10th Hindi Package 1 (2024-25)
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प्रिय हिंदी अध्यापक साथियो, आपके साथ व सहयोग के लिए बहुत बहुत आभार, आप सभी की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए मैंने 4 पैकेज तैयार किए हैं। ये चारों पैकेज बड़ी ही मेहनत से तैयार किए गए हैं। इन की पीडीऍफ़ फाइल आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ। इन सभी पैकेजस के लिंक आपके मेरी वेबसाइट https://hindipunjab.com पर भी मिल जाएँगे। उनके लिंक ऊपर दिए गए हैं। मैं आशा करता हूँ कि मेरा यह प्रयास आपके छात्रों के अच्छे अंक प्राप्त करने में सार्थक सिद्ध होगा.. धन्यवाद ..
दीपक तनेजा
मत + अनुसार = मतानुसार रवि + इन्द्र = रवीन्द्र परम + अणु = परमाणु
अति + इव = अतीव छात्र + आवास = छात्रावास प्रति + ईक्षा = प्रतीक्षा
परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी नारी + इच्छा = नारीच्छा चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय
रजनी + ईश = रजनीश गुरु + उपदेश = गुरूपदेश वधू + उत्सव = वधूत्सव
सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि सरयू + ऊर्मि = सरयूर्मि सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र
जल + ऊर्मि = जलोरि वीर + इन्द्र = वीरेन्द्र महा + उत्सव = महोत्सव
नर + ईश = नरेश गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि यंथा + इष्ट = यथेष्ट
बसन्त + ऋतु = बसरन्त्तु रमा + ईश = रमेशं देव + ऋषि = देवर्षि
वीर + उचित = वीरोचित सप्त + ऋषि = सप्तर्षि सर्व + उदय. = सर्वोदय
महा + ऋषि = महर्षि मत + ऐक्य = मतैक्य दन्त + ओष्ठ = दन्तौष्ठ
लोक + एषंणा = लोकैषणा अधर + ओष्ठ = अधरौष्ठ परम + ऐश्वर्य = परमैश्वर्य
महा + ओज = महौज तथा + एव = तथैव परम + औषध = परमौषध
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य महा + औषध = महौषध अति + आचार = अत्याचार
सु + आगत = स्वागत अति + अधिक = अत्यधिक सु + अल्प = स्वल्प
अभि + आगत = अभ्यागत गुरु + आज्ञा = गुवज्शि प्रति + एक = प्रत्येक
अनु + इति = अन्विति प्रति + उत्तर = प्रत्युत्तर अनु + एषण = अन्वेषण
पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा पितृ + अर्पण = पित्रर्पण मातृ + अनुमति = मात्रनुमति
पितृ + उपदेश =पित्रुपदेश पितृ + आदेश = पित्रादेश मातृ + ईश = मात्रीश
ने + अन = नयन नै + इका = नायिक चे + अन = चयन
नै + अक = नायक शे + अन = शयनं मै + इकां = गायिका
पथो + इत्र = पवित्र गे + अने = गायन पो + अन = पवन
नौ + इक = नाविक भो + अन = भवन पौ + अन = पावन
हो + अन = हवन पौ + अक = पावक भो + इष्य = भविष्य
भो + उक = भावुक For More PSEB study material Visit: – https://hindipunjab.com
विग्रह समस्तपद विग्रह समस्तपद
राजा का कुमार राजकुमार गौ के लिए शाला गौशाला
सेना कां पति सेनापति युद्ध के लिए भूमि युद्धभूमि
देश के लिए भक्ति देश भक्ति सेना का नायक सेना नायक
सुख को प्राप्त सुख प्राप्त यश को प्राप्त यश प्राप्त
परलोक को गमन परलोक गमन वन को गमन वन गमन
गगन को चूमने वाला गगनचुंबी माखन को चुराने वाला माखनचोर
शाप से ग्रस्त शापग्रस्त तुलसी द्वारा कृत तुलसीकृत
हस्तलिखित हस्त से लिखित रस से भरी रसभरी
रेखांकित रेखा से अंकित अकाल से पीड़ित अकाल पीड़ित
सत्य के लिए आग्रह सत्याग्रह धर्म के लिए शाला धर्मशाला
हवन के लिए सामग्री हवन सामग्री राह के लिए खर्च राहख़र्च
सत्य के लिए आग्रह सत्याग्रह हाथ के लिए कड़ी हथकड़ी
मार्ग से भ्रष्ट मार्गभ्रष्ट विद्या से विहीन विद्याविहीन
धर्म से पतित धर्मपतित ऋण से मुक्त ऋणमुक्त
धन से हीन धनहीन देश से निकाला देश निकाला
गंगा का जल गंगाजल दीनों के नाथ दीनानाथ
देश का वासी देशवासी घोड़ों की दौड़ घुड़दौड़
अमृत की धारा अमृतधारा राष्ट्र का पति राष्ट्रपति
वन में वास वनवास गृह में प्रवेश गृह-प्रवेश
ध्यान में मग्न ध्यान मग्न आप पर बीती आप बीती
दान में वीर दानवीर कार्य में कुशल कार्यकुशल
दुख को प्राप्त दुख प्राप्त शोक से आकुल शोकाकुल
सब को खाने वाला सर्वभक्षी युद्ध के लिए भूमि युद्धभूमि
रहीम द्वारा कृत रहीमकृत पथ से भ्रष्ट पथश्रष्ट
यज्ञ के लिए शाला यज्ञशाला भू का दान भूदान
धर्म से विमुख धर्मविमुख कर्म में वीर कर्मवीर
राजा की सभा राजसभा ग्राम में वास ग्रामवास
वायु में चलने वाला यान वायुयान परमवीर को मिलने वाला चक्र परमवीर चक्र
माल ढोने बाली गाड़ी मालगाड़ी बैलों के द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी बैलगाड़ी
अश्रु लाने वाली गैस अश्रगैस मधु इक्ट्ठा करने वाली मक्खी मधुमक्खीं
काली है जो मिर्च काली मिर्च कमल के समान चरण चरण कमल
महान है जो देव महादेव नीली है जो गाय नीलगाय
परम है जो आनंद परमनंद घन के समान श्याम घनश्याम
कनक के समान लता कनकलता चन्द्र के समान मुख चन्द्रमुख
नर है जो सिंह के समान नर सिंह मुख है जो चन्द्र के समान मुखचन्द्र
भला है जो मानस भलामानस ग्रन्थ है जो रत्न के समान ग्रन्थरत्न
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विग्रह समास समास विग्रह
मन से गढ़ंत मनगढ़ंत बाढ़-पीड़ित बाढ़ से पीड़ित
जेब के लिए खर्च जेबखर्च युद्ध-अभ्यास युद्ध के लिए अभ्यास
धर्म से भ्रष्ट धर्मश्रष्ट भुखमरा भूख से मरा
कर्तव्य में निष्ठा कर्त्तव्यनिष्ठा जन्मरोगी जन्म से रोगी
देश के लिए प्रेम देश प्रेम भारतरत्न भारत का रल
लाखों का पति लखपति राजकुमारी राजा की कुमारी
आराम के लिए कुर्सी आरामकुर्सी आँखों-देखी आँखों से देखी
सबको प्रिय सर्वप्रिय मृत्यु-दंड मृत्यु का दंड
परीक्षा के लिए केन्द्र परीक्षाकेन्द्र नगरवास नगर में वास
पाप से मुक्ति पापमुक्त पैदलपथ पैदल चलने के लिए पथ
बूढ़ा बुढ़ापा आदमी आदमियत इन्सान इन्सानियत
चोर चोरी ठग ठगी कारीगर कारीगरी
मनुष्य मनुष्यता मित्र मित्रता शिशु शिशुता
पशु पशुता प्रभु प्रभुता वीर वीरता
क्षत्रिय क्षत्रियत्व नारी नारीत्व गुरु गुरुत्व
व्यक्ति व्यक्तित्व प्रभु प्रभुत्व स्त्री स्त्रीत्व
धिक् धिक्कार पंडित पांडित्य कुमार कौमार्य
अहं अहंकार मम ममता स्व स्वत्व
निज निजत्व अपना अपनत्व अच्छा अच्छाई
गहरा गहराई भला भलाई ऊँचा ऊँचाई
मोटा मोटापा मीठा मिठास खट्टा खटास
कड़वा कड़वाहट चिकना चिकनाहट काला कालिमा
नीला नीलिम महा महिमा ईमानदार ईमानदारी
चालाक चलाकी गरीब गरीबी आजाद आजादी
लाल लाली सफ़ेद सफेदी सुन्दर सुन्दरता
निर्धन निर्धनता मूर्ख मूर्खता सरल सरलता
सज्जन सज्जनता विद्वान विद्ववता मधुर मधुरता
चतुर चतुरता लिखना लिखाई पढ़ना पढ़ाई
उतरना उतराई घिसना घिसाई बुनना बुनाई
चढ़ना चढ़ाई लड़ना लड़ाई चुनना चुनाव
लगना लगाव बहना बहाव पहनना पहनावा
बचना बचाव गिरना गिरावट थकना थकावट
सजाना सजावट घबराना घबराहट मुस्कराना मुस्कराहट
जलना जलन मिलना मिलन पालना पालन
उलझना उलझन खेलना खेल भूलना भूल
माँगना माँग ढूँढ़ना दूँढ़ काटना काट
खोजना खोज नापना नाप दौड़ना दौड़
दूर दूरी ऊपर ऊपरी निकट निकटता
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मित्र मित्रता नमक नमकीन युवक यौवन
नारी नारीत्व आलसी आलस्य संतुष्ट संतुष्टी
राष्ट्रीय राष्ट्रीयता लिखना लिखावट बच्चा बचपन
