिकांश लोग कन्या के जन्म पर शोक मनाते हैं या उसकी जन्म से संतुष्ट नहीं होते हैं । एक तरफ तो लोग नवरात्रों में बालिकाओं का पूजन करते हैं और दूसरी ओर कन्या भ्रूण हत्या को अंजाम देते हैं। लोगों को यही लगता है कि पुत्र ही वंश को आगे बढ़ाता है और बुढ़ापे का सहारा है । जबकि सच यह है कि लड़की शादी के बाद दोनों कुलों को रोशन करती है। भ्रूण हत्या अनैतिक ही नहीं अपितु एक अपराध भी है । इस अपराध से निपटने के लिए सरकार ने सख्त कानून भी बनाए हैं। लेकिन कानून बना देना ही समस्या का समाधान नहीं है। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी ताकि कन्या भ्रूण जैसे अपराध को रोका जा सके ।