जनसंचार के माध्यम
प्रत्यक्ष रूप से अपनी बात दूसरों को कहने की अपेक्षा समाज के हर वर्ग के साथ संवाद स्थापित करना जन सम्पर्क या जनसंचार कहलाता है। प्राचीन समय में विचारों, सूचनाओं व आदेशों को शिलालेख, भोजपत्र, मुनादी आदि के द्वारा लोगों तक पहुँचाया जाता था। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी संदेश पहुँचाया जाता रहा है। समय के साथ-साथ तकनीकी विकास होने पर संचार के साधन भी आधुनिक हो गए हैं। आज समाचार पत्र, मैगज़ीनें, रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा, इंटरनेट तथा मोबाइल जनसंचार के सशक्त माध्यम हैं। इनका शिक्षा, कला, व्यवसाय, मनोरंजन, व्यापार, राजनीति आदि क्षेत्रों में अद्भुत योगदान है। समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से युवा वर्ग, पर तो इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। उसके रहन-सहन, बोलचाल, वेशभूषा तथा व्यवहार आदि पर भी गहरा असर पड़ा है। किंतु समाज पर इनकी अधिकता व नई-नई तकनीकों के कारण मानव की मानसिक शाँति को भी भंग किया है । इसके अतिरिक्त ड्रग्स, हिंसा, हत्याएँ व साइबर क्राइम भी बढ़ रहे हैं। अब समाज को तय करना है कि वह इनका सदुपयोग करेगा अथवा दुरुपयोग करेगा।