शिक्षक शिक्षा माता मातृत्व हँसना हँसी
सफेद सफेदी अरुण अरुणिमा दीन दीनता
चिकित्सक चिकित्सा पराया परायापन भक्त भक्ति
ईमानदार ईमानदारी कमाना कमाई पूजना पूजन
समीप समीपता सुंदर सुंदरता बंधु बंधुत्व
फिसलना फिसलन गिरना गिरावट शुद्ध शुद्धता
मानव मानवता बनाना बनावट खोजना खोज
1. अग्नि – आग, अनल, ज्वाला 2. अध्यापक – गुरु, आचार्य, शिक्षक
3. अनुपम – अतुल, अतुल्य, अनोखा, निराला 4. आँख – नेत्र, नयन, लोचने, विलोचन
5. आकाश – आंसमान, गगन, नभ, अबंर 6. इच्छा – चाह, अभिलाषा, लालसा, आशा, अकांक्षा
7. ईश्वर – ईश, भगवान, परमात्मा, प्रभु 8. उद्यान – बाग, बगीचा, उपवन, वाटिका
9. कमल – जलज, नीरज, संरोज, पंकज 10. कृष्ण – गोविंदा, गोपाल, नंदलाल
11. गंगा – देव सरिता, सुर सरिता, भागीरथी, देवनदी 12. घर – आवास, धाम, निकेतन थे
13. चंद्रमा – चंद, चन्द्र, चाँद, शशि 14. जंगल – वन, विपिन, अरण्य
15. जल – पानी, नीर, वारि, पय 16. जीभ – जिहवा, रमना, जुबान
17. झंडा – ध्वज, ध्वजा, पताका 18. तलवार – खड्ग, शमशेर, शमशीर
19. तालाब – सर, सरोवर, ताल, जलाशय 20. दर्पण – शीशा, आइना, मुकुर
21. दिन – दिवस, वासर, वार, रोज़ 22. दुःख – कष्ट, शोक, वेदना, पीड़ा
23. नदी – नद, सरिता, तटी 24. नवीन – नव, नवल, नया, नूतन
25. निपुण – चतुर, प्रवीण, कुशल 26. नौका – नाव, नैया, तरी, तरणी
27. पक्षी – खग, विहग, पंछी, परिंदा 28. पहाड़ – पर्वत, भूधर, भूमिधर
29. पवन – हवा, वायु, अनिल, समीर 30. पुत्र – तनय, तनुज, बेटा, सुत
31. पुत्री – बेटी, सुता, तनया, तनुजा 32. पृथ्वी – भू, भूमि, धरती, अचला
33. प्रेम – प्यार, अनुराग, प्रीति 34. फूल – पुष्प, कुसुम, सुमन
35. बादल – जलद, नीरद, मेघ 36. माता – माँ, जननी, मैया, मातृ, अंबा
37. रात – रजनी, निशा, रात्रि, यामिनी 38. राजा – भूप, भूपति, महीप, नरेश दर
39. शत्रु – वैरी, दुश्मन, अरि 40. समुद्र – सागर, जलघि, नीरधि
41. सरस्वती – गिरा, शारदा, भारती, कमला 42. सूर्य – सूरज, रवि, दिनकर, दिवाकर, भास्कर
43. सोना – सुवर्ण, स्वर्ण, कन्क, कंचन 44. स्त्री – नारी, औरत, महिला
45. हाथ – कर, पाणि, हस्त
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए
1. अंधेरा – तम, तमस, तिमिर 2. अहंकार – गर्व,घमंड, अभिमान॑
3. आनन्द – हर्ष, प्रसन्नता, उल्लास 4. उन्नति – उत्थान, उत्कर्ष, वृद्धि, उदय
5. किसान – कृषक, हलवाहा, कृषिजीवी, खेतिहर 6. गहना – आभूषण, जेवर, भूषण, अलंकार
7. चालाक – सयाना, कुशल, योग्य, होशियार 8. नौकर – दास, सेवक, अनुचर
9. दोस्त – मित्र, सखा, मीत 10. खजाना – संपत्ति, दौलत, लक्ष्मी
11. सागर – सिंधु, जलघि, सागर 12. सुबह – सवेरा, प्रातः, भोर
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दें
पाठ 1 तुलसीदास (दोहावली) (कक्षा दसवीं)
1) तुलसीदास जी के अनुसार भगवान राम जी के निर्मल यश का गान करने से कौन-कौन से चार फल प्राप्त होते हैं?
उत्तर- धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष
2) मन के भीतर और बाहर उजाला करने के लिए तुलसी कौन सा दीपक हृदय में रखने की बात करते हैं?
उत्तर- राम-नाम रूपी मणियों का दीपक
3) संत किस की भाति नीर-क्षीर विवेक करते है?
उत्तर- हंस की भांति
4) तुलसीदास के अनुसार भवसागर को कैसे पार किया जा सकता है?
उत्तर- भगवान राम जी से सच्चा प्रेम करके
5) रामभक्ति के लिए गोस्वामी तुलसीदास किसकी आवश्यकता बतलाते हैं?
उत्तर- सच्चे और अटूट विश्वास की ।
पाठ 2 मीराबाई (पदावली) (कक्षा दसवीं)
प्रश्न (1) श्री कृष्ण ने कौन सा पर्वत धारण किया था?
उत्तर- गोवर्धन पर्वत
प्रश्न (2) मीरा किसे अपने नयनों में बसाना चाहती है?
उत्तर- श्री कृष्ण को
प्रश्न (3) श्री कृष्ण ने किस प्रकार का मुकुट और कुण्डल धारण किए हैं?
उत्तर- श्री कृष्ण ने मोर के पंखों का बना मुकुट व मकर की आकृति का कुण्डल धारण किया है।
प्रश्न (4) मीरा किसे देखकर प्रसन्न हुई और किसे देख कर दुखी हुई ?
उत्तर- मीरा भक्तों को देखकर प्रसन्न हुई और संसार का झमेला देख दुखी हुई।
प्रश्न (5) संतों की संगति में रहकर मीरा ने क्या छोड़ दिया?
उत्तर- लोक-लाज को
प्रश्न (6) मीरा अपने आँसुओं के जल से किस बेल को सींच रही थी?
उत्तर- आँसुओं के जल से ।
प्रश्न (7) पदावली के दूसरे पद में मीराबाई गिरिधर से क्या चाहती है?
उत्तर- इस संसार रुपी सागर से उसका उद्धार किया जाए।
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पाठ 3 नीति के दोहे (कक्षा दसवीं)
प्रश्न 1. रहीम जी के अनुसार सच्चे मित्र की क्या पहचान है?
उत्तर- जो विपत्ति में साथ देता है।
प्रश्न 2. ज्ञानी व्यक्ति सम्पत्ति का संचय किस लिए करते हैं?
उत्तर- परमार्थ अर्थात् दूसरों की भलाई के लिए करते हैं।
प्रश्न 3. बिहारी जी के अनुसार किसका साथ शोभा देता है?
उत्तर- एक जैसे स्वभाव वाले लोगों का।
प्रश्न 4. बिहारी जी ने मानव को आशावादी होने का क्या संदेश दिया है?
उत्तर- अच्छे दिनों के लिए आशावादी होना का।
प्रश्न 5. छल और कपट का व्यवहार बार-बार नहीं चल सकता-इसके लिए वृन्द जी ने क्या उदाहरण दिया है ?
उत्तर- काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ सकती।
प्रश्न 6. निरन्तर अभ्यास से व्यक्ति कैसे योग्य बन जाता है? वृन्द जी ने इसके लिए क्या उदाहरण दिया है?
उत्तर- बार-बार अभ्यास करने से।
प्रश्न 7. शत्रु को कमज़ोर या छोटा क्यों नहीं समझना चाहिए?
उत्तर- वह हमारी बड़ी हानि कर सकता है।
प्रश्न 1. प्रस्तुत गीत में उर्मिला किसकी प्रशंसा कर रही है?
उत्तर– किसानों की।
प्रश्न 2.किसान संसार को समृद्ध कैसे बनाते हैं?
उत्तर– किसान अन्न पैदा करके।
प्रश्न 3.किसान किस प्रकार परिश्रम रूपी समुद्र को धीरज से तैरकर पार करते हैं?
उत्तर– परिश्रम और धैर्य से ।
प्रश्न 4.किसान का अपने पर गर्व करना कैसे उचित है ?
उत्तर– वह अन्नदाता होता है।
प्रश्न 5.किसान व्यर्थ के वाद विवाद को छोड़कर किस धर्म का पालन करते हैं?
उत्तर– मूल धर्म का।
प्रश्न 1. पक्षी प्रातः उठकर क्या गाता है?
उत्तर- सुख एवं समृद्ध जीवन की कामना के गीत।
प्रश्न 2. तारों की पंक्तियों की आँखों का अनुभव क्या है?
उत्तर- दुख और आँसू ।
प्रश्न 3. फूल हमें क्या सन्देश देते हैं?
उत्तर- मुस्कराने ।
प्रश्न 4. लहरें किस उमंग में आगे बढ़ती जाती हैं?
उत्तर- किनारे से मिलने की आस में।
प्रश्न 5. बुलबुला विलीन होकर क्या पा जाता है?
उत्तर- जीवन के अंतिम लक्ष्य को।
प्रश्न 1. एक दिन तने ने जड़ को क्या कहा ?
उत्तर- कि वो तो निर्जीव है।
प्रश्न 2. पत्तियाँ डाल की किस कमी की ओर संकेत करती हैं ?
उत्तर- इस ध्वनि प्रधान दुनिया में कभी एक शब्द भी नहीं बोल पाईं।
प्रश्न 3. फूलों ने पत्तियों की चंचलता का आधार क्या बताया ?
उत्तर- डाली को।
पाठ 7 कहानी ममता (कक्षा दसवीं)
प्रश्न 1. ममता कौन थी ?
उत्तर- ममता रोहतास दुर्गपति के मन्त्री चूड़ामणि की इकलौती पुत्री थी।
प्रश्न 2. मंत्री चूड़ामणि को किसकी चिंता थी ?
उत्तर- अपनी बेटी की।
प्रश्न 3. मंत्री चूडामणि ने अपनी विधवा पुत्री ममता को उपहार में क्या देना चाहा ?
उत्तर- सोने-चाँदी के आभूषण।
प्रश्न 4. डोलियों में छिपाकर दुर्ग के अंदर कौन आए ?
उत्तर- स्त्रीवेश में शेरशाह के सिपाही ।
प्रश्न 5. ममता रोहतास दुर्ग छोड़कर कहाँ रहने लगी ?
उत्तर- काशी के निकट बौद्ध विहार के खंडहरों में झोपड़ी बनाकर रहने लगी।
प्रश्न 6. ममता से झोपड़ी में किसने आश्रय माँगा ?
उत्तर- मुगल बादशाह हुमायूँ ने आश्रय माँगा था।
प्रश्न 7. ममता पथिक को झोंपड़ी में स्थान देकर स्वयं कहाँ चली गई ?
उत्तर- ममता स्वयं खंडहरों में चली गई।
प्रश्न 8. चौसा युद्ध किन-किन के मध्य हुआ ?
उत्तर- चौसा युद्ध मुगल बादशाह हुमायूँ और शेरशाह सूरी के मध्य हुआ।
प्रश्न 9. विश्राम के बाद जाते हुए पथिक ने मिरजा को क्या आदेश दिया ?
उत्तर- झोपड़ी की जगह घर बनवाने का।
प्रश्न 10. ममता की जीर्ण-कंकाल अवस्था में उसकी सेवा कौन कर रही थीं ?
उत्तर- ममता की जीर्ण-कंकाल अवस्था में उसकी सेवा पास के गाँव की कुछ औरतें कर रही थीं।
प्रश्न 1 बूढ़े मनोहर सिंह का नीम का पेड़ किस के पास गिरवी था ?
उत्तर ठाकुर शिवपाल सिंह के पास।
प्रश्न 2 ठाकुर शिवपाल सिंह रुपए न पाए जाने पर किस बात की धमकी देता है ?
उत्तर पेड़ काटने की ।
प्रश्न 3 मनोहर सिंह ने रुपए लौटाने की मोहलत कब तक की माँगी थी?
उत्तर एक सप्ताह तक ।
प्रश्न 4 नीम का वृक्ष किसका लगाया हुआ था ?
उत्तर मनोहर सिंह के पिता के द्वारा।
प्रश्न 5 तेजा सिंह कौन था? For More PSEB study material Visit: – https://hindipunjab.com
उत्तर प्रतिष्ठित किसान का 15 – 16 साल का बेटा ।
प्रश्न 6 ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज अदा हो जाने के बाद मनोहर सिंह ने अपने नीम के पेड़ के विषय में क्या निर्णय लिया?
उत्तर अपना नीम का पेड़ तेजा सिंह को देने का निर्णय लिया।
प्रश्न 1. छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के क्या नाम थे ?
उत्तर नाम अरुणा और चित्रा ।
प्रश्न 2. चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणा को क्यों जगाती है ?
उत्तर चित्र दिखाने के लिए।
प्रश्न 5 चित्रा के पिताजी ने पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर पढ़ाई खत्म हो जाने पर वह विदेश जा सकती है।
प्रश्न 6. अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता करके स्वयंसेवकों के दल के साथ कितने दिनों बाद लौटी?
उत्तर पन्द्रह दिनों बाद लौटी।
प्रश्न 7 विदेश में चित्रा के किस चित्र ने धूम मचाई थी ?
उत्तर दो अनाथ बच्चों के चित्र ने ।
प्रश्न (1) महेश कितने साल का था ?
उत्तर महेश 6 साल का था।
प्रश्न (2) महेश कहाँ दाखिल था?
उत्तर महेश अस्पताल में दाखिल था।
प्रश्न (3) अस्पताल में मुलाकातियों से मिलने का समय क्या था?
उत्तर शाम चार से छ बजे तक का था ।
प्रश्न (4) वार्ड में कुल कितने बच्चे थे?
उत्तर वार्ड में कुल 12 बच्चे थे।
प्रश्न (5) सात बजे सी कौन सी दो नर्सें से वार्ड में आई ?
उत्तर मरींड़ा और मांजरेकर।
प्रश्न (6) महेश किस सिस्टर से घुल-मिल गया था?
उत्तर सिस्टर सूसान से ।
प्रश्न (7) महेश को अस्पताल से कितने दिन बाद छुट्टी मिली?
उत्तर तेरह दिन बाद ।
प्रश्न (1) बुजुर्ग बसंती कहाँ रह रही थी?
उत्तर अपने पुश्तैनी मकान में।
प्रश्न (2) बुजुर्ग बसंती को किस का पत्र मिला?
उत्तर अपने पुत्र का ।
प्रश्न (3) बसंती की पड़ोसन कौन थी ?
उत्तर रेशमा । For More PSEB study material Visit: – https://hindipunjab.com
प्रश्न (4) बसंती बेटे के साथ कहाँ आई थी ?
उत्तर बसंती बेटे के साथ नगर में उसके घर आई थी।
प्रश्न 5.कोठी में कितने कमरे थे?
उत्तर कोठी में तीन बैडरूम, एक ड्राईंग रूम और नौकरों के कमरे थे।
प्रश्न (6) नौकर ने बसंती का सामान कहाँ रखा था?
उत्तर बरामदे के साथ वाले कमरे में रखा था।
प्रश्न (1) दिवाकर की नए स्कूल में किसने मदद की ?
उत्तर उसकी अध्यापिका मैडम नीरू ।
प्रश्न (2) स्कूल बस पर छात्र-छात्राएँ कहाँ जा रहे थे?
उत्तर शैक्षिक भ्रमण के लिए जा रहे थे ।
प्रश्न (3) छात्राएँ बस में क्या कर रही थी?
उत्तर अंताक्षरी खेल रही थी।
प्रश्न (6) कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राएँ क्या देखकर डर गए?
उत्तर साँप को देखकर ।
उपदेश उपदेशक उपकार उपकारक नाम नामक
लेख लेखक अंग आंगिक अर्थ आर्थिक.
कल्पना काल्पनिक चरित्र चारित्रिक परिवार पारिवारिक
वर्ष वार्षिक दर्शन दार्शनिक धर्म धार्मिक
प्रकृति प्राकृतिक संसार सांसारिक समाज सामाजिक
संस्कृत सांस्कृतिक इच्छा ऐच्छिक नीति नैतिक
इतिहास ऐतिहासिक दिन दैनिक विज्ञान वैज्ञानिक
विवाह वैवाहिक देह दैहिक उपचार औपचारिक
उद्योग औद्योगिक पुष्टि पौष्टिक भूगोल भौगोलिक
मुख मौखिक अंक अंकित अंकुर अंकुरित
अपमान अपमानित अपेक्षा अपेक्षित उपेक्षा उपेक्षित
घृणा घृणित चित्र चित्रित प्रस्ताव प्रस्तावित
मोह मोहित चिन्ता चिन्तित पीड़ा पीड़ित
मूर्च्छा मूर्छित पराजय पराजित विजय विजित
संचय संचित क्षेत्र क्षेत्रीय दर्शन दर्शनीय
नाटक नाटकीय पर्वत पर्वतीय पुस्तक पुस्तकीय
भारत भारतीय मानव मानवीय स्थान स्थानीय
क्षमा क्षम्य पाठ पाठ्य पूजा पूज्य
मान मान्य वन वन्य योग यौगिक
सभा सभ्य अज्ञान आज्ञानी अनुभव अनुभवी
उपयोग उपयोगी क्रोध क्रोधी जंगल जंगली
अन्याय अन्यायी प्रेम प्रेमी पश्चिम पश्चिमी
दुःख दुखी शहर शहरी खर्च खर्चीला
चमक चमकौला ज़हर ज़्हरीला जोश जोशीला
बर्फ बर्फीला रंग रंगीला बुद्धी बुद्धीमान
शक्ति शक्तिमान श्री श्रीमान प्रकाश प्रकाशमान
गुण गुणवान धन धनवान नाश नाशवान
रूप रूपवान ओजसू् ओजस्वी तपस् तपस्वी
तेजस् तेजस्वी मनस् मनस्वी गौरव गौरवशाली
प्रतिभा प्रतिभाशाली बल बलशाली भाग्य भाग्यशाली
ईर्ष्या ईष्यालु कृपा कृपालु दया दयालु
श्रद्धा श्रद्धालु गुण गुणवत्ती पुत्र पुत्रवती
रूप रूपवती बल बलवती कर्म कर्मनिष्ठ
कर्त्तव्य कर्त्तव्यनिष्ठ धर्म धर्मनिष्ठ सत्य सत्यनिष्ठ
आप आप जैसा यह ऐसा जो जैसा
तुम तुम सा मैं मुझसा, मेरा वह वैसा
तो तैसा (उस जैसा) कौन कैसा पढ़ना पढ़ाकू
देखना दिखावटी बनाना बनावटी उड़ना उड़ाक
बेचना बिकाऊ भूलना भुलक्कड़ आगे अगला
नीचे निचला भीतर भीतरी ऊपर ऊपरी
पीछे पिछला बाहर बाहरी
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सप्ताह साप्ताहिक बिकना बिकाऊ पंजाब पंजाबी
प्रदेश प्रदेशीय साहित्य साहित्यिक काँटा कंटीला
टिकना टिकाऊ राष्ट्र राष्ट्रीय निंदा निंदित
सेना सेनापरिच्छद सुख सुखी पराक्रम पराक्रमी
पत्थर पत्थरीला अध्यात्म आध्यात्मिक रोग रोगग्रस्त
लालच लालची प्रमाण प्रमाणिक रंग रंगीन
पुस्तक पुस्तकीय सम्मान सम्माननीय बुद्धि बुद्धिमान
शरीर शारीरिक ज्ञान ज्ञानवान प्यास प्यासा
आधार आधारिक कुदरत कुदरती विधान वैधानिक
आदर आदरणीय खाना खानाबदोश तैरना तैराक
ज्ञान अज्ञान तृप्त अतृप्त न्याय अन्याय
पूर्ण आपूर्ण प्रसनत अप्रसन धर्म अधर्म
शांति अशांति सभ्य असभ्य साधारण असाधारण
स्वस्थ अस्वस्थ आदर अनादर आगत अनागत
इच्छा अनिच्छा इष्ट अनिष्ट उचित अनुचित
उदार अनुदार एक अनेक औपचारिक अनौपचारिक
शकुन अपशकुन शब्द अपशब्द उपकार अपकार
कीर्ति अपकीर्ति यश अपयश मान अपमान
आरोह अवरोह उन्नति अवनति उत्तल अवतल
गुण अनु सुकर्म कुकर्म सुमार्ग कुमार्ग
सुविचार कुविचार सुमति कुमति सुपात्र कुपात्र
सुपुत्र कुषुत्र विख्यात कुख्यात सुपूत कपूत
सज्जन दुर्जन सदगति दुर्गति सदाचार दुराचार
सद्भावना दुर्भावना सुगन्ध दुर्गन्ध सौभाग्य दुर्भाग्य
कबूल नाकबूल काबिल नाकाबिल कामयाब नाकामयाब
खुश नाखुश पसन्द नापसन्द पाक नापाक
बालिग नाबालिग मंजूर नामंजूर मुमकिन नामुमकिन
वाकिफ़ नावाकिफ़ आशा निराशा आश्रित निराश्रित
आधार निराधार मोही निर्मोही सदोष निर्दोष
सबल निर्बल साकार निराकार साक्षर निरक्षर
स्वकीय परकोय स्वाधीन पराधीन स्वतंत्र परतंत्र
स्वार्थ पर्मार्थ अनुकूल प्रतिकूल बाद प्रतिवाद
घात प्रतिघात क्रिया प्रतिक्रिया अनुरक्ति विरक्ति
आकर्षण विकर्षण संपन्न विपन्न क्रय विक्रय
स्वदेश विदेश संयोग वियोग संश्लेषण विश्लेषण
संपदा विपदा सधवा विधवा संकल्प विकल्प
इज्ज़त बेइज्ज़्त ईमानदार बेईमान कसूरवार बेकसूर
गुनहगार बेगुनाह चैन बेचैन खौफ बेखौफ
अंत आरम्भ अंतिम आरम्भिक अमृत विष
अल्प अधिक अस्त उदयं अनिवार्य वैकल्पिक
इंसान हैवान इनकार इकरार निंदा प्रशंसा
उगलना निगलना उजड़ा बसा उजला मैला
वग्र शांत ऊसर उपजाऊक ओझल समक्ष
कंजूस दानी कटना जुड़ना कमाना खर्चना
करीब दूर कीमती सस्ता कृतज्ञ कृतध्न
कोमल कठोर खरा खोटा गुप्त प्रकट
छुटकारा बंधन जड़ चेतन जिंदाबाद मुर्दाबाद
जीवन मरण झगड़ा समझौता ठोस तरल
तीक्ष्ण मंद त्याज्य स्वीकार्य द्वेष राग
दिवस रात्रि निदंनीय प्रशंसनीय निकास प्रवेश
निठल्ला कमाऊ नौकर मालिक पालक संहारक
प्रश्न उत्तर पाप युण्य फुटकर थोक
बिक्री खरीद बनना बिगड़ना भोला चालाक
महँगा सस्ता मित्र शत्रु यशस्वी कलंकित
घृणा प्रेम चंचल स्थिर चमकौला धुँधला
छाँह धूप रक्षक भक्षक विधि निषेध
शोक हर्ष हानि लाभ
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर For More PSEB study material Visit: – https://hindipunjab.com
अनुज अग्रज कृतज्ञ कृतष्न एकता अनेकता
प्रत्यक्ष परोक्ष वीर कायर दुरुपयोग सदुपयोग
सार्थक निरर्धक निश्चित अनिश्चित करुण अकरुण
कुमार्ग सन्मार्ग आयात निर्यात उधार नकद
निर्माण विनाश मानव दानव हार जीत
प्रकाशित अप्रकाशित आशाजनक निराशाजनकं
नायक खलनायक उत्तीर्ण अनुतीर्ण खेद प्रसन्नता
1. अचल (पर्वत)
अचला (पृथ्वी)
2. अनल (अग्नि)
अनिल (वायु)
3. अनु (पीछे)
अणु (कण)
4. अन्न (अनाज)
अन्य (दूसरा)
5. अपेक्षा (चाह, आशा, तुलना में)
उपेक्षा (लापरवाही)
6. अवश्य (ज़रूरी)
अवश (बेबस)
7. अवधि (समय)
अवधी (अवध प्रान्त की भाषा)
8. अवलम्ब (सहारा)
अविलम्ब (शीघ्र)
9. असमान (जो बराबर न हो)
आसमान (आकाश)
10. आदि (आरंभ, मूल)
आदी (अभ्यस्त, आदत वाला)
11. उपयुक्त (उचित)
उपर्युक्त (जिसका वर्णन ऊपर किया गया हो)
12. उधार (कर्ज़)
उद्धार (उबारना)
13. कल्पना (मन की उपज)
कलपना (दुखी होना)
14. कुल (वंश)
कूल (किनारा)
15. गिरि (पर्वत)
गिरी (‘गिरना‘ का भूतकाल)
16. गुर (उपाय)
गुरु (शिक्षक, बड़ा, भारी)
17. दशा (हालत)
दिशा (तरफ)
18. धरा (धरती)
धारा (पानी का प्रवाह)
19. निश्चल (अटल)
निश्छल (छल रहित)
20. परिमाण (माप)
परिणाम (नाप)
21. प्रणाम (नतीजा) कल परीक्षा का परिणाम आने वाला है।
प्रमाण (सबूत नत होना, झुकना) मेरी बेगुनाही के सभी प्रमाण मैंने दिखा दिए हैं।
22. कर्म (काम) हमेशा कर्म करो फल की इच्छा मत करो।
क्रम (सिलसिला) सभी प्रश्न क्रम अनुसार ही हल करने हैं।
23. खाद (उर्वरक) अच्छी फसल के लिए खेतों में किसान खाद डालते हैं।
खाद्य (खाने योग्य) हमें पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।
24. गृह (घर) बच्चों ने अध्यापिका द्वारा दिया गया गृह कार्य कर लिया है।
ग्रह (नक्षत्र) आजकल उसके ग्रह ठीक नहीं है।
25. चर्म (चमड़ा) यह चर्म की जूती बहुत सुंदर है।
चरम (अन्तिम) राजा के अत्याचार अब चरम सीमा पर पहुँच गए हैं।
26. दिन (दिवस) हफ्ते में 7 दिन होते हैं।
दीन (गरीब) हमें दीन दुखियों की हमेशा सहायता करनी चाहिए।
27. नम्र (विनीत) राधा का स्वभाव बहुत नम्र है।
नर्म (कोमल) फूल की पंखुड़ियां बहुत नरम होती हैं।
28. नीयत (इरादा, इच्छा) उसकी नियत कुछ अच्छी नहीं लगती।
नियत (निश्चित) नियत समय में अपना कार्य पूरा करें।
29. पानी (जल) पानी एक अनमोल कुदरती धन है।
पाणि (हाथ) अपने पाणि से अपना काम खुद करें।
30. प्रसाद (अनुग्रह, देवता को चढ़ाई गई वस्तु) मंदिर में प्रार्थना के बाद पंडित जी ने हमें प्रसाद दिया।
प्रासाद (महल) राजा ने अपने बल पर कई प्रासाद खड़े किए।
31. प्रहार (चोट) दुश्मन ने राजा पर पीछे से प्रहार किए।
परिहार (त्याग) हमें कुछ पाने के लिए आलस्य का परिहार करना चाहिए।
32. बलि (बलिदान) देशभक्तों ने हिंदुस्तान को आजाद करवाने के लिए अपनी बलि दी।
बली (बलवान) वह एक बली राजा था।
33. बात (कथन, वचन) छोटे बच्चों से हमें प्यार से बात करनी चाहिए।
वात (हवा) आज भुत गर्म वाट चल रही है।
34. माँस (जीव के शरीर का माँस) शेर जंगल के जानवरों का मांस खाकर अपना पेट भरता है।
मास (महीना) एक साल में बारह मास होते हैं।
35. राज (राज्य, शासन) राजा बड़ी चतुरता से राज करता था।
राज़ (रहस्य) इस बात को राज़ ही रखना, किसी से ना कहना।
36. शोक (दुःख) उसके माता जी की मृत्यु का शोक समाचार मुझे आज सुबह ही मिला।
शौक (लालसा, रुचि) मुझे पर्वतीय स्थानों पर घूमने का शौक है।
37. संकर (तंग) यह रास्ता संकरी गुफा से होकर जाता है।
शंकर (भगवान शिव) वह शंकर का भक्त है।
38. समान (बराबर) आज के जमाने में लड़का और लड़की समान हैं।
सम्मान (मान) बड़ों का सम्मान करना हमारा परम धर्म है।
सामान (वस्तु) बिखरे हुए सामान को इकठ्ठा करके रख दो।
39. सुत (पुत्र) राजा दशरथ के चार सुत थे।
सूत (सारथि, कता हुआ धागा) अर्जुन के रथ के सुत श्री कृष्ण जी थे ।
40. बदन (शरीर) युद्ध में राजा के वदन पर गंभीर चोट लगी
वदन (मुख) युद्ध में राजा के वदन पर गंभीर चोट लगी ।
41. बहु (बहुत) यह बहु वैकल्पिक प्रश्न है।
बहू (वधू) उसकी बहु उसकी बड़ी सेवा करती है।
42. बालू (रेत) राजस्थान में मैंने बड़े-बड़े बालू के ढेर देखे।
भालू (रीछ) भालू जंगल का एक जीव है।
43. मातृ (माता) उसने अपनी मातृ की बड़ी सेवा की।
मात्र (केवल) आपको मात्र दो ही काम करने हैं ।
44. विषमय (ज़हरीला) कल वातावरण विषमय में होता जा रहा है।
विस्मय (अचंभा, हैरानी) 3डी फिल्म देखकर उसे बड़ा विस्मय हुआ।
45. शर (तीर) उसने ने शर चलाने की विद्या सीख ली थी।
सर (तालाब) हमने सर में स्नान किया।
46. सपुत्र (पुत्र सहित) आपको सपुत्र इस कार्यक्रम में आना है।
सुपुत्र (अच्छा बेटा) अच्छे व्यवहार से उसने सुपुत्र होने का प्रमाण दिया।
47. सुगंध (खुशबू) इस पुष्प की सुगंध ने मेरा मन मोह लिया।
सौगंध (शपथ) उसने आगे से कभी चोरी ना करने की सौगंध खाई।
48. हस्ति (हाथी) रजा हस्ति और बैठा था।
हस्ती (सामर्थ्य, शक्ति) उसने अपनी हस्ती पर यह युद्ध विजय किया।
अभ्यास निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्द-युग्म का प्रयोग वाक्य में करके अर्थ स्पष्ट कीजिए–
1. अन्न अन्न को व्यर्थ न छोड़ें। https://hindipunjab.com
अन्य राम के अतिरिक्त अन्य कोई स्कूल नहीं आया।
2. गिर गिरिराज हिमालय भारत देश की उत्तर दिशा में है।
गिरी वह छत से गिरी थी।
3. गुर उसने हस्तकला का यह गुर कहाँ से पाया?
गुरु गुरु जी नगर में परसों पधारेंगे।
4. नियत वे नियत समय पर कभी नहीं आते।
नीय उनकी नीयत तो खराब प्रतीत होती है।
5. प्रहार गुंडे ने चाकू से प्रहार किए थे।
परिहार गुरुजी अन्न का परिहार कर चुके हैं।
6 बालू राजस्थान में बालू के ढेर दूर से ही दिखाई देते हैं।
भालू मैंने जंगल में भालू देखा था।
7 शोक लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु से देश में शोक छा गया।
शौक पढ़ना मेरा शौक है।
8. विषमय सुकरात ने विषमय प्याला पी लिया था।
विस्मय इतनी छोटी बच्ची को सुन्दर काम करते देख सभी विस्मय में डूब गए थे।
9. सपुत्र हमारे सुपुत्र आगमन पर सभी प्रसन्न थे।
सुपुत्र पूनम का सुपुत्र तो उच्च पद पर आसीन है।
10. हस्ति राजा हस्ति-सेना लेकर युद्ध के मैदान में आ डटे थे।
हस्ती नेता जी से टकराने की उनकी कोई हस्ती नहीं है।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
विद्या ग्रहण करने वाला विद्यार्थी
देखने वाला दर्शक बोलने वाला वक्ता
सुनने वाला श्रोता डाक बाँटने वाला डाकिया
अचानक होने वाली बात या घटना आकस्मिक अपना मतलब निकालने वाला स्वाथी, मतलबी
अवसर के अनुसार बदल जाने वाला अवसरवादी आँखों के सामने होने वाला प्रत्यक्ष
आँखों के सामने न॑ होने वाला परोक्ष आलोचना करने वाला आलोचक
आगे या भविष्य की सोचने वाला दूरदर्शी ईश्वर में विश्वास रखने वाला आस्तिक
ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक उपकार को मानने वाला कृतज्ञ
उपकार को न मानने वाला कृतघ्न ऊपर कहा गया उपर्युक्त
कम खाने वाला अल्पाहारी, किसी विषय का विशेष ज्ञान रखने वाला विशेषज्ञ
कुछ जानने की इच्छा रखने वाला जिज्ञासु जिसका आदि न हो अनादि
जिसका आचरण अच्छा हो सदाचारी जिसका आचरण बुरा हो दुराचारी
जिसका कोई अर्थ हो सार्थक जिसका कोई अर्थ न हो निर्रर्थक
जिसका आकार न हो निराकार जिसका पार न हो अपार
जिसका भाग्य अच्छा न हो अभागा जिसकी परीक्षा ली जा रही हो परीक्षार्थी
जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो दीर्घायु जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो बहुचर्चित
जिसकी कोई फीस न ली जाए निःशुल्क जिसका मूल्य न आँका जा सके अमूल्य
जिसका पति मर गया हो विधवा जिसकी पत्नी मर गई हो विधुर
जिसे क्षमा न किया जा सके अक्षम्य जिसने ऋण चुका दिया हो उऋण
अपनी इन्द्रियों पर विजय पा ली हो जितेन्द्रिय जो हाथ से लिखितहों हस्तलिखित
जो लोगों में प्रिय हो लोकप्रिय जो शरण में आया हो शरणागत
जो सरलता से प्राप्त हो सुलभ जो स्वयं सेवा करताहो स्वयंसेवक
जो वेतन के बिना काम करे अवैतनिक जो देखा न जा सके अदृश्य
जो साथ-साथ पढ़ते हों सहपाठी जो थोड़ी देर पहले पैदा हुआ हो नवजात
जो थोड़ा बोलता हो मितभाषी जो कम व्यय करता हो मितव्ययी
जो नियम के अनुसार न हो अनियमित जो बात कही ना सके अकथनीय
जो पहले न पढ़ा हो अपठित जो परिचित न हो अपरिचित
जो केवल कहने और दिखाने के लिए हो औपचारिक दिन में होने वाला दैनिक
सप्ताह में एक बार होने वाला साप्ताहिक पंद्रह दिन में एक बार होने वाला पाक्षिक
तीन मास में एक बार होने वाला त्रैमासिक वर्ष में एक बार होने वाला वार्षिक
देश से द्रोह करने वाला देशद्रोही दो कामों में से करने योग्य एक कार्य वैकल्पिक
नई चीज़ की खोज करने वाला आविष्कारक विदेश में जाकर बस जाने वाला प्रवासी
पश्चिम से संबंध रखने वाला पाश्चात्य पूर्वजों से प्राप्त हुई सम्पत्ति पैतृक
प्रशंसा करने योग्य प्रशंसनीय बिना विचारे किया हुआ विश्वास अंधविश्वास
समाज से संबंधित सामाजिक सदा रहने वाला शाश्वत
सौ वर्षों का समूह शताब्दी हित चाहने वाला हितैषी
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर https://hindipunjab.com
जो कभी न मरे अमर जो‘संभव न हो सकें असंभव
दर्द से भरा हुआ दर्दीला अपने ऊपर बीती आपबीती
दूर की बात सोचने वाला दूरदर्शी जिसका कोई दोष न हो निर्दोष
जो पहले हो चुका हो अतीत पंचों की सभा दे पंचायत
मीठा बोलने वाला मृदुभाषी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक
अपनां नाम स्वयं लिखना हस्ताक्षर ज़ो स्वयं सेवा करता हो स्वयंसेत्री
छात्रों के रहने का स्थान दि छात्रावास जिसके आने की तिथि मालूम न हो अतिथि
मास में एक बार होने वाला मासिक दूसरे के काम में हाथ डालना हस्तक्षेप
दया करने वाला दयालु जो दो भाषाएँ जानता हो द्विभाषी
जो काम, से जी चुराए कामचोर जिसके मन में कपट कपटी
अर्थ – कारण, धन, मतलब, इच्छा, प्रयोजन उत्तर – जवाब, उत्तर दिशा, बाद का, प्रतिकार
कनक – धतूरा, सोना, गेहूँ, खजूर, पलाश कर – हाथ, किरण, टैक्स, सूंड़
कल – आगामी/बीता हुआ दिन, चैन, मशीन काल – समय, अंत, वर्तमानकाल, मौसम
कुल – वंश, सभी, सारा घन – बादल, घना, बहुत बड़ा हथौड़ा
घोड़ा – अश्व, शतरंज का मोहरा चंदा – चाँद, सदस्यता का शुल्क
चक्र – पहिया, कुम्हारं का चाक, चक्की, चक्कर तीर – किनारा, बाण
धूप – पूजा के लिए प्रयोग की जाने वाली धूप नाक – साँस लेने एवं सुँघने की इंद्रिय, घड़ियाल, गौरव की बात
पतंग – सूर्य, कनकोओआ, पक्षी फल – परिणाम, लाभ, प्रयोजन
बल – शक्ति, सेना, भरोसा, बलराम बाल – बालक, केश
बोझ – भार, भारी वस्तु, कार्यभार भाग – हिस्सा, दौड़, भाग्य
मंगल – मंगलवार, शुभ, सौर जगत का एक ग्रह मकर – घड़ियाल, मछली, बारह राशियों में से दसवीं राशि
वंश – कुल, बाँस व्रत – संकल्प, उपवास, नियम
हवा – वायु; साँस, अफवाह
निम्नलिखित शब्दों के अनेकार्थक शब्द लिखिए
अंक – गोद, चिह्न, संख्या, भाग्य अंबर – वस्त्र, आकाश, कपास
आम – मामूली, आक का फल, सर्वसाधारण गुरु – बड़ा, आचार्य, बृहस्पति, भारी
घट – घड़ा, शरीर, हृदय निशान – चिह्न, ध्वज, यादगार, लक्ष्य
लाल – रंग, बेटा, मूल्यवान पत्थर मत – सम्मति, वोट, मंशा, सिद्धान्त, सम्मत
भेंट – मुलाकात, मिलन, नजर हल – खेत जोतने का यंत्र, समाधान
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. वह रविवार के दिन तुम्हारे घर आएगा . वह रविवार को तुम्हारे घर आएगा।
2. आपकी नारी का क्या नाम है? आपकी पत्नी का कया नाम है ?
3. मैं अपने दादे के घर जाऊँगी। मैं अपने दादा के घर जाऊँगी।
4. माली जल से पौधों को सींचता है। माली पौधों को सींचता है।
5. उसने सभा में क्रोध प्रकट किया। उसने सभा में रोष प्रकट किया।
6. लड़का ने पत्र लिखा। लड़के ने पत्र लिखा।
7. देखो, बाहर दरवाज़े पर क्या आया है देखो, बाहर दरवाज़े पर कौन आया है?
8. दूध में कौन गिर गया है ? दूध में क्या गिर गया है?
9. मैं इस सम्बन्ध में मेरी राय प्रकट कर चुका हूँ। मैं इस सम्बन्ध में अपनी राय प्रकट कर चुका हूँ।
10. मेरे को स्कूल जाना है। मुझे स्कूल जाना है।
11. दो व्यक्ति के लिए खाना बना है। दो व्यक्तियों के लिए खाना बना है।
12. सिपाही ने युद्ध में प्राण की बाज़ी लगादी। सिपाही ने युद्ध में प्राणों की बाज़ी लगा दी।
13. उसने हस्ताक्षर कर दिया है। उसने हस्ताक्षर कर दिये हैं।
14. हम आपकी कृपाओं को कभी भूल नहीं सकते। हम आपकी कृपा को कभी भूल नहीं सकते।
15. कवि महादेवी वर्मा को कौन नहीं जानता? कवयित्री महादेवी वर्मा को कौन नहीं जानता?
16. पीतल सस्ती हो गयी है। पीतल सस्ता हो गया है।
17. पानी गिर गयी है। पानी गिर गया है।
18. मेधावी मेरी अनुज है। मेधावी मेरी अनुजा है।
19. वह अध्यापिका विद्वान है। वह अध्यापिका विदुषी है।
20. मुकेश ने पुस्तक पढ़ता है। मुकेश पुस्तक पढ़ता है।
21. उसने भूख लगी है। उसको भूख लगी है।
22. अरविन्द स्कूल को जा रहा है। अरविन्द स्कूल जा रहा है।
23. हम पढ़ने को स्कूल जाते हैं। हम पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं।
24. मैं मेरी दीदी के पास जा रहा हूँ। | मैं अपनी दीदी के पास जा रहा हूँ।
25. पेड़ों में मत चढ़ो। पेड़ों पर मत चढ़ो।
26. वह मधुरतम गाती है। वह मधुर गाती है।
27 उसने झूठ बात कही। उसने झूठीं बांत कही।
28. युद्ध में खूंखार अस्त्रों-शस्त्रों का प्रयोग किया गया। युंद्ध में विनाशकारी अस्त्रों -शस्त्रों का प्रयोंग किया गया।
29. मुझे भारी प्यास लगी हुई है। मुझे बहुत प्यास लगी हुई है।
30. प्रत्येक बालिका को चार-चार लड्डू दे दो। प्रत्येक बालिका को चार लड्डू दे दो।
31 मेरी बहन ने मुझे कहानी सुनाया। मेरी बहन ने मुझे कहानी सुनायी।
32. हमें हरी सब्जियाँ खाना चाहिए। हमें हरी सब्ज्ञियाँ खानी चाहिए।
33. गुड़िया विलाप करके रोने लगी। गुड़िया विलाप करने लगी।
34. सभापति ने अच्छा भाषण किया। सभापति ने अच्छा भाषण दिया।
35. हम कल तुम्हारे घर आऊँगा। हम कल तुम्हारे घर आएँगे।
36. कॉपियाँ ये किसकी हैं ? ये कॉपियाँ किसकी हैं ?
37. चार मालाएँ फूलों की ले आओ। फूलों की चार मालाएँ ले आओ।
38. अध्यापक ने पाठ छात्रों को पढ़ाया। अध्यापक ने छात्रों को पाठ पढ़ाया।
39. वह स्कूल गया खाना खाकर । वह खाना खाकर स्कूल गया।
40. मैं नहीं खेलने जाऊँगा। मैं खेलने नहीं जाऊँगा। डे
41. मयंक गुप्ता (डॉ०) बहुत ही न अनुभवी है। डॉ० मयंक गुप्ता बहुत ही अनुभवी हैं।
42. पुलिस द्वारा चोर को पकड़ा। पुलिस द्वारा चोर पकड़ा गया।
43. ये पंक्तियाँ ‘पंत‘ जी की कविता से ली हैं। ये पंक्तियाँ ‘पंत‘ जी की कविता से ली गयी हैं।
44. अध्यापक ने हमसे लेख लिखाया। अध्यापक ने हमसे लेख लिखवाया।
45. मेरे द्वारा पत्र लिखा। मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।
46. मैं सप्रेम सहित नमस्कार करता हूँ। मैं प्रेम सहित नमस्कार करता हूँ।
47. मनाली के अनेक दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं। मनाली में अनेक स्थल देखने योग्य हैं।
48. कृपया मेरे घर आने की कृपा करें। मेरे घर आने की कृपा करें।
49. यह स्थान केवल मात्र विकलांगों के लिए आरक्षित है। यह स्थान केवल विकलांगों के लिए आरक्षित है।
50. वह निरंतर लगातार खेलता रहता है। वह निरंतर खेलता रहता है।
51. यह पठनीय लेख पढ़ने योग्य है। यह लेख पढ़ने योग्य है।
52. पूज्नीय माता-पिता का आदर करो। पूज्य माता-पिता का आदर करो।
53. इस भोजन में बहुत कड़वाहटता है। इस भोजन में बहुत कड़वाहट है।
54. शिमला की सौन्दर्यता सबको प्रभावित करती है। शिमला की सुन्दरता सबको प्रभावित करती है।
55, मनुष्य में इन्सानियतता होनी चाहिए। मनुष्य में इन्सानियत होनी चाहिए।
56. वह बुरी तरह से घबरा गया। वह बुरी तरह घबरा गया।
57. वह बेफजूल बोल रहा है। वह फ़जूल बोल रहा है।
58, दुष्टों के डर से डरो मत। दुष्टों से डरो मत।
59. हमें वहाँ जाने से ज़रूर लाभ प्राप्त होगा। हमें वहाँ जाने से ज़रूर लाभ होगा।
60. उसके पिता जी अफसर लगे हुए हैं । उसके पिता जी अफसर हैं।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर https://hindipunjab.com
1. वह बुधवार के दिन आएगा। वह बुधवार को आएगा।
2. चारों अपराधियों का नाम बताओ। चारों अपराधियों के नाम बताओ।
3. मेरे को दिल्ली जाना है। मुझे दिल्ली जाना है।
4. उसका आँसू निकल आया। उसके आँसू निकल आए।
5. मेले में बच्ची गुम हो गया। मेले में बच्ची गुम हो गई।
6. रानी छत में खेल रही है। रानी छत पर खेल रही है।
7. वह चले गए। वे चले गए।
8. मैं गर्म गाय का दूध पीना चाहता हूँ। मैं गाय का गर्म दूध पीना चाहता हूँ
9. मैंने उसका गाना और नृत्य देखा। मैंने उसका गाना सुना और नृत्य देखा
10. बालक को थाली में रखकर खाना खिलाओ। खाना थाली में रखकर बालक को खिलाओ।
11. क्रिकेट भारत की प्रिय खेल है। भारत की प्रिय खेल क्रिकेट है।
12. मेरी कमीज़ नया है। मेरी कमीज नई है।
13. मैं मेरे घर जा रहा हूँ। मैं अपने घर जा रहा हूँ।
14. वह ‘बेफजूल बोल रहा है। वह फ़िजूल बोल रहा है।
15. क्या वह छत पर से गिर गया। क्या वह छत से गिर गया?
16. उसने मेरे आगे हाथ जोड़ा। उसने मेरे आगे हाथ जोड़े।
17. नेता जी पुनः फिर से चुन लिए गए है। नेता जी पुनः चुन लिए गए हैं।
18. वह विलाप करके रोने लगी। वह विलाप करने लगी।
19. अगले साल वह लुधियाना गया था। पिछले साल वह लुधियाना गया था।
20. वह लौटकर वापिस आ गया। वह वापस आ गया।
1. अंगारों पर पैर रखना (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना) अरे भाई, जो भी करो, सोच विचार कर करो । इस काम को करना अंगारों पर पैर रखना है।
2. अंगूठा दिखाना (साफ़ मना करना) जब मैंने उससे अपने रुपये माँगे तो उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया।
3. अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ/मतलब पूरा करना) हमारी पार्टी तभी तो विकास नहीं कर पा रही क्योंकि सभी अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं ।
4. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना) सुमित्रा दफ़्तर में किसी से बात नहीं करती, वह अपनी खिचड़ी अलग पकाती है।
5. अक्ल पर पत्थर पड़ना (सोचविचार न करना) सोहन की अक्ल पर तो पत्थर पड़ गए हैं, उसे तो अपने भविष्य की कोई परवाह ही नहीं है। https://hindipunjab.com
6. आँखें चुराना (सामने न आना ) जब से उसने मुझसे रुपये उधार लिए हैं, तब से वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है।
7. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया।
8. आस्तीन का साँप (कपटी मित्र) योगेश को हरमेश पर बहुत विश्वास था, लेकिन वहतो आस्तीन का साँप निकला।
9. इस कान सुनना उस कान उड़ा देना (किसी व्यक्ति की बात पर ध्यान न देना) वह बहुत ही लापरवाह है, इस कान सुनता है उस कान उड़ा देता है।
10. ईंट का जवाब पत्थर से देना (मुँहतोड़ जवाब देना/कठोर के साथ कठोरता का व्यवहार करना) हनुमान ने लंका में आग लगाकर रावण को ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
11. उड़ती चिड़िया पहचानना (अनुभवी होना, किसी बात को जान लेना) गुलाब राय को किसी बात में कम न समझना, वह तो उड़ती चिड़िया पहचान लेता है।
12. ऊपर की आमदनी (इधरउधर से फटकारी हुई नाजायज़ रकम/भ्रष्टाचार से कमाई रकम) ईमानदार और मेहनती व्यक्ति कभी भी ऊपरी आमदनी पर विश्वास नहीं करता।
13.एकएक रग जानना (भलीभांति परिचित होना) तुम हर बार उससे हार जाते हो क्योंकि वह तुम्हारी एकएक रग जानता है।
14. कच्चा चिट्ठा खोलना (गुप्त बात प्रकट करना) आजकल मीडिया भ्रष्ट लोगों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख देती है।
15. कफ़न सिर पर बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना) सैनिक हमेशा कफ़न सिर पर बाँधकर देश की रक्षा करते हैं।
16. कलेजे का टुकड़ा (बहुत प्रिय) सभी बच्चे अपने मातापिता के कलेजे का टुकड़ा होते हैं।
17. खाने के लाले पड़ना (बहुत गरीब होना) इस साल व्यापार में अत्यधिक हानि होने पर महेन्द्रपाल को खाने के लाले पड़ गए हैं ।
18. खून पसीना एक करना (कठोर परिश्रम करना) मेरी बेटी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्तकरने के लिए खून पसीना एक कर रही है।
19. घर सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) जब मम्मीपापा घर पर नहीं थे तो बच्चों ने घर सिर पर उठा लिया।
20. चिकना घड़ा (जिस पर कुछ भी असर न हो, निर्लज्ज व्यक्ति) वह तो चिकना घड़ा है, उसे कितना भी समझा लो फिर भी वह अपनी बुरी बातों से बाज़ नहीं आता।
21. चिकनी चुपड़ी बातें करना (चापलूसी करना) अफसर को कभी भी अपने कर्मचारियोंकी चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए।
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22. छक्के छुड़ाना (बुरी तरह पराजित करना) क्रिकेट के मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम के छक्के छुड़ा दिए।
23. ज़हर उगलना (ईर्ष्यापूर्ण बातें करना) हमें कभी भी किसी के प्रति ज़हर नहीं उगलना चाहिए।
24. जी भर आना (मन व्याकुल होना) रीना की दुःख भरी कहानी सुनकर मेरा जी भर आया।
25. टेढ़ी खीर (मुश्किल काम) फुटबॉल के मैच में इंग्लैंड टीम के लिए जर्मनी की टीम को हराना टेढ़ी खीर है।
26. ठोंकबजाकर देखना (अच्छी तरह जाँचना/परखना) उपभोक्ता की बुद्धिमानी इसी में है कि वह बाज़ार से जो भी वस्तु खरीदे उसे पहले अच्छी तरह ठोंकबजाकर देख ले ।
27. डींग हाँकना/मारना (बढ़चढ़कर बातें करना)हम उसकी बातों पर कैसे विश्वास करें, वह तो हमेशा डींग हाँकता रहता है।
28. ढेर करना (मार देना) भारतीय सैनिकों ने सीमा पर पाँच घुसपैठियों को ढेर कर दिया।
29. तलवार की धार पर चलना (बहुत ही कठिन काम करना) पंडित जी द्वारा बताई गई शिक्षाओं पर चलना तलवार की धार पर चलना है।
30. तिनके का सहारा (थोड़ा सा सहारा) डूबते को तिनके का सहारा भी बहुत होता है।
31. थककर चूर होना (अत्यधिक थक जाना) मज़दूर सारा दिन मेहनत करके थककर चूर हो जाता है फिर भी उसे उसकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिलता ।
32. दिल्ली दूर होना (लक्ष्य की प्राप्ति में देरी होना) पाँच साल पहले इस कम्पनी में आया रवि मैनेजर बनने के सपने तो देख रहा है किन्तु उसके लिए अभी दिल्ली दूर है।
33. दौड़धूप करना (अत्यधिक प्रयास करना) जिंदगी में दौड़धूप से घबराने वाले को कभी सफलता नहीं मिलती।
34. दूध का धुला (बिल्कुल निष्पाप/निष्कलंक/निर्दोष) यह माना कि वह कसूरवार है किन्तु दूध के धुले तुम भी नहीं हो।
35. नाक रख लेना (इज्जत बचा लेना) लड़की की शादी में एक लाख रुपये की मदद करके तुमने मेरी नाक रख ली, मैं तुम्हारा कृतज्ञ रहूँगा।
36. पेट में चूहे दौड़ना (भूख लगना) स्कूल में आधी छुट्टी के समय सभी बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं ।
37. पत्थर निचोड़ना (कंजूस से दान के लिए कहना या निर्दय से दया की प्रार्थना करना) वह इतना कंजूस है कि उससे दान की तनिक भी आशा करना पत्थर निचोड़ना है।
38. फूल झड़ना (मधुर बोलना) सीमा जब भी बोलती है तो ऐसा लगता है कि मुँह से फूल झड़ रहे हों ।
39. बाएँ हाथ का खेल (सरल कार्य) दो सौ मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीतना तो राकेश के लिए बाएँ हाथ का खेल है।
40. भगवान को प्यारा हो जाना (मर जाना) कल मेरे मित्र के पिता जी भगवान को प्यारा हो गये।
41. मामला रफ़ादफ़ा करना (मामला खत्म करना) सुकेश के खिलाफ कोर्ट में दहेज का मामला चल रहा था किंतु सरंपच ने दोनों पक्षों को समझा बुझा कर मामला रफ़ादफा करदिया।
42. मोती पिरोना (सुंदर लिखाई) मेधावी की लिखाई देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने मोती पिरो दिये हों ।
43. रंग उड़ना (घबरा जाना) जब अध्यापक ने विद्यार्थी को नकल करते हुए पकड़ लिया तो उसका रंग उड़ गया।
44. रुपया पानी में फेंकना (व्यर्थ खर्च करना) आजकल के इस दिखावे के युग में लोगशादियों में रुपया पानी में फेंकते हैं।
45. विपत्ति मोल लेना (जानबूझकर संकट में पड़ना) उस पहलवान से झगड़कर दिनेश ने विपत्ति मोल ले ली है।
46. शान में बटूटा लगना/फर्क आना (प्रतिष्ठा घटना) तुमने कसूर किया है इसलिए अपने बड़े भाई से माफी माँग लेने से तुम्हारी शान में बट्टा नहीं लगेगा।
47. सफेद झूठ (एकदम असत्य) हमें कभी भी किसी के प्रति सफेद झूठ नहीं बोलना चाहिए।
48. सिर आँखों पर बिठाना (बहुत सम्मान देना) जब हमारी टीम जीतकर आयी तो शह ने सभी खिलाड़ियों को सिरआँखों पर बिठा लिया।
49. सिर पर पाँव रखकर भागना (बहुत तेज़ी से भाग जाना) चारों तरफ से पुलिस से घिर जाने पर चोर सिर पर पाँव रखकर भाग निकला।
50. हरी झंडी दिखाना (स्वीकृति देना) मंत्री जी ने हमारे गाँव में हाई स्कूल खोलने की योजना को हरी झंडी दिखा दी ।
नीचे दिए गए मुहावरों के अर्थ समझकर वाक्य बनाइए (अभ्यास कार्य)
1. अपने पैरों पर खड़े होना (आत्मनिर्भर होना) दीपक के पिता बहुत खुश हैं क्योंकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया है।
2. आँच न आने देना (किसी तरह का नुकसान न होने देना) मनप्रीत ने अपनी दोस्त से मदद ली पर दोस्त पर आँच तक न आने दी ।
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3. उन्नीसबीस का अंतर होना (बहुत कम अंतर होना) सुमन और दीपक की लंबाई में उन्नीसबीस से ज्यादा फर्क नहीं है।
4. कान में तेल डाल लेना (बात न सुनना) अध्यापक ने इतने अच्छे तरीके से पढ़ाया लेकिन तुम्हें कुछ भी समझ नहीं आया क्या तुम कान में तेल डालकर बैठे थे?
5. गले का हार (बहुत प्यारा) वही दोस्त जो कल तक गले का हार थे, बुरा वक़्त आने पर छोड़ कर चले गए।
6. चैन की बंसी बजाना (सुखपूर्वक रहना) बेटी की शादी के बाद सेवक आजकल अपने घर पर चैन की बंसी बजा रहे है।
7. तिल का ताड़ बनाना (छोटी सी बात को बढ़ाना) हरमन ने इतनी छोटी सी बात पर लित का ताड़ बना दिया और गाँव के लोगो को इकठ्ठा कर लिया ।
8. दाँतों में जीभ होना (चारों ओर विरोधियों से घिरे रहना) जब से महेद्र की लड़ाई कॉलेज के छठे हुए बदमाशों से हुई है तब जब भी वह कॉलेज आता है तो ऐसा लगता है कि उसके बत्तीस दाँतो में जीभ है।
9. पीठ दिखाना (हारकर भाग जाना) युद्ध में पीठ दिखाकर भागना कायरों की निशानी है ।
10. मुँह में पानी भर आना (ललचाना) मिठाई देखते ही हुसन के मुँह में पानी भर आया।
कुछ प्रचलित लोकोक्तियाँ (कक्षा – दसवीं पाठ्क्रम)
1. अपना लाल गंवाय के दरदर माँगे भीख (अपनी वस्तु लापरवाही से नष्ट करके दूसरों से माँगते फिरना) राम ने अपनी सारी दौलत तो जुए में गँवा दी और अब लोगों से उधार लेकर गुज़ारा करता है। किसी ने ठीक ही कहा है अपना लाल गंवाय के दरदर माँगे भीख।
2. अधूरा छोड़े सो पड़ा रहे (जो कार्य बीच में ही छोड़ दिया जाता है वह प्राय अधूरा रह जाता है) सुनो, तुम जो भी काम शुरू करते हो उसे बीच में ही छोड़कर किसी दूसरे काम में लग जाते हो। क्या तुम नहीं जानतेअधूरा छोड़े सो पड़ा रहे ।
3. अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताये (जब कोई व्यक्ति दूसरों से जो कहे परंतु उसको स्वयं न करे या उसका स्वयं लाभ न उठाए) लाला जगतराम जी, तुम दूसरों को सुबहशाम सैर करने का उपदेश देते रहते हो किन्तु सैर न करने के कारण तुम्हारी स्वयं की तोंद तो बढ़ती ही जा रही है । इसे कहते हैं अपना कोढ़ बढ़ता जाय, औरों को दवा बताये।
4. आसमान से गिरा खजूर में अटका (एक संकट से छूटकर / बचकर दूसरे में फँस जाना) वह चोरी के मामले से छूटकर आया ही था कि हेराफेरी के मामले में फँस गया। इसे कहते हैं आसमान से गिरा खजूर में अटका।
5. आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी (आँखों से देखी हुई बात सच होती है, कानों से सुनी हुई नहीं) केवल सुनी सुनाई बात के आधार पर मोहनचंद को चोर कहना ठीक नहीं है। क्या तुम नहीं जानते आँखों देखी सच्ची, कानों सुनी झूठी ?
6. ऊँट किस करवट बैठता है ( नतीजा न जाने क्या हो) भारत और श्रीलंका के बीच क्रिकेट मैच के फाइनल मैच को जीतने में कड़ी होड़ लगी हुई है। देखें, ऊँट किस करवट बैठता है।
7. एक तंदुरुस्ती हज़ार नियामत (सेहत बहुत बड़ा धन है) माँ ने अपनी पुत्री को कहा, ” पढ़ाई के साथसाथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखो क्योंकि एक तंदुरुस्ती हज़ार नियामत होती है । “
8. ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर (कठिन काम करने का निश्चय करके बाधाओं से न घबराना) अरी बहन! जब नयी कोठी बनवानी शुरू कर ही दी है तो अब खर्चे से क्यों घबराती हो, ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर।
9. का वर्षा जब कृषि सुखाने (असमय की सहायता लाभदायक नहीं होती) अरे, चोर तो उसके घर से सब कुछ लूटकर भाग गये, अब पुलिस के आने से क्या फायदा। कहा भी है का वर्षा जब कृषि सुखाने ।
10. कथनी नहीं करनी चाहिए (जब कोई इंसान बातें तो बहुत करता है परन्तु करता कुछ भी नहीं) तुम हर बार बड़ीबड़ी बातें करके हमारी वोटों से कॉलेज के प्रधान बन जाते हो किंतु छात्रों की समस्याओं का कोई हल नहीं निकालते। याद रखो! हमें इस बार कथनी नहीं, करनी चाहिए।
11. कौआ कोयल को काली कहे (जब कोई व्यक्ति स्वयं दोषी होने पर भी दूसरे की बुराई करे तो उसके लिए व्यंग्य से ऐसा कहा जाता है) उस पर स्वयं तो भ्रष्टाचार के दोष तय हो चुके हैं किंतु वह दूसरों की सारा दिन बुराई करता रहता है, इसे कहते हैं कौआ कोयल को काली कहे ।
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12. क्या जन्म भर का ठेका लिया है? (कोई भी इंसान किसी को जीवन भर सहायता नहीं दे सकता) सुनो, जब तुम बेरोज़गार थे तो उसने तुम्हें अपने घर पर आश्रय दिया था किंतु अब नौकरी मिल जाने पर तो तुम्हें अपना ठिकाना ढूँढ़ ही लेना चाहिए। उसने तुम्हारा क्या जन्म भर का ठेका लिया है?
13. काठ की हाँडी बारबार नहीं चढ़ती (कपटी व्यवहार सदैव नहीं किया जा सकता) पिछली बार तुम हमें धोखा देने में कामयाब हो गये थे किंतु इस बार हम पूरी तरह सत्तर्क हैं । जानते नहींकाठ की हाँडी बारबार नहीं चढ़ती।
14. कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर (समय/आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे की सहायता करना) एक दिन तुमने मेरी मदद की थी, आज मैं तुम्हारी मदद कर रहा हूँ। किसी ने ठीक ही कहा है कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर।
15. घर का भेदी लंका ढाए ( आपसी वैर विरोध घर का नाश कर देता है) विभीषण ने श्रीरामचन्द्र से मिल कर रावण को मरवा कर लंका को नष्ट कराया था। सच है घर का भेदी लंका ढाए।
16. जो गरजते हैं वे बरसते नहीं (शेखी मारने वाले व्यक्ति कुछ नहीं करते) रौनकलाल की धमकियों की तनिक भी चिंता न करना| क्या तुम नहीं जानते कि जो गरजते हैं वे बरसते नहीं।
17. जोते हल तो होंवे फल (मेहनती व्यक्ति को ही फल की प्राप्ति होती है) सुखविन्द्र सिंह की बेटी ने साल भर कठिन परिश्रम किया, इसीलिए दसवीं की परीक्षा में पंजाब भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया। सच है, जोते हल तो होवें फल ।
18. जाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई (जिसने स्वयं दुःख नहीं झेला, वह दुखियों का दुःख नहीं समझ सकता) अमीर लोग महँगाई भरी जिंदगी में ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की मुसीबतों को क्या समझेंगे । ठीक ही कहा हैजाके पैर न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।
19. तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर (आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए ) जब बेटे ने अपने पिता से कहा कि यदि हमें भी औरों की तरह थोड़ा कर्ज़ लेकर ठाटबाट का जीवन जीना चाहिए तब पिता जी ने उसे समझाते हुए कहा बेटा ! तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर |
20. तुम जानो तुम्हारा काम जाने (बारबार समझाने पर भी जब कोई न समझे और मनमानी करे तो उसे समझाना बेकार ही जाता है) देखो, तुम मेरे गाँव के रहने वाले हो इसीलिए तुम्हें इतनी बार समझाचुका हूँ कि छात्रावास के इन बुरे लड़कों की संगति छोड़ दो । यदि नहीं मानते तो तुम जानो तुम्हारा काम जाने ।
21. तू डालडाल मैं पातपात (विरोधी की चाल समझना/ अधिक चालाक होना) कुश्ती प्रतियोगिता में दिनेश कोई भी पैंतरा अपनाता तो गुरमीत उसे पहले ही भाँप कर उसे नाकाम कर देता और मन ही मन कहता कि तू डालडाल मैं पातपात।
22. नीम हकीम खतरा जान (अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है) जब तुम्हें कार ठीक करनी नहीं आती तो इसका सारा इंजन खोलकर क्यूं बैठ गये हो, क्या तुम्हें नहीं पता, नीम हकीम खतरा जान ?
23. नेकी कर दरिया में डाल (किसी का उपकार करके उसे जताना नहीं चाहिए) भई, ठीक है तुमने गरीब गंगाराम की बेटी की शादी में उसे दो लाख रुपये देकर उसका भला किया किन्तु अब गाँव में सभी को बता क्यों रहे हो, क्या तुम नहीं जानते नेकी कर दरिया में डाल।
24. नाम बड़े और दर्शन छोटे (प्रसिद्धि के अनुसार गुण न होना) तुमने तो कहा था कि संगीता बहुत मधुर गाती है किन्तु उसे गाते हुए सुनकर तो यही लगता है कि नाम बड़े और दर्शन छोटे।
25. सीधी उंगली से घी नहीं निकलता (निरी सिधाई से काम नहीं चलता) थानेदार ने चोर से कहा कि तुम प्यार से नहीं अपितु पिटाई से ही चोरी कबूल करोगे। किसी ने ठीक ही कहा है सीधी उंगली से घी नहीं निकलता।
नीचे दिए गए लोकोक्तियों के अर्थ समझकर वाक्य बनाइए (अभ्यास कार्य)
1. अपना वही जो आवे काम (मित्र वही है जो मुसीबत में काम आए) सरदार सिंह की बेटी की शादी में जब उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत पड़ी तब रविसिंह ने उसे मुंहमांगी रकम तुरंत दे दी तो सरदार सिंह कह उठा अपना वही जो आवे काम।
2. आग लगाकर पानी को दौड़ना (झगड़ा कराने के बाद स्वयं ही सुलह कराने बैठना) पहले तो संदीप रमन से लड़ती रही फिर स्वयं ही उसे मनाने लगी तो रमन ने कहा तुम तो आग लगा कर पानी को दौड़ने का काम कर रही हो।
3. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे (अपराध करने वाला उल्टी धौंस जमाए) बलकार सिंह ने साइकिल से ठोकर मार कर वृद्ध को गिरा दिया और फिर उसे बुराभला कहने लगा, इसी को कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
4. ओस चाटे प्यास नहीं बुझती (अधिक आवश्यकता वाले को थोड़ेसे संतुष्टि नहीं होती) हाथी का पेट एक केले से नहीं भरता उसे तो कई दर्जन केले खाने के लिए देने होंगे क्योंकि उसकी ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।
5. कोठी वाला रोए छप्पर वाला सोए (धनी प्रायः चिंतित रहते हैं और निर्धन निश्चिन्त रहते हैं) मनराज करोड़ों का मालिक है। उसे अपने धन की सुरक्षा की सदा चिंता बनी रहती है। जबकि सुखराज फक्कड़ है, इसलिए सदा खुश रहता है। इसलिए कहते हैं कि कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये।
6. बन्दर घुड़की, गीदड़ धमकी (झूठा रौब दिखाना) राजीव कुछ करताधरता नहीं है बेकार ही सब को बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी देकर डराता रहता है।
7.बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय (पुरानी एवं दुःखपूर्ण बातों को भूलकर भविष्य के लिए सावधानी बरतनी चाहिए) दविंदर को व्यापार में बहुत घाटा हुआ तो सिर पकड़ कर बैठ गया तब सेवा सिंह ने उसे समझाया कि बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय तब सब ठीक हो जाएगा।
8. मन चंगा तो कठौती में गंगा (मन शुद्ध हो तो घर ही तीर्थ समान) अशुद्ध मन से तीर्थाटन करने से कोई लाभ नहीं होता, घर पर ही मानसिक शुद्धि हो जाए तो वही तीर्थाटन हो जाता क्योंकि मन चंगा तो कठौती में गंगा होती है।
9. सावन हरे न भादौं सूखे (सदा एक जैसी दशा रहना) रेशम सिंह गरीबी में पाईपाई के लिए मरता था, अब उसका व्यापार चमक उठा है तो भी वह पाई उत्तर पाई के लिए मर रहा है, उसकी तो सावन हरे न भदौं सूखे जैसी हालत है
10. हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ (सहायता प्रदान करने वाले को ही धमकाना) भोला की स्कूटर से टक्कर हो गई तो वह गिर पड़ा, सुजान ने उसे हाथ पकड़ कर उठाया तो वह उसी पर बरस पड़ा इसी को कहते हैं हमारी बिल्ली हमी से म्याऊँ।
मार्गदर्शन, सहयोग व आभार
डॉ.राजन, हिंदी स्टेट रोसोर्स प्रश्न पंजाब
डॉ.सुमन सचदेवा, रीटा हिंदी अध्यापिका, मलोट
योगेश रानी, स.मॉ.स.स. स्कूल कौड़ियां वाली फाज़िल्का
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